Tractor Trolley Accident: इस महीने हो चुकी हैं 26 मौतें, आखिर कौन है जिम्मेदार
Tractor-Tally Accident : यूपी में ट्रैक्टर ट्राली का मुख्य कारण अकुशल ड्राइवरों का होना माना जाता है। जिनके पास कामर्शियल वैहिकल ड्राइव करने का लाइसेंस नहीं होता।
Tractor-Tally Accident: यूपी में सड़क सुरक्षा के ज्यादातर दावे फाइलों में चल रहे हैं। हकीकत में सड़कों पर वाहन चालकों की मनमानी चल रही है। जिसके कारण आए दिन ट्रैक्टर ट्राली हादसे हो रहे हैं। सुरक्षित सफर में सबसे बड़ी परेशानी आन रोड पार्किंग और रांग साइड ड्राइविंग है। इनके कारण हर महीने कई लोगों की मौत हो जाती है। वाहनों के दिनरात आवागमन होने के बावजूद जीटी रोडों पर वाहन खड़े कर दिए जाते है। जिसके कारण तेज रफ्तार से आ रहे वाहन चालक वाहन की रफ्तार को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं। जिसके कारण लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है।
यूपी में ट्रैक्टर ट्राली हादसा आम बात बन गई आए दिन ट्रैक्टर ट्राली हादसे होते रहते हैं लोग मर जाते हैं। लेकिन जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं होता है। यूपी में ट्रैक्टर ट्राली का मुख्य कारण अकुशल ड्राइवरों का होना माना जाता है। ज्यादा लोगों के पास में ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होते हैं इसके बावजूद वह सड़कों पर ट्रैक्टर ट्राली दौड़ाते हैं।
आज ही लखनऊ के इटौंजा में एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर ट्राली तालाब में पलट गई जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों की संख्या अभी बढ़ सकती है। इस ट्रैक्टर ट्राली में 46 लोग सवार थे। इस ट्रैक्टर ट्राली हादसे का मुख्य कारण ओवर स्पीडिंग माना जा रहा है।
ललितपुर में झांसी-ललितपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बम्होरी सर के निकट कल यानी कि रविवार 25 सितंबर को सुबह भीषण हादसा हो गया था। ट्रक और ट्रैक्टर ट्रॉली की आमने सामने भिड़ंत में चार मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 15 से ज्यादा मजदूर घायल हुए थे।
आजमगढ़ जिले में 2 सितंबर को एक ट्रैक्टर ट्राली पलट गई थी जिसमें दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। यह हादसा सरायमीर के सीधा सुल्तानपुर नहर के किनारे हुआ। यह हादसा उस समय हुआ था जब ट्रैक्टर ट्राली बिल्डिंग मैटेरियल लेने के लिए जा रहा था।
सहारनपुर जिले में 27 सितंबर को थाना देवबंद के समीप एक टैक्ट्रर ट्राली और कार के बीच टक्कर में चार लोगों की मौत हो गई जबकि 15 लोग घायल हो गये थे।
28 अगस्त को हरदोई जिले के पाली में किसानों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली पुल की रेलिंग तोड़कर गर्रा नदी में जा गिरी थी, जिसमें सात लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी, जबकि 14 किसान गर्रा नदी से तैरकर बाहर आ गए थे।