Unnao News: नगर निगम ने पहले सरकारी जमीन की एनओसी दी, बाद में कर दी निरस्त
Unnao News: मामला वार्ड नंबर-48 उन्नाव गेट अंदर में शुलभ शौचालय के सामने की जमीन का है। इस जमीन का पहले किसी महिला के नाम पट्टा था।
Unnao News: उन्नाव गेट अंदर नगर निगम की जमीन का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। नगर निगम कर्मचारियों की मिलीभगत से यह जमीन विवाद में घिरी है। पहले तो सरकारी जमीन को किसी और की बताकर एनओसी जारी कर दी गई। शिकायत पर जांच हुई, तो पोल खुल गई। एनओसी अब निरस्त कर दी गई है। जब यह मामला निपटने लगा है, तो फिर एक पक्ष की इसमें एंट्री हो गई और विवाद सुलझने के बजाए फिर उलझ गया है।
मामला वार्ड नंबर-48 उन्नाव गेट अंदर में शुलभ शौचालय के सामने की जमीन का है। इस जमीन का पहले किसी महिला के नाम पट्टा था। शासन ने इस व्यवस्था को खत्म करते हुए पट्टा निरस्त कर दिया था, तो नगर निगम ने इस जमीन पर कई कार्यों के प्रस्ताव पास कर दिए थे। एक-दो निर्माण तो यहां हो भी गए। फिर, इसके पास की ही 750 वर्गफुट जमीन पर एक पक्ष ने दावा कर दिया। निगम के संपत्ति विभाग की जिम्मेदारी थी कि इसकी जांच करे। इसमें जांच ऐसी हुई कि तथ्यों की अनदेखी करते हुए इसके लिए विभाग ने एक निजी पक्ष को एनओसी जारी कर दी। इस पर संबंधित पक्ष द्वारा मकान का निर्माण शुरू करा दिया गया। इस मामले में शिकायत की गई, तो अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए। तीन सदस्यीय टीम ने जांच की, तो पता चला कि आवेदन में दिए गए नक्शे, तहसील की एनओसी व भौतिक स्थिति अलग है। इसमें माना गया कि संबंधित पक्ष सिर्फ एक तिहाई जमीन पर काबिज है। इसे नजरअंदाज करते हुए पूरी जमीन की एनओसी जारी कर दी गई। जांच रिपोर्ट आने पर अपर नगर आयुक्त रोली गुप्ता ने एनओसी निरस्त करने का आदेश दिया। उन्होंने बताया कि यह आदेश जारी कर दिया गया है। निगम निर्माणाधीन मकान को तोड़ेगा। अब जब यह मामला सुलझने की स्थिति में आ गया है, तो फिर एक नया विवाद खड़ा हो गया है या कर दिया गया है। एक अन्य पक्ष ने अब इस जमीन पर दावेदारी पेश कर दी है। इस पर एसडीएम कार्यालय से नगर निगम को आवेदन की जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
इनका कहना है
पार्षद सुलेमान मंसूरी ने कहा कि संपत्ति विभाग की मिलीभगत से नजूल की जमीन को किसी और का बनाने की साजिश की जा रही है। जांच रिपोर्ट से पूरी स्थिति साफ हो चुकी है, अब फिर इसे विवादित बनाने की प्रयास किया जा रहा है। मामले को जिलाधिकारी के समक्ष लेकर जाएंगे।