पैदल चलते-चलते थक गए मजदूर: तो ट्रेनी IPS ने किया ऐसा, हर कोई कर रहा चर्चा
उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में पोस्टेड एक ट्रेनी आईपीएस अफसर ने कोरोना संकट को लेकर लागू लॉकडाउन में इंसानियत और मानवता की मिसाल पेश की। उन्होंने वर्दी का कर्तव्य तो निभाया ही लेकिन एक नेक इंसान होने का फर्ज भी निभाया।
रायबरेली: लॉकडाउन के बीच सबसे ज्यादा अगर कोई परेशान हो रहा है तो वह प्रवासी मजदूर हैं। घर वापसी के लिए वे सैकड़ो मील पैदल चल कर अपने राज्य व् गाँव पहुँच रहे हैं। वैसे तो प्रशासन को प्रवासी मजदूरों की हर संभव मदद के निर्देश मिले हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले से एक आईपीएस अफसर की जो नेकी और मानवता की तस्वीर सामने आयी, वो हर पुलिसकर्मी का गर्व से सीना चौड़ा कर देने वाली है।
ट्रेनी आईपीएस अफसर ने पेश की मानवता की मिसाल
दरअसल, उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में पोस्टेड एक ट्रेनी आईपीएस अफसर ने कोरोना संकट को लेकर लागू लॉकडाउन में इंसानियत और मानवता की मिसाल पेश की। उन्होंने वर्दी का कर्तव्य तो निभाया ही लेकिन एक नेक इंसान होने का फर्ज भी निभाया।
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प्रवासी मजदूरों से जाना हाल, मदद के लिए बढ़ाया हाथ
हम बात कर रहे हैं, ट्रेनी आईपीएस पलाश बंशल की। मामला जिले के मिल एरिया थाना क्षेत्र के प्रगति पुरम के पास का है, जहां दर्जन भर मजदूर पैदल बिहार के लिए जा रहे थे। तभी ट्रेनी आईपीएस पलाश बंशल उधर से गुजरे। आईपीएस अफसर ने मजदूरों को देखते ही अपनी गाड़ी रोक दी। उतर कर मजदूरो के पास गए और उनका हालचाल जाना। अपने बीच एक बड़े अधिकारी को पाकर मजदूरों ने अपना पूरा दर्द बयान कर दिया।
पैदल चलते चलते थक गए मजदूरों को ट्रक से किया बिहार रवाना
मजदूरों ने आईपीएस से कहा, 'पैदल चलते चलते बहुत तक गए हैं साहब'। आईपीएस उनको देख कर मजदूरों की पीड़ा समझ गए। मदद के लिए उन्होंने रास्ते से गुजर रहे एक ट्रक को रोका और सभी मज़दूरों को उस पर बैठाकर बिहार के लिए भिजवाने का काम किया। मजदूर जाते जाते आईपीएस को दुआएं और उनकी कर्तव्यनिष्ठता को सलाम कह गए।
नरेंद्र
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