Sonbhadra News: धरती के भगवान की घिनौनी करतूत, डिलीवरी के लिए पहुंची महिला से ऐंठे हजारों

Sonbhadra News: मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें प्रसव के लिए पहुंची महिला से आठ हजार रुपये ऐंठ लिए गए।;

Published By :  Praveen Singh
Update:2022-03-22 22:41 IST

गर्भवती महिला (फोटो- सोशल मीडिया)

Sonbhadra News: एक तरफ सरकार जहां संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क सुविधा का लाभ देने में लगी हुई है। वहीं धरती का भगवान कहे जाने वाले कुछ चिकित्सक ऐसे हैं, जो इसे कमाई का जरिया बनाने लगे हैं। मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें प्रसव के लिए पहुंची महिला से आठ हजार रुपये ऐंठ लिए गए। वह भी भुगतान कैश के रूप में नहीं बल्कि ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के जरिए लिया गया। मामले की जानकारी कांग्रेस तक पहुंची तो प्रकरण को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए। जिला प्रवक्ता शत्रुंजय मिश्रा की तरफ से इसकी एक शिकायत भी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को सौंपी गई है, जिस पर जांच शुरू हो गई है।

शिकायत में अवगत कराया गया है कि पिछले माह राबर्ट्सगंज की एक महिला डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल स्थित प्रसव केंद्र में भर्ती हुईं थी। उसकी डिलीवरी नॉर्मल हुई थी। आरोप लगाया गया है कि डिलीवरी के नाम पर ड्यूटी पर तैनात महिला चिकित्सक ने डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए आठ हजार का भुगतान ले लिया। शिकायत में यह भी कहा गया है कि इससे पहले भी नॉर्मल डिलीवरी और ऑपरेशन से होने वाली डिलीवरी के नाम पर रुपए की उगाही किए जाने की शिकायत सामने आती रहती है। इसको लेकर शिकायतकर्ता एवं अन्य की तरफ से कई बार शिकायत भी जा चुकी है लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा इस पर गंभीरता न दिखाए जाने से, प्रसव के लिए पहुंचने वाले मरीजों का आर्थिक शोषण जारी है। शिकायत करने वाले शत्रुंजय मिश्रा की बात पर यकीन करें तो प्रसव के समय प्रसूता की मां ने आर्थिक तंगी का हवाला भी दिया था लेकिन अस्पताल में किसी ने भी उसकी एक न सुनी। मजबूरन उसे आठ हजार का इंतजाम कर ऑनलाइन ट्रांसफर करना पड़ा।

कई की प्राइवेट प्रैक्टिस तो कई ने खोल रखा है बड़ा अस्पताल

जिला अस्पताल में मरीजों के निशुल्क इलाज के नाम पर ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों की चांदी कटती रही है। कुछ ऐसे चिकित्सक और चिकित्सा महकमे के अधिकारी हैं, जो सरकारी सेवा में रहने के बावजूद अच्छी खासी प्राइवेट प्रैक्टिस और परिवार के सदस्य के नाम की आड़ में अस्पताल का संचालन करा रहे हैं। वहीं कुछ ऐसे हैं जिन्होंने जिला अस्पताल की आड़ में अच्छा-खासा चिकित्सा व्यवसाय जमाने के बाद, स्वयं एक बड़े अस्पताल के मालिक एवं संचालक बन गए हैं। यहां के मरीजों की कम जागरूकता और उनकी अशिक्षा का फायदा उठाकर यहां तैनाती पाए कुछ चिकित्सक ऐसे भी हैं, जिन्होंने सोनभद्र को अब स्थाई ठिकाना बना लिया है।

मिली है शिकायत, की जाएगी कार्रवाई- सेलफोन पर वार्ता में सीएमएस क्रांति कुमार ने कहा कि शिकायत मिली है। जांच की जा रही है। जल्द ही इसको लेकर कार्रवाई भी की जाएगी। 

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