JAYPEE से जवाब मांग रहे 27 हजार निवेशक, कब मिलेगा पैसा और मकान

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की ओर से जेपी समूह के जेपी इंफ्राटेक दिवालिया घोषित करने की याचिका स्वीकार करने के बाद नोएडा-ग्रेटर नोएडा के करीब 27 हजार फ्लैट निवेशकों पर संकट के बादल मंडराने लगे है।

Update:2017-08-11 17:15 IST

नोएडा : नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की ओर से जेपी समूह के जेपी इंफ्राटेक दिवालिया घोषित करने की याचिका स्वीकार करने के बाद नोएडा-ग्रेटर नोएडा के करीब 27 हजार फ्लैट निवेशकों पर संकट के बादल मंडराने लगे है।

यदि कंपनी अपनी वित्तीय स्थिति में 270 दिनों में सुधार नहीं करती तो उसकी परिसंपत्तियों को निलाम किया जाएगा। ऐसे में फ्लैट की आसपास में अपनी जीवन भर की कमाई लगा बैठे निवेशकों के सामने यह प्रश्न खड़ा हो चुका है कि अब वह क्या करेंगे। उनके पैसे और फ्लैटों का क्या होगा।

महज 5000 फ्लैटों पर मिला कब्जा

जेपी इंफ्राटेक 32 हजार फ्लैटों का निर्माण कर रहा है। रेरा के तहत जेपी के ग्रुप हाउसिंग और कर्मीिशयल के तौर पर कुल 24 परियोजना रजिस्टर्ड है। महज 5000 फ्लैटों पर ही कब्जा दिया गया है। जबकि 27 हजार फ्लैटों पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र में घर का सपना देखने वाले 3500 आवंटी भी फंस सकते है।

प्राधिकरण के मुताबिक यमुना एक्सप्रेस-वे बनाने के एवज में जेपी को 2005-06 में 2500 हेक्टेयर की लैंड फॉर डेवलेपमेंट और एक हजार हेक्टेयर की स्पोर्टस सिटी की जमीन दी गई थी। स्पोर्टस सिटी का आवंटन जेपी एसआई वहीं, यमुना एक्सप्रेस की जमीन जेपी इंफ्राटेक के नाम पर है। स्पोर्टस सिटी की जमीन पर बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट और तीन रिहाएशी प्रोजेक्ट सर्किट वन व टू और नेचर व्यू है। तीनों प्रोजेक्ट में करीब 3500 निवेशक फंसे हुए है। काम ठप होने के बाद यमुना प्राधिकरण ने बिल्डर से निवेशकों का पैसा वापस करने को कहा। जिसका शेड्यूल तैयार किया जा रहा है।

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निवेशक मांग रहे जवाब हमे कैसे मिलेगा पैसा

मौके पर मौजूद बायर्स ने कहा कि यदि 270 दिनों में हालत नहीं सुधरे तो बैंक तो जेपी की परिसंपत्तियों को बेचकर अपना पैसा ले लेगा। लेकिन खरीददारों का क्या होगा। उनकी पैसों की अदायगी कैसे होगी।

नेफोमा के अध्यक्ष अन्नू खान ने बताया कि निलामी के दौरान क्या उनका पैसा भी उन्हें वापस मिलेगा या नहीं। इस पर संशय कायम है। कोई भी अधिकारी जवाब देने को तैयार नहीं है। ऑफिस में भी कोई बात करने को तैयार नहीं है। अन्नू खान ने बताया कि प्रोजेक्ट लाचिंग के दौरान निवेशकों ने कुल लागत का 60 प्रतिशत पैसा जमा कर दिया था। अब अधिकांश निवेशकों का 80 से 95 प्रतिशत पैसा जेपी के खातों में जमा है।

जेपी कार्यालय पहुंच रहे निवेशक

सेक्टर-128 स्थित जेपी के सेल्स ऑफिस में निवेशकों का पहुंचना शुरू हो गया है। वह आगे की पूरी कार्यवाही के बारे में जानना चाहते है। उनका कहना है कि वह अपनी जीवन भर की कमाई जेपी को दे चुके है। लेकिन अभी तक न तो उनके पास मकान है और न ही पैसा मिलने की उम्मीद है।

जेपी पर पलटवार करने की तैयारी में निवेशक

थक चुके निवेशक अब जेपी पर पलटवार करने की तैयारी करने में जुट गए है। इसके लिए पूरी योजना तैयार है। शुक्रवार को एसएसपी ऑफिस सेक्टर-14ए से नोएडा प्राधिकरण कर पैदल रैली निकाली जाएगी। इसके बाद सेक्टर-128 स्थित सेल्स आफिस पर प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं, जेपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मन भी बनाया जा चुका है।

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