गोरखपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख अनिरुद्ध देशपांडे ने कहा कि संस्कार को बढ़ाना संस्कार को व्यवस्थित करना और संघ कार्य को समाज में एक आदर्श स्थान प्राप्त कर उचित स्थान लेना यह हमारी प्राथमिकता रहती है। संघ किसी एक समाज का संगठन नहीं है, संघ पूरे समाज का संगठन है, संघ ही समाज है और समाज ही संघ है।
प्रणब दा के भाषण में महात्मा गांधी की हत्या का जिक्र नहीं, येचुरी नाराज हैं
आरएसएस की 20 दिवसीय शिक्षा वर्ग द्वितीय वर्ष सामान्य एवं प्रथम वर्ष विशेष के समापन समारोह सुभाष चंद्र बोस नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख अनिरुद्ध पांडे सम्मिलित हुए संघ द्वारा संचालित शाखा पिछले 21 दिनों से चल रही थी। जिसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र अवध काशी गोरक्ष प्रांत और नेपाल राज से आए द्वितीय वर्ष सामान्य एवं प्रथम वर्ष विशेष के 522 प्रशिक्षार्थियों ने परम पवित्र भगवा ध्वज की प्रदक्षिणा की तथा नियुद्ध, दण्डयुद्ध, खेल, आसन, योग, दण्डयोग, तिष्टयोग आदि का प्रदर्शन भी किया।
उन्होंने कहा हिंदू समाज को खड़ा करना संपन्न करना और उत्पन्न करना संघ का कार्य है, संघ को लेकर बहुत जगह चर्चा होती है। संघ का उद्देश्य देश, समाज की उन्नति के सिवा और कोई नहीं है। संघ हिंदू राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के बारे में बताता है और सिखाता है, परिस्थितियां कैसी भी हो संघ का कार्य कभी रुकता नहीं है। निरंतर चलता रहता है, इतना बड़ा समय बीत जाने के पश्चात भी एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को छूने में संकोच क्यों करता है।
‘मियां शरीफ’ ने मुशर्रफ के साथ जैसा किया उसे कहते हैं हिसाब बराबर करना
शायद दिखावे के लिए छूते है लेकिन मन से छूने की बात अगर आती है तो मनुष्य अवसर तलाश कर छूता है। श्मशान सबके लिए एक ही होता है, मंदिर में सभी को प्रवेश करने का हक होता है। आज हमें यह भी मिलता है सौ प्रतिशत धूप में नहीं दिखाई पड़ते मंदिरों में प्रवेश जाति के आधार पर होता है, मृत्यु के पश्चात भी श्मशान सबके लिए एक नहीं है।
संघ में केवल हम यह प्रयास करते हैं सब की समानता और सबकी सहभागिता यही संघ का मुख्य उद्देश्य है। कोई भी स्वयंसेवक दूसरे स्वयंसेवक से जाती नहीं पूछता जाति के आधार पर बातचीत नहीं करता यही संगम समाज में दिखना चाहिए।