लखनऊ: औरैया में एक बुजर्ग महिला को बेला पुलिस ने आसरा दिया है। महिला का नया घर अब पुलिस थाना है, और पुलिस उसका परिवार। अब इस महिला की सारी जिम्मेदारी पूरे थाने के अलावा आस-पास के साहूकारों पर भी हैं। जो उधर से गुजरता है थानें की बुढ़िया अम्मा से उनकी फरमाइश पूछता है। अगर अम्मा ने कुछ कह दिया तो उसे तुरंत पूरा भी करता है।
एसओ बेला अनिल कुमार पाण्डेय ने क्या कहा
-बात चार महीने पुरानी है, ठंड के समय में हमें एक दुकान के पास एक महिला दिखाई दी।
-वह ठंड से कांप रही थी और डरी हुई थी। उसे जब हमने कंबल देना चाहा तो बिना बोले लेने से मना कर दिया।
-लेकिन तभी बरसात होने लगी तो मैंने महिला कांस्टेबल को उसे थानें के अंदर छाया में लाने के लिए कहा।
एक बार आने के बाद बना लिया अपना घर
-अनिल पाण्डेय ने बताया कि इसके बाद से हमने उसके लिए मेस से खाने का प्रबंध करवाया।
-फिर क्या वह धीरे-धीरे हमारी आदत बन गई।
-सुबह उठकर उसके लिए मेस वाले से पूछना, महिला कांस्टेबल से उनकी जरूरत के बारे में जानना।
-उसे उपलब्ध करवाना थानें के हर शख्स की आदत में शामिल हो गया।
-अब महिला कांस्टेबल परमिला उनका पूरा ख्याल रखती हैं।
कौन है बुजर्ग महिला
-सीओ बिधुना बालक राम ने बताया कि महिला का नाम वंदना है।
-वह नागपुर के कामती थाना में रहने वाले राम कृपाल की पत्नी हैं।
-जब इस बारे में नागपुर पुलिस से संपर्क किया गया तो पता चला कि कामती थाना हैं।
-महिला के घर पर जाकर पूछताछ की गई लेकिन कोई उसकी पहचान का नहीं मिला।
घर जाने को नहीं है तैयार
-महिला से घर जाने के बारे में पूछा जाता है तो वह गुस्सा हो जाती है और सबसे बात करना बंद कर देती है।
-तो लोग समझ जाते हैं और आगे से ऐसा नहीं करने का वादा करके उसे मनाते हैं।
कोतवाली थाना बिधुना में भी दो साल से रह रही है एक महिला
-बेला थाने के अलावा उसी सर्किल के थाने बिधुना में भी एक बुजुर्ग ने अपना आशियाना बना रखा है
-इसे उसके बेटों ने उसे घर से निकाल दिया हैं। वह बुजुर्ग अब थाने की अम्मा हैं।