UP Roadways Workers Strike: रोडवेजकर्मियों के हड़ताल पर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह सख्त, बोले- नेतागिरी करने वालों के खिलाफ करेंगे कार्रवाई

UP Roadways Workers Strike: 8 नवंबर को प्रदेश में रोडवेज की एक भी बस सड़क पर दौड़ती नजर नहीं आएगी। उनके इस ऐलान से परिवहन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-10-24 15:15 IST

Transport Minister Dayashankar Singh (photo: social media )

UP Roadways Workers Strike: यूपी रोडवेज के हजारों कर्मचारी प्रदेश में चक्का जाम करने का ऐलान कर चुके हैं। अपनी मांगों पर सरकार के उदासीन रवैये से नाराज लगभग 50 हजार रोडवेज कर्मियों ने हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। 8 नवंबर को प्रदेश में रोडवेज की एक भी बस सड़क पर दौड़ती नजर नहीं आएगी। उनके इस ऐलान से परिवहन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। रोडवेज कर्मियों के हड़ताल पर विभागीय मंत्री की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है।

परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने रोडवेज कर्मियों के हड़ताल पर सख्त रूख अपनाया है। मंत्री सिंह ने परिवहन कर्मियों द्वारा लगाए गए शोषण के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि पिछले दिनों हमने उन्हें 11 प्रतिशत बोनस दिया है। ऐसा तब है जब इनके द्वारा रोडवेज के निजीकरण करने और बेचने की बातें की जा रही थीं। परिवहन विभाग में लगातार नई नियुक्तियां हो रही हैं और पुराने कर्मचारियों का प्रमोशन हो रहा है।

नेतागिरी करने वालों के खिलाफ करेंगे कार्रवाई

दयाशंकर सिंह ने कहा कि अगले साल प्रदेश में एक भी एआरएम नहीं रहेगा, सभी सेवानिवृत हो चुके होंगे। इसलिए 93 नए एआरएम की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि परिवहन निगम की हालत लगातार सुदृढ़ हो रही है। परिवहन मंत्री ने दावा किया कि प्रदेश में एकमात्र परिवहन निगम ही जो फायदे में चल रही है, बाकी सभी निगम घाटे में चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह रोडवेज कर्मियों की मांगों पर बातचीत करने के लिए तैयार हैं। लेकिन जो कर्मी हड़ताल कर नेतागिरी करेंगे, उनके खिलाफ नियम के मुताबिक विभागीय कार्रवाई होगी।

10,500 बसों के पहिए थम जाएंगे

रोडवेजकर्मियों द्वारा जो मांगें परिवहन के अधिकारियों के समक्ष उठाई गई है, उसका निस्तारण अगर आठ नवंबर से पहले नहीं होता है तो सूबे में चक्का जाम तय है। प्रदेश में रोडवेज के10,500 बसों के पहिए थम जाएंगे। इसमें लखनऊ परिक्षेत्र से चलने वाली हजारों बसें भी शामिल हैं। इससे करीब 15 लाख यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ेगा। बिजलीकर्मियों के आंदोलन के बाद सरकार के किसी विभाग का ये दूसरा बड़ा आंदोलन होने जा रहा है।

क्या है मांगें 

रोडवेज कर्मियों ने सरकार के सामने कई मांगें उठाई हैं। जिनमें कुछ प्रकार मांगें इस प्रकार हैं - महंगाई भत्ता 42 फीसदी दिया जाए, दीपावली पर डीए और संविदाकर्मी को 15 हजार रूपये मिले, नियमितकर्मियों को शैक्षिक योग्यता पर प्रमोशन मिले, कार्यालय अधीक्षक को एआरएम बनाया जाए, रोडवेज बस और निजी बस के टैक्स बराबर हो, 42 फीसदी डीजल की कीमत बढ़ने पर किराया बढ़े, मृतक आश्रितों की भर्ती हो।

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