ईंट से कूच किशोरी की हत्या कर शव रेलवे ट्रैक पर फेंका, जांच में जुटी पुलिस
Unnao News: उन्नाव में 13 वर्षीय लापता किशोरी की रविवार रात शव बरामद किया गया।
Unnao Crime News: बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र के भिखारीपुर रूल्ल गांव की रहने वाली 13 वर्षीय लापता किशोरी की रविवार रात शव बरामद किया गया। खून से लथपथ किशोरी का शव मिलने से गांव में हड़कंप मच गया। जांच के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। एसपी ने बताया कि मां की तहरीर पर पहले मामला दर्ज किए गए गुमशुदगी में पांच नामजद पर अपहरण, हत्या व हरिजन एक्ट के तहत तरमीम किया गया है। किशोरी हत्याकांड की जांच कर मामले का खुलासा किया जाएगा
किशोरी के पिता धु्रव पेशे से वाहन चालक है, जो अधिकतर बाहर ही रहता है। उसकी 13 वर्षीय बेटी अपनी मां के साथ रह रही थी। रविवार देर शाम करीब 10 बजे सोनम अचानक कहीं लापता हो गई थी। मां ने थाना पहुंचकर बेटी की गुमशुदगी दर्ज करवाई गई थी। उसके बाद पुलिस किशोरी की खोजबीन करती रही। मगर उसका कहीं कोई अता पता नहीं चल सका।
गुमशुदगी बाद नामजद पर अपहरण, हत्या व हरिजन एक्ट का केस दर्ज
सोमवार अलसुबह गांव स्थित गुजरी रेलवे पटरी के निकट किशोरी का खून से लथपथ शव पड़ा देखा गया। खबर मिलते ही ग्रामीणों के अलावा परिजन व पुलिस मौके पर पहुंच गई। जांच में रेलवे लाइन के किनारे पड़े किशोरी की हत्या किए जाने की बात कहीं जा रही है। एसपी दिनेश त्रिपाठी व सीओ विक्रमाजीत सिंह, इंस्पेक्टर ब्रजेन्द्र नाथ शुक्ल मौके पर पहुंच साक्ष्य एकत्र किए गए हैं। किशोरी हत्याकांड की जांच पड़ताल दौरान खड़े हो रहे तमाम सवालों पर पुलिस छानबीन में जुटी हुई है।
महिला भगाने के मामले में चल रही थी दो परिवार में रंजिश
बताया जा रहा है कि किशोरी का पिता धु्रव कई माह पहले गांव की ही एक महिला को कहीं भगा ले गया था। महिला के परिजनों ने पिता पर केस दर्ज करवाया गया था। जिससे दो परिवारों के बीच पहले रंजिश चली रही थी। चर्चा है कि महिला के परिजन अंजाम भुगतने की लगातार धमकी भी दे रहे थे। आशंका है कि मामले से नाराज महिला के परिजनों ने कहीं वारदात को तो अंजाम नहीं दिया गया है!
मामले दर्ज होने के बाद भी बरती गई लापरवाही
पुलिस कार्यशैली पर भी लोग चर्चा करते सुने जा रहे हैं। लोगों का कहना हैं कि महीनों पूर्व जब महिला गांव से भागी थी, तब सूचना के बाद भी पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई पुलिस से नही की गई। जिससे दोनो के परिवार सहमत हो पाते। उधर, किशोरी के लापता होने पर भी पुलिस ने अत्याधुनिक साधनों के जरिए तत्काल खोजबीन में तेजी नहीं दिखाई गई। अगर गुमशुदगी दर्ज करने के बाद पुलिस सक्रियता दिखाती तो शायद किशोरी की जान बचाई जा सकती थी।