UP Assembly: कोरोना काल में कितने लोगों की UP में हुई मौत? सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने किया वॉकआउट
UP Assembly Session 2022 : डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के जवाब से सपा के सदस्य संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने सरकार पर मौत का आंकड़ा छुपाने का आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट किया।
UP Assembly Session 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा में सोमवार को कोरोना काल में हुई मृत्यु के जवाब से असंतुष्ट समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सदस्यों ने विधान सभा से वाकआउट (Walkout) किया। वहीं, सपा सदस्य रविदास मेहरोत्रा (SP member Ravidas Mehrotra) ने कोरोना काल के दौरान हुई मौतों का आंकड़ा सरकार द्वारा छिपाए जाने पर सदन का बहिष्कार किया।
यूपी विधान सभा में सोमवार को बजट पर चर्चा जारी रही। नेता प्रतिपक्ष और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने योगी सरकार (Yogi Sarkar) के बजट को सपने देखने वाला बजट बताया। उन्होंने कहा, कि उनके कार्यकाल के दौरान जो योजनाएं शुरू की गई थी, उन्हीं का उद्घाटन योगी सरकार में किया गया है।
कोरोना काल में कितने लोगों की मृत्यु हुई?
विधान सभा की कार्यवाही सोमवार को 11 बजे शुरू हुई। सपा के सदस्य रविदास मेहरोत्रा ने सरकार के डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक (UP Deputy CM and Health Minister Brijesh Pathak) से जानना चाहा, कि प्रदेश में कोरोना काल में कितने व्यक्तियों की मृत्यु हुई? क्या सरकार उक्त सवाल का विवरण सदन के पटल पर रखेगी? उन्होंने अनुपूरक सवाल करते हुए जानना चाहा कि, सरकार ने 19 मार्च 2020 को कहा था कि 22 मार्च से जनता कर्फ्यू लगा दिया जाएगा। लेकिन, सरकार ने 24 मार्च को ही लाकडाउन (lockdown) लगा दिया। इससे लोगों को काफी दिक्कत हुई? लॉकडाउन में लोग दूसरे शहरों से लखनऊ नहीं आ पाए। प्रवासी मजदूरों को भी मौका नहीं मिल पाया, कि वह अपने घर लौट आते, इसके लिए सरकार बताए की कौन जवाबदेह है?
कोरोना से इतने लोगों की हुई मौत
इस पर जवाब देते हुए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा, कि लॉकडाउन लगाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की नहीं होती है। यह जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती है। कोविड के दौरान सरकार ने एक पोर्टल खोला था, जिस पर लोगों ने अपने स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी साझा की थी। उसके अनुसार प्रदेश में कोरोना से 23 हजार 512 लोगों की मृत्यु हुई है।
कितने मंत्री और विधायक की हुई मृत्यु?
इस पर सपा सदस्य ने अनुपूरक सवाल (Supplementary Question) करते हुए सरकार से जानना चाहा, कि इस दौरान कितने मंत्री और विधायक की मृत्यु हुई? इसका भी आंकड़ा सरकार सदन में रखे। इस पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा, कि यह प्रश्न मूल प्रश्न में नहीं था। इसलिए इसका उत्तर बाद में सदस्य को दे दिया जाएगा। सरकार के इस जवाब से असंतुष्ट होकर रविदास मेहरोत्रा ने अकेले ही सदन से वॉकआउट किया।
जल्द भरे जाएंगे डॉक्टर सहित अन्य खाली पद
ब्रजेश पाठक ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा है कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टर और अन्य कर्मचारियों, अधिकारियों के खाली पदों पर जल्द भर्तियां की जाएंगी। साथ ही उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में गलत ढंग से मान्यता हासिल करने वाले नर्सिंग ट्रेनिंग कालेजों की मान्यता रद्द की जाएगी। ब्रजेश पाठक ने सपा के लालजी वर्मा के सवाल के जवाब में कहा कि जो भी पद खाली हैं उन्हें जल्द भरा जाएगा।
सपा सदस्य ने पूछे सवाल
सपा सदस्य लालजी वर्मा (SP member Lalji Verma) ने जानना चाहा, कि क्या प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में जहां पद खाली हैं? उनके शिक्षकों को पीजीआई के समकक्ष वेतन व अऩ्य भत्ते सुविधाएं देने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा, कि मेडिकल कॉलेजों में एमडी (MD) और एमएस (MS) की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। मेडिकल कॉलेजों में ऐसे शिक्षकों के वेतनमान कम हैं, अच्छे शिक्षक निजी क्षेत्र में काम कर उससे ज्यादा कमाई कर लेंगे तो वे दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में स्थित मेडिकल कॉलेजों में क्यों जाएंगे। ऐसे में वहां पद खाली ही रहेंगे।
मेडिकल के खाली पदों पर मंत्री जी ने ही ली चुटकी
इस पर योगी के मंत्री ने कहा, कि पीजीआई के समान वेतन केवल सुपर स्पेशलिटी वाले संस्थानों को दिया जाता है। ऐसे में नियमों के मुताबिक ही वेतन दिया जा सकता है। यदि सदस्य का कोई सुझाव है तो उस पर विचार कर लेंगे और देखेंगे कि क्या हो सकता है। एक अन्य सवाल के जवाब में ब्रजेश पाठक ने कहा, कि 'हैरत है कि नर्सिंग के 4000 पदों के लिए भर्ती निकाली गई, लेकिन पास सिर्फ 3000 ही हो सके।' उन्होंने कहा कि सपा-बसपा के कार्यकाल में पढ़ाई का स्तर था ही ऐसा कि बच्चे पास नहीं हो पाए। अब हम सख्ती करेंगे और भर्तियां करेंगे। ऐसे सभी नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द की जाएगी, जिन्होंने गलत ढंग से मान्यता हासिल कर ली थी।
कोरोना काल में प्रदेश में 23,512 मौतें
प्रश्नकाल के दौरान सपा के मनोज पारस ने जानना चाहा, कि कोरोना काल में संक्रमण से अस्पतालों और अस्पतालों के बाहर कितने लोगों की मृत्यु हुईं? इसकी संख्या पटल पर रखें।' इस पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, कि कोरोना काल के दौरान बनाए गए पोर्टल पर मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में 23,512 मौतें हुईं। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ऐसे लोगों से आवेदन लिए गए जिनकी कोरोना से नेगेटिव होने के 30 दिन के अंदर मौत हुई थीं। ऐसे सरकार को करीब 48,171 आवेदन मिले थे। इनकी जिलों में एडीएम व अन्य अधिकारियों की कमेटी द्वारा जांच कराई गई। बाद में 39,267 लोगों के आवेदन स्वीकार कर मुआवजे का भुगतान दिया गया। जांच के बाद 1,774 आवेदनों को निरस्त किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोई आंकड़ा नहीं छिपाया। इस अनुपूरक सवाल करते हुए सपा के मनोज पांडे ने सरकार से जानना चाहा कि कोरोना काल में कितने मंत्री और कितने विधायकों की मृत्यु हुई है?
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के जवाब से सपा के सदस्य संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने सरकार पर मौत का आंकड़ा छुपाने का आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट किया।