Samrat Mihir Bhoj: सीएम योगी करेंगे सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण, जानिए इसके पीछे की सियासत
उत्तर प्रदेश चुनाव नजदीक आ रहा है। इस बीच बीजेपी ने गुर्जर समाज को साधने के लिए दांव चल दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा Samrat Mihir bhoj की प्रतिमा का अनावरण इससे जोड़कर देखा जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Chunav 2022) को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 2017 के अपने विनिंग फॉर्म्यूले को धार देने में जुट गई है।यह अजेय फॉर्म्यूला है 'सर्वण+गैर यादव ओबीसी+गैर जाटव दलित' का. पश्चिमी यूपी के अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय का शिलान्यास कर जाट समुदाय को साधने के बाद अब भाजपा का फोकस इस क्षेत्र के गुर्जर समुदाय पर है। इसी कड़ी में 22 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने गुर्जर सम्राट मिहिर भोज (Gurjar Samrat Mihir Bhoj) की प्रतिमा का अनावरण करने की घोषणा कर एक बड़ा दांव खेल दिया है, जिससे विपक्षी दल चारों खाने चित्त हो गए हैं। इसको लेकर लगभग सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं, सिर्फ साफ सफाई का कार्य चल रहा है। गुर्जर सम्राट मिहिर भोज गुर्जर समाज के लिए काफी अहमियत रखते हैं। गुर्जर समाज उन्हें अपने आदर्श के रूप में पूजता है, ऐसे में मुख्यमंत्री द्वारा गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण करना गुर्जर समाज को अपनी तरफ लाने का एक बड़ा दांव साबित हो सकता है।
BJP की इस रणनीति से सधेंगे गुर्जर
भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट-गुर्जर समुदाय को सम्मान देकर 'मिशन-2022' में 2017 की प्रचंड बहुमत वाली जीत की पुनरावृत्ति करने में जुटी है। प्रतिमाओं की सियासत में माहिर भाजपा गुर्जरों की राजधानी कहे जाने वाले गौतम बुद्ध नगर जिले के दादरी में उनके सम्राट की प्रतिमा का अनावरण करेगी। मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार सीएम योगी दादरी जाएंगे। दादरी विधायक तेजपाल नागर ने बताया कि मुख्यमंत्री 21 सितंबर की शाम को यहां पहुंचेंगे और गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में रात्रि प्रवास करेंगे। वह 22 सितंबर की सुबह 10 बजे कॉलेज में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण करेंगे. यहां मुख्यमंत्री योगी धौलाना के लिए रवाना हो जाएंगे।
प्रतिमा के पीछे की सियासत
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट और गुर्जर समुदाय चुनावों को सीधे प्रभावित करते हैं। इस क्षेत्र में मुस्लिमों के बाद जाट, गुर्जर और ठाकुर मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। गुर्जर समुदाय को यूपी के 32 जिलों की 60 विधानसभा सीटों पर प्रभावी माना जाता है। भाजपा इस वोट बैंक को साधने के लिए गुर्जरों की अस्मिता के प्रतीक सम्राट मिहिर भोज की प्रमिता का सहारा लेगी। साल 2014 और 2019 के लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को गुर्जरों का भरपूर समर्थन मिला था। इस बार गुर्जरों के सम्राट को सम्मान देकर पार्टी उन्हें अपने पक्ष में और मजबूत करना चाहती है।
जानें कौन थे गुर्जर सम्राट मिहिर भोज?
सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर प्रतिहार वंश के सर्वाधिक प्रतापी एवं महान शासक थे। उन्होंने करीब 50 साल तक शासन किया। भोज प्रथम ने 836 ई. के आसपास कन्नौज को अपनी राजधानी बनाया, जो अगले 100 सालों तक प्रतिहारों की राजधानी बनी रही। सम्राट मिहिर भोज के बारे में इतिहास की पुस्तकों के अलावा पब्लिक डोमेन में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। कहा जाता है कि मिहिर भोज के साम्राज्य का विस्तार मुल्तान (पाकिस्तान) से पश्चिम बंगाल में गुर्जरपुर तक और कश्मीर से कर्नाटक तक था। उनके साम्राज्य को गुर्जर देश के नाम से जाना जाता था।