Lucknow: एलडीए में लंबित मुकदमों के शीघ्र निस्तारण के लिए दो अतिरिक्त कोर्ट बनी, 1500 मुकदमों का लक्ष्य

Lucknow: एलडीए में अवैध निर्माण, प्लाटिंग के लंबित मुकदमों को शीघ्र निस्तारित करने के लिए अब दो अतिरिक्त कोर्ट लगेंगी। LDA उपाध्यक्ष डा इन्द्रमणि त्रिपाठी ने आदेश जारी किये हैं।

Update: 2022-07-07 02:05 GMT

प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डा इन्द्रमणि त्रिपाठी बैठक करते हुए : photo - social media

Lucknow: एलडीए में अवैध निर्माण (Illegal construction in LDA), प्लाटिंग के लंबित मुकदमों को शीघ्र निस्तारित करने के लिए अब दो अतिरिक्त कोर्ट लगेंगी। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डा इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बुधवार को प्रवर्तन कार्यों की समीक्षा बैठक में इस बाबत आदेश जारी किये हैं। इसी के साथ उन्होंने विहित प्राधिकारियों को एक वर्ष से अधिक पुराने लगभग 1500 मुकदमों को दो महीने के अंदर निस्तारित करने का लक्ष्य दिया है। बैठक के दौरान उपाध्यक्ष ने सीलिंग व ध्वस्तीकरण आदेशों के अनुपालन की रिपोर्ट तलब करते हुए अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये हैं।

समीक्षा बैठक में यह पाया गया कि वर्ष 2018 से अब तक कुल 4624 वाद योजित किये गए, जिनमें से 3061 वाद प्रचलित हैं। इनमें भी लगभग 1500 वाद ऐसे हैं, जो एक वर्ष से भी अधिक पुराने हैं। उपाध्यक्ष द्वारा मुकदमों के निस्तारण में इतनी देरी होने पर नाराजगी जताई गई। इस पर अधिकारियों द्वारा उन्हें यह अवगत कराया गया कि मुकदमों की सुनवाई के लिए प्राधिकरण के लालबाग स्थित कार्यालय में दो ही कोर्ट हैं, जहां विहित प्राधिकारियों द्वारा निर्धारित दिनों पर ही सुनवाई की जाती है। इस पर उपाध्यक्ष डा इन्द्रमणि त्रिपाठी ने वहां दो अतिरिक्त कोर्ट बनाने के त्वरित आदेश जारी किये।

उपाध्यक्ष ने अधिशासी अभियंता ओपी मिश्रा (Executive Engineer OP Mishra) को निर्देशित किया कि लालबाग स्थित कार्यालय के ऊपर के हाॅल में एक सप्ताह के अंदर दोनों कोर्ट तैयार कर ली जाएं, ताकि मुकदमों की सुनवाई शीघ्र गति से हो सके। उपाध्यक्ष ने जोन-1 में लंबित मुकदमों की संख्या सबसे ज्यादा होने पर इस जोन की कोर्ट प्रत्येक दिन लगाये जाने के निर्देश दिये। इसके अलावा अन्य सभी जोन की कोर्ट सप्ताह में तीन दिन लगाई जाएगी। उपाध्यक्ष ने विहित प्राधिकारियों को एक वर्ष से अधिक पुराने लगभग 1500 मुकदमों को विशेष अभियान चलाकर दो महीने के अंदर निस्तारित करने का लक्ष्य दिया है।

सीलिंग व ध्वस्तीकरण आदेशों का हो अनुपालन

बैठक में अधिकारियों द्वारा बताया गया कि वर्ष 2018 से अब तक सीलिंग के 750 आदेश जारी किये गए हैं। इस पर उपाध्यक्ष ने पूछा कि इनमें से कितने मामलों में आदेशों का अनुपालन हुआ है और उसमें भी कितने प्रकरण एक महीने से अधिक पुराने हैं। उन्होंने अधिकारियों को इसकी सूची बनाकर मय स्थल की फोटो और वीडियो के साथ अगली बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। बैठक में यह भी संज्ञान में आया कि ध्वस्तीकरण के लगभग 1300 आदेश हुए हैं। इस पर उपाध्यक्ष ने अपील में गये प्रकरणों को छोड़कर अन्य सभी मामलों की स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। इस क्रम में अधिकारियों को यह बताना होगा कि ध्वस्तीकरण के कितने आदेशों पर क्रियान्वयन हुआ है।

अवैध कब्जों के खिलाफ तेज करें अभियान

उपाध्यक्ष ने निर्देशित किया कि प्राधिकरण की भूमि पर हर प्रकार के अवैध कब्जे, अतिक्रमण के खिलाफ अभियान (campaign against encroachment) चलाकर तेजी से कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों द्वारा अवैध रूप से व्यवसायिक निर्माण करते हुए फुटपाथ व सड़क पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है, ऐसे प्रकरणों में अविलम्ब कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाए। उन्होंने शमन सेल में तैनात कर्मचारियों को निर्देशित किया जो प्रकरण शमनीय नहीं हैं, उनकी सूची बनाकर उन्हें तत्काल निरस्त करने की कार्यवाही की जाए। वहीं, शमनीय प्रकरणों को 15 दिन में निस्तारित किया जाए। बैठक में अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा समेत सभी जोनल अधिकारी उपस्थित रहे।

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