Sonbhadra: रिकॉर्ड बिजली खपत के बीच ओबरा की तीन इकाइयां ठप, एक साथ ट्रिपिंग से मचा हाहाकार

Sonbhadra: तीनों इकाइयों की ट्रिपिंग के पीछे नौवीं इकाई में अचानक आई खराबी को कारण बताया जा रहा है। वहीं, ठप पड़ी इकाइयां, जल्द उत्पादन पर आ जाएं, इसके लिए शक्ति भवन से निगरानी रखी जा रही थी।

Published By :  aman
Update:2022-05-14 18:15 IST

यूपी में बिजली संकट (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Sonbhadra News: बिजली की रिकॉर्ड खपत के बीच राज्य के स्वामित्व वाली ओबरा परियोजना (Obra Project In Sonbhadra) की तीन इकाइयां शनिवार दोपहर करीब साढ़े ग्यारह बजे एक साथ ट्रिप कर गई। इससे जहां ओबरा परियोजना का 500 मेगावाट से अधिक उत्पादन लुढ़क गया। वहीं, बिजली की उपलब्धता को लेकर जूझ रहे पावर सेक्टर में हाहाकार मच गया।

इन तीनों इकाइयों की ट्रिपिंग (Tripping Of All Three Units) के पीछे नौवीं इकाई में अचानक आई खराबी को कारण बताया जा रहा है। वहीं, ठप पड़ी इकाइयां, जल्द उत्पादन पर आ जाएं, इसके लिए शक्ति भवन से निगरानी रखी जा रही थी।

24970 मेगावाट पहुंची मांग, ट्रिपिंग से मचा हड़कंप

आपको बता दें कि, मई महीने में भी लगातार बिजली की खपत में बढ़ोतरी का क्रम जारी है। शुक्रवार की रात 'पीक आवर' में बिजली की मांग 24907 मेगावाट पहुंच गई। इससे जहां पूरी रात पावर सेक्टर में हड़कंप की स्थिति बनी रही। वहीं, सिस्टम कंट्रोल के लिए के लिए महंगी बिजली खरीदकर और बीच-बीच में कटौती कर हालात संभाले गए। शनिवार को दिन में भी बिजली की मांग 22000 मेगावाट के करीब बनी रही। जिसके मद्देनजर सोनभद्र सहित सूबे के कई हिस्सों में बिजली कटौती की गई। साथ ही, महंगी बिजली खरीदकर भी हालात को संभालने की कोशिश हुई।

तीन इकाईयां अचानक ठप, वजह पता नहीं

इसी बीच शनिवार दोपहर लगभग 11.34 बजे ओबरा परियोजना की एक-एक कर 200 मेगावाट क्षमता वाली नौवीं, 11वीं और 12वीं इकाई ट्रिप कर गई। 13 नंबर इकाई पहले से बंद पड़ी है। समाचार दिए जाने तक यहां सिर्फ 10वीं इकाई से 176 मेगावाट बिजली पैदा हो रही थी। नॉर्दन रिजन लोड डिस्पैच सेंटर से मिली जानकारी के अनुसार, नौवीं इकाई में अचानक से ऐसी क्या खराबी आई कि इकाई ट्रिप हो गई, इसका पता नहीं चल पाया है। वहीं, 11वीं और 12वीं इकाई के ट्रिपिंग के पीछे नौवीं इकाई की बस बार प्रोटेक्शन (एलबीबी) में खराबी को कारण बताया जा रहा है।

कब तक लोड पर आएगी इकाई, नहीं मिला जवाब

बता दें कि, ओबरा से महज दो से तीन रुपए प्रति यूनिट में बिजली उपलब्ध होती है। इसलिए यहां की इकाई की ट्रिपिंग को लेकर, शक्ति भवन तक हड़कंप की स्थिति बनी रही। ठप हुई इकाइयां जल्द लोड पर ले ली जाए, इसके लिए शक्ति भवन से निगरानी भी की जाती रही। हालांकि, बंद इकाइयां कब तक उत्पादन पर आ जाएंगी, इसके बारे में सीजीएम इं. दीपक कुमार के सेलफोन पर संपर्क किया गया तो उनकी काॅल रिसीव नहीं हुई। जीएम प्रशासन जीके मिश्रा मीटिंग में व्यस्त मिले।

PRO ने कन्नी काटी

वहीं, पीआरओ (PRO) अनुराग मिश्रा ने इस मसले पर कुछ भी कहने से कन्नी काट ली। बता दें, कि अप्रैल से चल रहे कोयला संकट (Coal Crisis) और बिजली की उच्च मांग के बीच ओबरा से राज्य को लगातार 600 मेगावाट से उपर बिजली मिलती रही है। लेकिन, शनिवार को अचानक तीन इकाइयों के ठप होने से जहां पावर सेक्टर में सस्ती बिजली की उपलब्धता को लेकर हायतौबा की स्थिति बनी रही। वहीं, इस गैप को महंगी बिजली और आपात कटौती से पूरा किया जाता रहा।

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