यूपी के 36 हजार किमी ग्रामीण सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे, तीन हजार किमी हुए ध्वस्त
राजकुमार उपाध्याय
लखनऊः सपा सरकार बनने के बाद से ही सीएम अखिलेश यादव अक्सर सार्वजनिक मंचों से कहते रहे हैं ''यदि आप गति दोगुनी कर दें तो अर्थव्यवस्था को तीन गुना बढ़ा सकते हैं।'' पर अखिलेश सरकार के कार्यकाल के साढे चार साल बीतने के बाद भी इसका असर सड़कों की खस्ता हालत पर नहीं दिख रहा है। लोक निर्माण विभाग की हालिया अधिकृत रिपोर्ट के मुताबिक राज्य की 36 हजार किमी ग्रामीण सड़कों पर सिर्फ गडढे ही गडढे हैं और इनमें से तीन हजार किमी सड़कें ध्वस्त हालत मे हैं। यह आंकड़े गड्ढामुक्त सड़कों के दावों की असलियत बयां करते हैं।
मजे की बात यह है कि सरकार ने अपने अब तक के कार्यकाल में 26106 किमी सड़कों के नवीनीकरण का काम किया है और अगले कुछ महीनों में 36 हजार किमी सड़कों को दुरूस्त करने का दावा कर रही है। देखा जाए तो प्रदेश की मौजूदा जनसंख्या 20 करोड़ से ज्यादा है। यहां 97941 गांव हैं और इन इलाको में 1.49 लाख किमी सड़क है। पर सपा सरकार के कार्यकाल में अब तक इनमें से 36 हजार किमी सड़कों पर कोई काम नहीं हो पाया है। इसके अलावा तीन हजार किमी सड़कें ध्वस्त पड़ी हैं। विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा सरकार के कार्यकाल में भी इन सड़कों की हालत बदलती नहीं दिख रही है क्योंकि वर्ष 2016—17 में सरकार ने सिर्फ 13054 किमी ग्रामीण सड़कों का काम स्वीकृत किया है और सपा सरकार बनने के बाद से हर वर्ष औसतन 6 हजार किमी ग्रामीण सड़कों के नवीनीकरण का काम हर वर्ष हुआ है। यदि मौजूदा वर्ष में ग्रामीण सड़कों की नवीनीकरण का यह लक्ष्य पूरा भी कर लिया जाए तो भी बड़ी संख्या में खस्ताहाल सड़के शेष रह जाएंगी।
स्पेशल रिपेयर का मनमाना दाम
सूबे के 19520 किमी खस्ताहाल सड़कों की विशेष मरम्मत के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। विभागीय जानकारों के मुताबिक इनके कामों के दर भी मनमाने तरीके से तय किए जाते हैं जबकि जिन सड़कों के नवीनीकरण का प्रस्ताव होता है। उनके काम की दर परम्परागत दर पर ही तय होती है।
ड्रोन कैमरे से भ्रष्टाचार पर लगाम का दावा
विभागीय इंजीनियरों के मुताबिक ड्रोन कैमरे के इस्तेमाल से सड़कों के काम में भ्रष्टाचार पर लगाम लगी है। पहले इंजीनियर निर्माणाधीन सड़क के कुछ तस्वीरें दिखाकर अपने पीठ थपथपा लेते थे। पर अब उनसे निर्माणाधीन सड़क की वीडियोग्राफी मांगी जाती है। ड्रोन कैमरे ने इसे आसान कर दिया है। इसमें सड़कों की स्थिति साफ दिखाई देती है कि सड़क कहां पर ध्वस्त है और कहां पर बनी हुई है।
शहरों के 2214 किमी सड़कें चलने लायक नहीं
बात करें अन्य जिला मार्गों की तो प्रदेश में 2214 किमी अन्य जिला मार्ग चलने लायक नहीं हैं। इसके अलावा 200 किमी मार्ग ध्वस्त पड़े है। नए सिरे से इसका निर्माण करना होगा जबकि ऐसे ही 1868 किमी राज्य मार्ग और 2120 प्रमुख जिला मार्ग निर्माणाधीन हैं।
सपा सरकार बनने के बाद हर वर्ष ग्रामीण सड़कों के सुधार की स्थिति
वर्ष सड़क
2012—13 8737 किमी
2013—14 6077 किमी
2014—15 8353 किमी
2015—16 2938 किमी
2016—17 13054 किमी (प्रस्तावित)
लोक निर्माण विभाग की श्रेणीवार मार्गों की स्थिति
मार्ग की श्रेणी कुल लम्बाई
राज्य मार्ग 7597 किमी
प्रमुख जिला मार्ग 7338 किमी
अन्य जिला मार्ग 43512 किमी
ग्रामीण मार्ग 149193 किमी
विभागाध्यक्ष का जानकारी से इंकार
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता विकास एवं विभागाध्यक्ष विजय कुमार सिंह ने इन आंकड़ों की जानकारी से इंकार करते हुए कहा कि अभी उन्होंने शासन को 1990 ध्वस्त ग्रामीण सड़कों के बाबत प्रस्ताव भेजे हैं। जिनकी कुल लम्बाई 4201 किमी है। यह प्रस्ताव एक—दो दिन में स्वीकृत हो जाएंगे। इसके अलावा ध्वस्त मार्गों के और प्रस्ताव भेजने हैं। 300 से 400 करोड़ के ध्वस्त मार्गों के और काम कराएंगे। उनका कहना है कि जो सड़के काफी समय से खराब और उखड़ी पड़ी थीं। उन पर काम किया जा रहा है।