Underworld Don Babloo Srivastava: प्रयागराज कोर्ट लाया गया अंडरवर्ल्ड डॉन बबलू श्रीवास्तव, 8 साल पुराने अपहरण कांड में होगी पेशी

Underworld Don Babloo Srivastava: अंडरवर्ल्ड डॉन बबलू श्रीवास्तव की पेशी आठ साल पुराने बहुचर्चित अपहरण कांड में हो रही है। 5 सितंबर 2015 को प्रयागराज के सर्राफा कारोबारी पंकज महेंद्र को रात में दुकान से घर जाते समय अगवा कर लिया गया था।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2023-10-16 06:51 GMT

Underworld Don Babloo Srivastava  (photo: social media )

Underworld Don Babloo Srivastava: अंडरवर्ल्ड डॉन बबलू श्रीवास्तव उर्फ ओमप्रकाश श्रीवास्तव को कड़ी सुरक्षा के बीच सोमवार को बरेली सेंट्रल जेल से प्रयागराज लाया गया है। आठ साल पुराने एक चर्चित अपहरण कांड में उसकी कोर्ट में पेशी होनी है। अंडरवर्ल्ड डॉन को पुलिस चार गाड़ियों के काफिले में लेकर पहुंची, जिसकी अगुवाई डीएसपी रैंक के अधिकारी कर रहे थे।

दरअसल, अतीक-अशरफ हत्याकांड से डरे बबलू श्रीवास्तव ने प्रयागराज कोर्ट में अर्जी डालकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी कराए जाने का अनुरोध किया था। उसने कोर्ट को बताया कि उसकी जान को खतरा है। लेकिन जिला जज ने अंडरवर्ल्ड डॉन की अर्जी को खारिज करते हुए प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर और डीएम को उसे फिजिकल तौर पर अदालत में पेश करने का आदेश दिया था।

किस मामले में हो रही है पेशी ?

अंडरवर्ल्ड डॉन बबलू श्रीवास्तव की पेशी आठ साल पुराने बहुचर्चित अपहरण कांड में हो रही है। 5 सितंबर 2015 को प्रयागराज के सर्राफा कारोबारी पंकज महेंद्र को रात में दुकान से घर जाते समय अगवा कर लिया गया था। अपहरणकर्ताओं ने उनके परिजनों से फिरौती के तौर पर 10 करोड़ रूपये मांगे थे। हालांकि, पुलिस ने फतेहपुर में एक फॉर्म हाउस पर छापा मार कर उन्हें सकुशल बरामद कर लिया था। इस अपहरकांड की चर्चा देशभर में हुई थी।

जांच में पता चला कि इसके पीछे जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन बबलू श्रीवास्तव है। इस मामले में बबलू श्रीवास्तव समेत 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। अदालत में अब तक इस केस में 21 लोगों की गवाही हो चुकी है। अब इस मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन बबलू श्रीवास्तव की गवाही होनी है। इसीलिए उसे सोमवार को कोर्ट में पेश किया जा रहा है।


कौन है बबलू श्रीवास्तव ?

जरायम की दुनिया में किडनैपिंग किंग के नाम से कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन बबलू श्रीवास्तव मूल रूप से गाजीपुर का रहने वाला है। उसके पिता विश्वनाथ प्रताप श्रीवास्तव जीटीआई में प्रिंसिपल थे। उसका बड़ा भाई विकास श्रीवास्तव सेना में कर्नल रैंक का अधिकारी है। बबलू ने खुद एकबार बताया था कि वो भी अपने भाई के नक्शेकदम पर चलकर फौजी बनना चाहता था लेकिन कॉलेज की एक छोटी सी घटना ने उसकी पूरी दुनिया ही बदल दी और वह कुछ और ही बन गया। माफिया बबलू श्रीवास्तव लखनऊ विश्वविद्यालय में कानून का छात्र था।


दाऊद के साथ भी कर चुका है काम

माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव ने जेल में रहते हुए अपने जीवन पर एक किताब भी लिखी है, जिसका शीर्षक है ‘अधूरा ख्वाब’। इस किताब में उसने विस्तार से अपनी जिंदगी की कई घटनाओं का जिक्र किया है। उसने इसमें उन वारदातों का भी जिक्र किया है, जिसकी वजह से उसे किडनैपिंग किंग की संज्ञा दे दी गई थी। इसी किताब में उसने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम से मुलाकात, उससे दोस्ती और फिर उससे अदावत की कहानी भी बताई है। उसने बताया कि मुंबई धमाकों के कारण दाऊद और उसके रास्ते अलग हो गए थे।


पुणे के अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर की हत्या

साल 1982 में छात्र जीवन के दौरान अपराध की दुनिया में प्रवेश करने वाला बबलू श्रीवास्तव का नाम राष्ट्रीय फलक पर पहली बार तब आया, जब उसे पुणे के एडिशनल पुलिस कमिश्नर एलडी अरोड़ा हत्याकांड का आरोपी बनाया गया। एलडी अरोड़ा की सरेआम गोलियों से भून दिया गया था। इस वारदात को अंजाम देने के बाद बबलू विदेश भाग गया। साल 1995 में उसे मॉरीशस से गिरफ्तार किया गया था। फिर इस मामले में अदालत में उस पर और उसके दो साथी मंगेश और कमल किशोर सैनी पर हत्या का मुकदमा चला। कोर्ट ने तीनों को दोषी मानते हुए 1999 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। तभी से वह बरेली सेंट्रल जेल में बंद है।

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