UP Budget 2021: योगी के बजट में सौगातों की बारिश, चुनाव से पहले बड़े एलान
जानकारों के मुताबिक बजट में किसानों, श्रमिकों, युवाओं और महिलाओं को साधने के लिए लुभावनी योजनाओं का एलान किया जा सकता है। इसके साथ ही बजट में बुनियादी ढांचे के विकास पर भी जोर दिए जाने की संभावना है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को योगी सरकार का पांचवां और आखिरी पूर्ण बजट पेश किया जाएगा। सूबे के इतिहास में यह पहला पेपरलेस बजट होगा और इससे करीब पांच लाख की बचत होगी। माना जा रहा है कि इस बजट में चुनावी तैयारियों की झलक दिख सकती है क्योंकि इसके जरिए सरकार अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए अपनी जमीन को मजबूत बनाने का पूरा प्रयास करेगी।
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जानकारों के मुताबिक बजट में किसानों, श्रमिकों, युवाओं और महिलाओं को साधने के लिए लुभावनी योजनाओं का एलान किया जा सकता है। इसके साथ ही बजट में बुनियादी ढांचे के विकास पर भी जोर दिए जाने की संभावना है।
सरकार का आखिरी पूर्ण बजट
प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना सुबह 11 बजे विधानसभा में योगी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट पेश करेंगे जबकि विधानपरिषद में नेता सदन डॉक्टर दिनेश शर्मा बजट प्रस्तुत करेंगे।
प्रदेश के 2021-22 के बजट का आकार करीब 5.5 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान जताया गया है। बजट पेश करने से पहले सुबह कैबिनेट बैठक होगी जिसमें बजट को मंजूरी दी जाएगी।
इन वर्गों के लिए खास एलान संभव
प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और माना जा रहा है कि चुनाव से पहले कार्यकाल के आखिरी बजट में योगी आदित्यनाथ की सरकार लोकलुभावन बजट पेश कर सकती है। जानकारों का मानना है कि इस बजट में युवाओं के साथ ही किसानों, श्रमिकों,छात्रों तथा महिलाओं के लिए कुछ बड़े एलान किए जा सकते हैं।
सरकार बजट के जरिए अपनी सियासी जमीन को पुख्ता बनाने की कोशिश करेगी। बजट में व्यापारियों,नौजवानों और बेरोजगारों के लिए भी कुछ खास एलान किए जा सकते हैं। लोकलुभावन घोषणाओं के जरिए समाज के सभी वर्गों का समर्थन हासिल करने की कोशिश की जा सकती है।
इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी होगा सरकार का जोर
लोकलुभावन घोषणाओं के साथ ही प्रदेश के बुनियादी ढांचे के विकास पर भी सरकार का विशेष फोकस रहेगा। बजट सत्र से पहले हुई भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में सरकार की चार साल की उपलब्धियों पर मजबूती से अपना पक्ष रखने का फैसला किया गया था।
सबका साथ, सबका विकास की दिखेगी झलक
बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई थी कि बजट के बाद पार्टी को अगले साल प्रदेश में विधानसभा का महत्वपूर्ण चुनाव लड़ना है। इसीलिए माना जा रहा है कि इस बजट के जरिए सरकार हर वर्ग को संतुष्ट करने की कोशिश कर सकती है।
पीएम नरेंद्र मोदी शुरुआत से ही सबका साथ और सबका विकास का नारा देते रहे हैं। ऐसे में इस बजट में सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास जीतने की झलक दिख सकती है।
बजट का आकार बढ़ाने की तैयारी
जानकारों का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश को बजट घाटे को 3 से बढ़ाकर 5 फीसदी किए जाने की छूट के बाद प्रदेश सरकार अपने बजट का आकार बढ़ाने की तैयारी में जुटी हुई है।
मौजूदा वित्तीय वर्ष 2020 21 में सरकार का बजट कुल 5.13 लाख करोड़ का है मगर 2021-22 के लिए 5.5 लाख करोड़ का बजट पेश किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
कर्मचारियों और पेंशनरों पर मेहरबानी
चुनाव से पहले सरकार कर्मचारियों और पेंशनरों का विश्वास जीतने की दिशा में भी कदम बढ़ाएगी। प्रदेश में कर्मचारियों की संख्या करीब 16 लाख है जबकि करीब 12 लाख पेंशनर हैं। सरकार बजट के जरिए इन्हें संतुष्ट करने की कोशिश कर सकती है।
इसलिए माना जा रहा है कि महंगाई भत्ते को जुलाई 2021 से बहाल किया जा सकता है। इसके लिए सरकार को अतिरिक्त राशि मुहैया करानी पड़ेगी और इस बार के बजट में इसका प्रावधान हो सकता है।
मुफ्त वैक्सीन का एलान संभव
कोरोना संकटकाल में सरकार की ओर से वैक्सीन को लेकर भी बड़ा एलान किया जा सकता है। जानकारों के मुताबिक सभी प्रदेशवासियों को मुफ्त कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने की घोषणा की उम्मीद भी जताई जा रही है। इसके साथ ही फिल्म सिटी के निर्माण के लिए भी बजट में प्रावधान किए जाने की उम्मीद है।
धार्मिक नगरों में बढ़ेंगी सुविधाएं
प्रदेश के प्रमुख धार्मिक नगरों अयोध्या, मथुरा, काशी और गोरखपुर में सुविधाएं बढ़ाने और पर्यटन के नजरिए से इन स्थानों का विकास करने के लिए भी बजट में बड़ी घोषणा की जा सकती है।
उन गांवों के लिए भी बजट में एलान किया जा सकता है जहां अभी तक उचित संपर्क मार्ग नहीं बने हैं। बजट में स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए टेबलेट या लैपटॉप की घोषणा की उम्मीद भी जताई जा रही है।
वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज में लाइट मेट्रो
केंद्र सरकार की ओर से बजट में लाइट मेट्रो के लिए प्रावधान किए जाने से प्रदेश के तीन शहरों वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर में लाइट मेट्रो चलने की राह आसान हो गई है। शुरुआत में राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के सात महानगरों लखनऊ, आगरा, गोरखपुर, मेरठ, कानपुर, वाराणसी और प्रयागराज में मेट्रो चलाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था।
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मौजूदा समय में सिर्फ लखनऊ में ही मेट्रो ट्रेन चल रही है। कानपुर और आगरा में मेट्रो रेल परियोजना का काम शुरू किया जा चुका है जबकि मेरठ में रैपिड रेल परियोजना पर काम चल रहा है। गोरखपुर, वाराणसी और प्रयागराज में मेट्रो रेल परियोजना में आ रही बाधाओं के कारण अब इन शहरों में लाइट मेट्रो की संभावनाएं जताई जा रही हैं। माना जा रहा है कि योगी सरकार की ओर से इन तीनों शहरों के लिए भी लाइट मेट्रो की घोषणा की जा सकती है।
रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी
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