कतर्निया अभ्यारण्य: अब यहां बाघ, तेंदुए की दहशत, 15 दिन से स्कूल नहीं जा रहे बच्चे

कतर्निया अभ्यारण्य के खैरी गांव में बाघ व तेंदुए की दहशत है। यहां 12 दिन पहले जंगल से निकले तेंदुए ने जमकर उत्पात मचाया था। दौड़ाकर एक युवक समेत तीन को गंभी

Update: 2017-12-20 09:00 GMT
कतर्निया अभ्यारण्य: अब यहां बाघ, तेंदुए की दहशत, 15 दिन से स्कूल नहीं जा रहे बच्चे

बहराइच: कतर्निया अभ्यारण्य के खैरी गांव में बाघ व तेंदुए की दहशत है। यहां 12 दिन पहले जंगल से निकले तेंदुए ने जमकर उत्पात मचाया था। दौड़ाकर एक युवक समेत तीन को गंभीर रूप से घायल किया था। वृद्ध महिला व पुरूष का इलाज ट्रामा सेंटर में चल रहा है। तब से गांव के इर्द-गिर्द बाघ व तेंदुए की बराबर दस्तक हो रही है। लोगों को दहाड़ सुनाई देती है। जिससे खौफजदा बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है। वहीं गांव के बड़ों ने भी सूरज ढलने के बाद घरों से निकलना छोड़ दिया है। लेकिन व वन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। जिससे लोगों में आक्रोश है।

कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग अंतर्गत ककरहा रेंज का गंगापुर खैरी गांव जंगल से सटा हुआ है। आसपास ग्रामीणों ने गन्ने की बोआई कर रखी है, जो तेंदुए व बाघों के प्रवास के लिए मुफीद साबित हो रहा है। बीते सात दिसंबर को तेंदुआ गांव में आ गया था। ग्रामीणों ने तेंदुआ को भगाने की कोशिश की तो उसने पूरे गांव को दौड़ाया। इस बीच तेंदुए ने घर के बरामदे में बैठे अनिल (30) पुत्र शिव प्रसाद, 65 वर्षीय रूप नारायन पुत्र कंधई और 75 वर्षीय लक्ष्मीना देवी पत्नी तूफानी पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। करीब दो घंटे तक चले तेंदुए के उत्पात से ग्रामीण अभी अभी खौफ में हैं। रूप नारायण व लक्ष्मीना का इलाज लखनऊ में चल रहा है।

वहीं तेंदुए के पदचिन्ह गांव के इर्द गिर्द दिखाई पड़ते हैं। दहाड़ भी सुनाई देती है। आये दिन मवेशियों को तेंदुए अपना निवाला बना रहा है। जिससे शाम होते ही लोग घरों में कैद हो जाते हैं। वहीं दिन में बच्चें घर की छतों पर ही खेलते हैं। ग्रामीणों की दिनचर्या बिगड़ गयी है। खेती बाड़ी के कार्य पर भी असर पड़ रहा है। लेकिन वन्यजीवों के हमले का खौफ का सबसे अधिक असर बच्चों के भविष्य पर पड़ रहा है।

15 दिन से स्कूल नहीं जा रहे बच्चे

गांव निवासी सपना बालिका कन्या विद्या मंदिर स्कूल में क्लास तीन की छात्रा है। वह कहती है कि घर वालों ने स्कूल जाने व घर से बाहर निकलने से मना कर दिया है। डर रहता है कि कहीं तेंदुआ मुझे मार न दे। डॉ राम मनोहर लोहिया इण्टर कॉलेज में कक्षा तीन के छात्र मनोज की भी यही व्यथा है। उसने बताया कि वह 15 दिन से स्कूल नही जा रहा है। पढाई ठप्प हो गयी है। लिटल स्टार स्कूल में कक्षा एक के छात्र सन्नी देवल राजभर ने बताया कि घर के बाहर खेलना भी बंद हो गया है। घर में ही पढ़ाई करता हूं। कक्षा तीन के छात्र सोनू, कक्षा दो की छात्र बिंदी, कक्षा छह की छात्रा आंचल ने बताया कि दिन में भी तेंदुए गांव में आ जाता है। बाहर जाएंगे तो हमें भी तेंदुए मार देगा। मम्मी-पापा ने स्कूल से जाने व घर से बाहर निकलने के लिए मना कर दिया है।

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