सीएम योगी-अखिलेश समेत पूरे सदन ने लता मंगेशकर को किया याद, दो मिनट का रखा गया मौन
UP Assembly: इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि लता मंगेशकर को न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में याद किया गया।
UP Assembly: उत्तर प्रदेश विधानसभा (UP Assembly) में आज स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को याद करते हुए उनके योगदान की चर्चा की। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने उनके सामाजिक जीवन और संगीत सेवा के लिए किए गए कार्यो का उल्लेख किया। नेता सदन ने कहा कि लता मंगेशकर को देश के सभी सम्मनित अवार्ड दिए गए। उन्होंने नेता सदन के तौर पर अपनी श्रद्धांजलि दी और कहा कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर समेत अन्य पूर्व सदस्यों के निधन अपनी और सदन की तरफ से श्रद्धांजलि देता हूं।
इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि लता मंगेशकर को न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में याद किया गया। उन्होंने न केवल भारत की ही नहीं बल्कि अन्य विदेषी भाषाओं में भी गीत गाए। उन्हे देश के सारे अवार्डो से सम्मानित किया गया।
रालोद विधानमंडल दल के नेता राजपाल बालियान ने कहा कि वह अपने दल की तरफ से नेता सदन से सम्बद्व करते हुए श्रद्धांजलि देते है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि उनके गौरवपूर्ण जीवन की चर्चा की और बताया कि वह देश के लिए शान थी। कई पुरस्कार हासिल किए।
हमेशा युवाओं को आगे लाना चाहती थीं लता मंगेशकर
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की श्रीमती आराधना मिश्रा 'मोना' ने कहा कि वह हमेशा युवाओं को आगे लाना चाहती थी इसलिए हमेशा पुरस्कार लेने में भी संकोच करती थी। मोना ने लता मंगेशकर को देवी की संज्ञा देते हुए कहा कि पारिवारिक जिम्मेदारियों के बावजूद उन्होंने संगीत की लम्बी सेवा की।
अपना दल (सोनेलाल) के राम निवास वर्मा, बहुजन समाज पार्टी के उमाशंकर सिंह तथा निर्बल इण्डियन शोषित हमारा आम दल के अनिल कुमार त्रिपाठी, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के रघुराज प्रताप सिंह ने कहा कि दूसरी लता मंगेशकर अब कभी पैदा नहीं होगी। इस मौके पर निषाद पार्टी के संजय निषाद ने स्वर कोकिला लता मंगेषकर समेत अन्य पूर्व सदस्यों के प्रति अपनी हार्दिक श्रद्वाजंलि अर्पित करते हुए उनके योगदान की चर्चा की।
सामाजिक कार्यो मे हमेशा रहीं आगे
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने लता मंगेशकर को याद करते हुए उनके जीवन से जुडे़ कुछ पहलुओं को उल्लेखित करते हुए कहा कि उनके ऊपर मां सरस्वती की कृपा थी। वह सामाजिक कार्यो में भी हमेशा आगे रही। उन्होंने कहा कि जो सम्मान उन्हे मिला उससे उस सम्मान का सम्मान बढा। उनके निधन से संगीत कला की अपूरर्णीय क्षति हुई है। इस मौके पर लता मंगेशकर की स्मृति में दो मिनट का सदन में मौन रखा गया।