यूपी के इस जिले में अनोखा शिव मंदिर, यहां विराजमान दो शिवलिंग; बड़ी है मान्यता

Shiv Mandir: एक ऐसा शिव मंदिर जहां दो शिवलिंग हैं। यहां की मान्यताएं ऐसी हैं कि आप भी जानकर हैरान हो जाएंगे।

Written By :  Snigdha Singh
Update: 2024-08-11 11:08 GMT

Shiv Mandir (Photo: Social Media)

Shri Ateshwar Shivalinga Mandir: उन्नाव शहर से पंद्रह किलोमीटर दूर एक गांव स्थित एक ऐसा शिव मंदिर जहां एक साथ मंदिर में दो शिवलिंग विराजमान हैं। जिनकी विधि विधान से पूजा होती है और भोलेनाथ सभी की मनोकामना पूरी करते हैं। माना जाता है कि शिवलिंगों की स्थापना ऋषि मार्कण्डेय ने किया था। यह मंदिर नवाबगंज ब्लॉक के मलाँव गांव में बाबा आटेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध है। बुजुर्गों का कहना है कि गांव के सुप्रसिद्ध इलाहाबाद नाम से विख्यात किले में मार्कण्डेय ऋषि से शिवलिंग की स्थापना की गई थी। जो हूबहू मिलती है। इसका उल्लेख शिव महापुराण में किया गया है।

यहां पूरे सावन मास में जलाभिषेक करने के लिए भक्तों का तांता लगा रहता हैं। श्रीआटेश्वर महादेव की सच्ची श्रद्धा से पूजा करने पर मनोकामना पूरी होती है। मंदिर में दो शिवलिंग होने से महिमा अलग ही है। दोनों शिवलिंग की लंबाई एक फीट की है। भक्तों का मानना है कि दोनों शिवलिंगों का आकार बदलता रहता है। वहीं मंदिर परिसर में सैकड़ों वर्ष पुराना एक विशालकाय पीपल का वृक्ष है। पीपल के पेड़ की शाखाएं कभी भी शिवलिंग पर नहीं जाती है। लोगों के अनुसार मंदिर का जीणोद्धार ग्रामीणों ने कराया और मंदिर को भव्य रूप दिया। महादेव मंदिर में दूर-दूर से भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं। मंदिर में सावन माह में विशेष पूजा अर्चना की जाती है। शिवलिंग पर बनी नकाशी मुगलकालीन को दर्शाती है। एक साथ दो शिवलिंग का होना दुर्लभ है। जो कहीं देखने को नहीं मिलती है। श्रीआटेश्वर महादेव मंदिर के स्थान किले की तरह दिखाई पड़ता है। मंदिर के आसपास प्राकृतिक खूबसूरती भक्तों का आकर्षण का केंद्र हैं।

मंदिर की क्या है खास बात

श्रीआटेश्वर शिवलिंग काफी प्राचीन है। जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से पूजा अर्चना करते हैं। बाबा उनकी मनोकामना पूरी करते हैं। मंदिर स्थल कैलाश पर्वत जैसा लगता है। मंदिर के आसपास घना जंगल था। बाबा का मंदिर 10 से 12 फिट के टीले पर बना है। टीले की भूमि से आज भी कुछ पुरानी वस्तुएं निकलती है। ऋषि मार्कण्डेय को अल्प आयु का श्राप था। उनकी बारह वर्ष ही आयु थी। तब ऋषि ने महादेव की तपस्या कर प्रसन्न कर अपनी लंबी आयु का वरदान मांग लिया था। आज भी लोग महादेव की आराधना कर लंबी आयु की कामना करते हैं

कैसे पहुंचे मंदिर

लखनऊ कानपुर हाईवे से लगभग एक किलोमीटर मलांव गांव स्थित है। जहां श्रीआटेश्वर बाबा का मंदिर है। उन्नाव मुख्यालय से मात्र पंद्रह किलोमीटर पर मंदिर स्थित है। ऑटो व निजी वाहन से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। अजगैन रेलवे स्टेशन से 3 किलोमीटर दूरी पर है। नवाबगंज ब्लॉक से 6 किलोमीटर दूरी पर है।

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