Unnao News: आज जामा मस्जिद से निकलेगा "जुलूस-ए-गौसिया", शहर काजी बोले- सिर्फ लगाए इस्लामिक नारे

Unnao News: उन्नाव में आज गौस-ए-आजम हजरत शेख अब्दुल कादिर जिलानी की याद में जुलूस-ए-गौसिया निकाला जायेगा। पुलिस ने जुलूस के लिए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम कर रखे हैं।

Report :  Shaban Malik
Update:2024-10-15 16:50 IST

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Unnao News: गौस-ए-आजम हजरत शेख अब्दुल कादिर जिलानी की याद में ग्यारहवीं शरीफ मनाई जाएगी। यह आयोजन उन्नाव शहर के एबी नगर स्थित जामा मस्जिद से शुरू होगा, जहां शाम को मगरिब की नमाज के बाद जुलूस-ए-गौसिया निकलेगा। जुलूस रात 11 बजे शहर के तालिब सराय मकबरा तक जाएगा। इस जुलूस में शहर की कई अंजुमन अपने परचम के साथ नात और मनकबत पढ़ती हुई शिरकत करेंगी। यह आयोजन हजरत शेख अब्दुल कादिर जिलानी की शान में आयोजित किया जाता है, जो सूफी संत और इस्लामी विद्वान थे। ग्यारहवीं शरीफ का आयोजन समाज में एकता और सौहार्द को बढ़ावा देता है और लोगों को अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है।

उन्नाव में आज गौस-ए-आजम हजरत शेख अब्दुल कादिर जिलानी की याद में जुलूस-ए-गौसिया निकाला जायेगा। यह जुलूस शहर के जामा मस्जिद से छीपियाना चौराहा,कसाई चौराहा, भूरी देवी, कंजी,भरत मिलाप, सिद्धनाथ मंदिर और तालिब सरांय पहुंचेगा। पुलिस ने जुलूस के लिए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम कर रखे हैं। कल पुलिस अधीक्षक,एडिशनल एसपी, सीओ सिटी,एडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट ने भारी पुलिस बल के साथ रूट का जायजा लिया था साथ ही सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम देखे थे।

शहर काजी की अपील

शहर काजी मौलाना निसार अहमद मिस्बाही ने शहर वासियों से अपील करते हुए कहा कि जितने भी इस्लामी भाई इस जुलूस में शामिल होंगे सभी से अपील है कि वह इस्लामी नारे लगाए और इस्लामी नात, कव्वाली बजाये। डीजे ट्रॉली में इस्लामीक गाने ही बजाये। शहर काजी मौलाना निसार अहमद साफ तौर पर यह निर्देश दिए हैं अगर कोई भी गैर इस्लामिक नारे बजाता है तो वह खुद उसका जिम्मेदार होगा।

जुलूस का जगह-जगह होता है स्वागत

ग्यारहवीं शरीफ के इस अवसर पर निकलने वाले जुलूस-ए-गौसिया का जगह-जगह स्वागत किया जाता। विभिन्न स्थानों पर मिठाइयां, हलवा, खीर, छुआरे और अन्य सामग्रियों का वितरण कर लोग एक-दूसरे को ग्यारहवीं शरीफ की मुबारकबाद देते है। इस जुलूस में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। जुलूस में बड़े-बड़े झंडे और डीजे ट्रॉली पर मौलाना नात पढ़ते हुए जाते है।

रबिउस्सानी के महीने का धार्मिक महत्व

गौरतलब है कि 11वीं शरीफ का महीना रबिउस्सानी का महीना होता है, जिसे गौस-ए-आजम का महीना भी कहा जाता है। इस महीने के चांद दिखने के साथ ही मस्जिदों में मिलाद का आयोजन शुरू हो जाता है। इसके अलावा, जगह-जगह न्याज-ए-गौसिया का आयोजन होता है। हर साल मुस्लिम समाज की ओर से उर्दू चांद की 11 तारीख को जुलूस-ए-मोहम्मदी की तर्ज पर जुलूस-ए-गौसिया नगर में निकाला जाता है।

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