Unnao News: विजिलेंस टीम ने जिला मलेरिया अधिकारी को 10 हजार रिश्वत लेते पकड़ा।

Unnao News: उन्नाव में विजिलेंस टीम ने मलेरिया अधिकारी रमेश चंद्र यादव को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। अधिकारी ने बायोलॉजिस्ट के के गुप्ता से चिकित्सा अवकाश की एवज में रिश्वत मांगी थी।

Report :  Shaban Malik
Update:2024-10-07 19:35 IST

Unnao News (Pic-Newstrack)

Unnao News: उत्तर प्रदेश के जनपद उन्नाव में विजिलेंस टीम ने जिला मलेरिया अधिकारी को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। अधिकारी ने छुट्टी देने के लिए रुपये मांगे थे। विजिलेंस टीम ने अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया और आगे की जांच शुरू की। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ उन्नाव प्रशासन की सख्ती को दर्शाती है। विजिलेंस टीम ने अधिकारी के खिलाफ सबूत इकट्ठा किए और उसे गिरफ्तार किया। मामले की जांच के बाद अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्नाव प्रशासन ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जा रही है।

आपको बता दें कि उन्नाव में विजिलेंस टीम ने मलेरिया अधिकारी रमेश चंद्र यादव को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा है। अधिकारी ने बायोलॉजिस्ट केके गुप्ता से मेडिकल लीव के एवज में रिश्वत मांगी थी। विजिलेंस ने अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है। विजिलेंस टीम ने मलेरिया अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया है। मामले की जांच के बाद अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विजिलेंस टीम की इस कार्रवाई से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी और अधिकारियों को रिश्वत लेने से रोका जा सकेगा।

शिकायतकर्ता केके गुप्ता फाइलेरिया कंट्रोल यूनिट के बायोलॉजिस्ट हैं। उन्होंने इस मामले की शिकायत की थी। उनका आरोप है कि रमेश चंद्र यादव ने मेडिकल लीव स्वीकृत करने के लिए उनसे रिश्वत मांगी थी। केके गुप्ता ने इस प्रक्रिया को रिकॉर्ड कर लिया और जैसे ही रमेश चंद्र यादव ने रिश्वत की रकम ली, विजिलेंस टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। गिरफ्तारी के बाद आरोपी की तलाशी के दौरान रिश्वत की दस हजार रुपये की रकम बरामद हुई। इस घटना ने एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासन की सख्ती को उजागर किया है। विजिलेंस टीम ने रमेश चंद्र यादव के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रशासन ने कहा कि भ्रष्टाचार को रोकने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है और भविष्य में भी ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।

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