ट्रांसजेंडर समुदाय मिला अजीत पवार से
मुंबई, 8 दिसंबर। महाराष्ट्र सरकार ने विपरीतलिंगियों के कल्याण हेतु एक "Transgender Welfare Board - विपरीतलिंगी कल्याण बोर्ड" की स्थापना की पहल की है। महाराष्ट्र उपमुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कल विपरीतलिंगियों का एक समूह उपमुख्यमंत्री, अजीत पवार से मिला। ट्रांसजेंडर समूह के साथ हुई इस बैठक में विपरीतलिंगियों की समस्याओं को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री, अजीत पवार के अलावा एनसीपी सांसद सुप्रिया सूले एवं सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुण्डे भी मौजूद थे।
ट्रांसजेंडर समुदाय ने एनआरसी पर चिंता दर्ज की
ट्रांसजेंडर समूह ने एनआरसी लागू होने की स्थिति में उनके समक्ष पहचान दस्तावेजों की कमी स्थिति उत्त्पन्न हो सकती है। ऐसी स्थिति का सामना करने के लिए विपरीतलिंगी समूह अपने कल्याण के लिए एक ट्रांसजेंडर्स कल्याण बोर्ड के निर्माण का प्रस्ताव रखा। उपमुख्यमंत्री, अजीत पवार ने उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य में एनआरसी लागू होने की स्थिति में ट्रांसजेंडरों के लिए एक अलग खिड़की की व्यवस्था कर दी जाएगी।
उपमुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि विपरीतलिंगी कल्याण बोर्ड की स्थापना आने वाले 20 दिनों के भीतर ही कर दी जाएगी। मुम्बई जिला उपनगरीय विधिक सेवा प्राधिकरण की पहली ट्रांस महिला सलमा खान इस प्रतिनिधिमण्डल के साथ बैठक में मौजूद थीं। सलमा खान ने अपने समूह की बात रखते हुए बैठक में कहा, हममें से ज्यादातर लोग अपने घरों को छोड़कर आये हुए लोग हैं और अब हमारा अपने घरों से सम्बन्ध भी लगभग नहीं है, ऐसी स्थिति में हममें से अधिकतर के पास राष्ट्रीयता साबित करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं होंगे। यह हमारे लिए एक बड़ी चिंता का विषय है।
ट्रांसजेंडर मतदाता सूची का निर्माण
महाराष्ट्र में मतदाता सूची के आधार पर कम से कम 2,634 ट्रांसजेंडर हैं, लेकिन वास्तविक संख्या इससे बहुत अधिक हो सकती है। विपरीतलिंगी कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार से महाराष्ट्र में ट्रांसजेंडरों की जनगणना के लिए भी निवेदन किया है।
सुप्रिया सूले और धनंजय मुण्डे भी बैठक में रहे शामिल
ज्ञात हो सितंबर 2014 में, महाराष्ट्र सरकार ने महिला एवं बाल कल्याण विभाग से ट्रांसजेंडरों से संबंधित कल्याणकारी योजनाओं और नीतियों को सामाजिक न्याय विभाग में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया था। उसी समय इनके लिए एक कल्याण बोर्ड बनाने का भी फैसला लिया गया था। अक्टूबर 2017 में, राज्य महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने सामाजिक न्याय विभाग को 5 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जिनसे ट्रांसजेंडर योजनाओं और नीतियों को संभाला गया। दिसंबर 2018 में, सामाजिक न्याय विभाग ने समुदाय के लिए एक कल्याण बोर्ड का गठन किया, लेकिन सदस्यों की नियुक्ति करना अभी बाकी है।
इस कल्याण बोर्ड को लेकर ही उपमुख्यमंत्री, अजीत पवार, एनसीपी सांसद सुप्रिया सूले एवं सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुण्डे ने संयुक्त रूप से विपरीतलिंगी समूह को आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि अगले बीस दिनों के भीतर विपरीतलिंगी कल्याण बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति के साथ Transgender Welfare Board की स्थापना पूर्ण कर दी जाएगी।