साल भर नहीं आई याद, 15 दिन बचे तो निकाला बुंदेलखंड राहत सामग्री टेंडर

Update: 2016-03-17 11:33 GMT

लखनऊ : बुंदेलखंड कई सालों से प्राकृतिक आपदा की मार झेलता आ रहा है। कभी ओलावृष्टि तो कभी सूखे ने वहां के किसानों की कमर तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अब जब मौजूदा वित्तीय वर्ष समाप्त होने में 15 दिन भी नहीं बचे हैं तो शासन के आला अफसरों को बुंदेलखंड के आपदा प्रभावित परिवारों की याद आई है और अब उनके लिए राहत सामग्री टेंडर निकाला गया है।

मुख्य सचिव की वीडियो कांफ्रेंसिंग में सच आया सामने

-मुख्य सचिव ने बुंदेलखंड में पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए हो रहे कामों का गुरूवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जायजा लिया।

-बुंदेलखंड के सात जिलों में खाद्यान वितरण के लिए टेंडर कराया गया है।

-मौजूदा वित्तीय वर्ष खत्म होने में 15 दिन भी नहीं बचे हैं।

-खाद्य सामग्री सूखा प्रभावित सात जिलों में उपलब्ध कराई जानी है।

-केंद्र सरकार ने सूखे से प्रभावित परिवारों में खाद्य सामग्री बांटने के लिए मानक निर्धारित किए हैं।

-यह सामग्रियां झांसी, जालौन, ललितपुर, चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर और महोबा जिलों के प्रभावितों में बांटी जानी हैं।

-उन परिवारों को 10 किलो आटा, 25 किलो आलू, 5 किलो चने की दाल, 5 लीटर सरसों का तेल, एक किलो देशी घी देना है।

-बच्चों के लिए प्रति परिवार एक किलो मिल्क पाउडर वितरित कराया जाना है।

-बुंदेलखंड को आपदा राहत के लिए अब तक 1848 करोड़ दिए गए हैं।

-2014-15 में ओलावृष्टि से राहत के लिए बुंदेलखंड को लगभग 232 करोड़ दिए गए।

-2014 में सूखे से निपटने को लगभग 126 करोड़।

-2015 में ओलावृष्टि से राहत के लिए लगभग 1404 करोड़।

-2015 में सूखे से राहत के लिए लगभग 70 करोड़।

 

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