उन्नाव रेप केस: सवालों के घेरे में प्रशासन और CBI, तेज हो रही कार्रवाई की मांग

सीबीआई अपने गवाहों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए और क्या सीबीआई ने अपनी गवाहों को बिना पुलिस सुरक्षा के अपना स्टेशन छोड़ने की सिफारिश की।

Update: 2019-07-29 07:19 GMT
उन्नाव रेप केस: सवालों के घेरे में प्रशासन और CBI, तेज हो रही कार्रवाई की मांग

रायबरेली: जिले में सड़क हादसे के बाद प्रदेश की सियासत में तब उबाल आ गया, जब उन्नाव रेप केस में पीड़िता के परिजन सड़क हादसे को साजिश बताने लगे। वहीं, पुलिस और सीबीआई कुछ भी बोलने से बच रही है। हाईप्रोफाइल मामला होने के कारण पुलिस और फॉरेंसिक की टीमें कई बार घटनास्थल का निरीक्षण कर चुकी हैं।

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आज एक बार फिर हादसे के 24 घंटे बीतने से पहले लखनऊ की 3 सदस्य फॉरेंसिक की टीम रायबरेली फॉरेंसिक सदस्यों के साथ घटनास्थल का जायजा लिया। लखनऊ से पहुंची टीम में वरिष्ठ वैज्ञानिक सुधीर कुमार झा के साथ 3 सदस्य और हैं जो इस हादसे से जुड़े हुए सबूतों और प्रत्यक्षदर्शियों से बातचीत कर साक्ष्य जुटा रहे हैं।

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अब देखना यह है कि फॉरेंसिक जांच के बाद पुलिस की जांच में क्या निकलता है। यह हादसा है या साजिश, इसका खुलासा पुलिस और सीबीआई जांच के बाद ही हो पाएगा। इस पूरे घटनाक्रम पर सीबीआई की कार्यशैली भी कई सवालों के घेरे में है।

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सीबीआई अपने गवाहों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए और क्या सीबीआई ने अपनी गवाहों को बिना पुलिस सुरक्षा के अपना स्टेशन छोड़ने की सिफारिश की। इन सबके सबसे बड़ा सवाल यह है कि सीबीआई ने इस मामले में 24 घंटे बीतने के बाद भी घटनास्थल का जायजा क्यों नहीं लिया। ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब सीबीआई को देना है।

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