बनारस: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) एक बार फिर से देश भर में चर्चा में है। इस बार चर्चा का विषय किसी हंगामें को लेकर नहीं बल्कि यहां पर संचालित हो रहे ‘संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय’ नामक विभाग और वहां पर जुट रही लोगों की भारी भीड़ को लेकर है।
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देश -विदेश के लोग यहां आकर विद्वानों से सम्पर्क कर रहे है और अलग-अलग तरीके से अपने नक्षत्रों को ठीक करवाकर बीमारियों से निजात पा रहे है। बीएचयू के पीआरओ प्रो. राजेश कुमार ने newstrack.com से बात की और इस बारे में विस्तार से जानकारी दी।
पाखंड से बचने के लिए शुरू किया गया केंद्र
प्रो. राजेश ने बताया कि देश में अभी भी बहुत से ऐसे लोग है जो बीमारियों का इलाज कराने के लिए फर्जी ज्योतिषियों या बाबाओं के चक्कर में फंसकर अपना पैसा और जान दोनों गंवा रहे है। फर्जी ज्योतिषी लोगों की भावनाओं का फायदा उठाकर उनसे बिना वजह मनमाना पैसे का दोहन करते हैं।
ऐसे लोगों को फर्जी ज्योतिषी से बचाने और सही परामर्श प्रदान करने के लिए ही बीएचयू के अंदर ‘संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय’ नामक विभाग के अंदर ज्योतिष परामर्श केंद्र की स्थापना की गई है। यहां नियुक्त विद्वान लोगों की समस्याओं और रोगों का निदान उनकी कुंडली के अनुसार करते हैं।
सिर्फ सौ रुपये है ओपीडी शुल्क
परामर्श पाने के लिए लोगों को सौ रुपये की ओपीडी पर्ची कटानी होती है। ओपीडी में अधिकतर करियर, शादी, आजीविका व माता-पिता के स्वास्थ्य से जुड़े मामले आ रहे हैं।
ऐसे होता है नक्षत्रों से इलाज
ज्योतिषाचार्यों का कहना है यह कोई जादू नहीं है बल्कि सीधा-साधा विज्ञान का मेलजोल है। ज्योतिष में कुंडली देखकर ये पता करते हैं कि व्यक्ति की उम्र कितनी शेष है। अगर उसकी उम्र शेष है तो उसके नक्षत्रों की गणना से यह पता लगाया जाता है कि उसे कौन सा रोग है और उसका क्या निदान है। नक्षत्रों के इलाज के लिए ओपीडी में तीन तरह के निदान बताए जाते हैं- मणि, मंत्र और औषधि।
दिवस विशेषज्ञ
सोमवार - प्रो. चंद्रमा पांडेय
मंगलवार - प्रो. गिरिजा शंकर शास्त्री
बुधवार - प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय
गुरुवार - प्रो. रामजीवन मिश्र
शुक्रवार - डा. सुभाष पांडेय
शनिवार - डा. विनय कुमार पांडेय
रविवार - डा. शत्रुघ्न त्रिपाठी