Kanpur News: यहां 80 रूपए किलो बेचा गया टमाटर, लेने के लिए उमड़ी भीड़

Kanpur News: कानपुर में भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ 80 रूपए किलो टमाटर बेचेगा। इस अवसर पर भाजपा नेता सुरेश अवस्थी ने टमाटर से लदे लोडरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

Update:2023-07-16 17:14 IST

Kanpur News: कानपुर में भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ 80 रूपए किलो टमाटर बेचेगा। इस अवसर पर भाजपा नेता सुरेश अवस्थी ने टमाटर से लदे लोडरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। नवीन मार्केट से रवाना हुए लोडरों के द्वारा अलग-अलग स्थानों पर बिक्री होगी। रविवार शाम जिन इलाकों में ये टमाटर लदे वाहन पहुंचे, खरीदारी करने के लिए लोगों की काफी भीड़ उमड़ी दिखाई दी।

भारी बारिश व आपूर्ति प्रभावित होने पर बढ़ी कीमत

मानसून की भारी बारिश और आपूर्ति प्रभावित होने से खुदरा बाजारों में टमाटर की कीमतें 140 से 160 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर तक पहुंच गई हैं। ऐसे में खुदरा उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए केंद्र सरकार चुनिंदा शहरों में रियायती दरों पर टमाटर बेच रही है। भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ द्वारा 80 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से टमाटर उपलब्ध कराया जा रहा है। कानपुर में स्टाल लगाकर और मोबाइल वैन के जरिए टमाटर की बिक्री की जा रही है। शाखा प्रबंधक सौम्या बिष्ट ने बताया कि टमाटर के दामों को काबू में लाने के लिए भारत सरकार ने यह योजना चालू की है। उन्होंने बताया कि लखनऊ और दिल्ली के बाद अब कानपुर में जनता को 80 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से टमाटर उपलब्ध कराया जा रहा है। स्टाल और 10 मोबाइल वैन के जरिए शहर में घूम-घूम कर रियायती दरों पर टमाटर बेचा जा रहा है।

अपेक्षाकृत सस्ता टमाटर मिलने से लोगों के खिले चेहरे

शाखा प्रबंधक सौम्या बिष्ट का कहना है कि रियायती दरों पर टमाटर मिलने से जनता भी काफी खुश नजर आ रही है। उनका कहना था कि टमाटर महंगा होने की वजह से लोग सब्जी में टमाटर नहीं खरीद रहे थे लेकिन अब सस्ते दाम पर सरकार ने टमाटर उपलब्ध कराएं हैं। टमाटर खरीदने वालों ने सरकार का धन्यवाद अदा किया है। ग्राहकों ने बताया कि जब सरकार कम दामों में टमाटर बेच सकती है, तो सब्जी विक्रेता क्यों नहीं बेच रहे हैं। मौसम खराब होते ही सब्जियों के दाम क्यों बढ़ जाते हैं। जहां फेरी लगाने वाला कहता है कि बारिश में सब्जी सड़ रही है, तब भी व्यापारी सब्जी महंगी बेच रहे हैं। व्यापारी किसानों से कम दामों में सब्जी लेकर अपने पास स्टोर कर लेता है। फिर मुंह मांगी कीमत में सब्जी बेचता है। जिसका असर जनता पर पड़ता है।

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