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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास विभाग और पंचायतीराज विभाग के कर्मियों के बीच छिड़ी जंग अब सड़क पर आ गई है। एक विभाग ने गुरुवार को जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सीधे अपनी बात सीएम के सामने रखी, तो अगले ही दिन शुक्रवार को दूसरे विभाग के लाखों कर्मचारी राजधानी के लक्ष्मण मेला मैदान में जमा हो गए।
आगे स्लाइड में पढ़िए पंचायत कर्मियों का घेराव...
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पंचायत कर्मियों का प्रदर्शन
-अपनी मांगों के समर्थन में करीब एक लाख पंचायती राज कर्मचारी राजधानी के लक्ष्मण मेला मैदान में सभा कर रहे हैं।
-सभा के बाद कर्मचारियों का सीएम आवास घेरने का कार्यक्रम है।
-पंचायत राज कर्मियों की इस सभा का आयोजन पंचायत सेवा परिषद के तहत किया गया है।
-पंचायत राज विभाग के कर्मचारी लंबे समय से ग्राम्य विकास विभाग पर अधिकारों के हनन का आरोप लगा रहे हैं।
आगे स्लाइड में पढ़िए कर्मियों की शिकायत...
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ग्राम्य विकास की अलग मांग
-इसी कड़ी में गुरूवार को यूपी ब्लाक प्रमुख संघ का एक प्रतिनिधिमंडल अधिकारों में बढ़ोतरी के लिए सीएम अखिलेश यादव से मिला।
-संघ ने अपने अधिकारों में लगातार कटौती की शिकायत की।
आगे स्लाइड में पढ़िए ग्राम्य विकास विभाग की मांग...
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संघ की मुख्य मांगें
-चतुर्थ वित्त आयोग से ब्लाकों की धनराशि बढ़ाई जाए।
-ब्लाक स्तरीय विभिन्न विभागों के कर्मचारियों का नियंत्रण और अनुश्रवण।
-सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को क्षेत्र पंचायत का सचिव नामित किया जाए।
-राशन की दुकानों का अनुमोदन करने का अधिकार।
-ब्लाक स्तर पर चिकित्सा, बाल विकास, पशु चिकित्सा और कृषि विभाग के कामों की मानीटरिंग का अधिकार।
आगे स्लाइड में पढ़िए क्या कहा सीएम ने ...
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मुख्य सचिव करेंगे समीक्षा
-सीएम अखिलेश यादव ने संघ की सभी मांगों को विस्तार से सुना।
-सीएम ने कहा कि कई विभागों से संबंधित मांगों के कारण विबागों के बीच इस पर सामूहिक विचार होगा।
-इस मामले में मुख्य सचिव सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर विचार करेंगे और अपनी संस्तुतियां देंगे।
आगे की स्लाइड्स में देखिए पंचायत कर्मियों के प्रदर्शन की तस्वीरें...
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