UP Assembly Speaker: सतीश महाना होंगे नए विधानसभा अध्यक्ष
UP Assembly Speaker: योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे सतीश महाना उत्तर प्रदेश विधानसभा के नए अध्यक्ष होंगे।
UP Assembly Speaker: उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल गठन के बाद अब सबकी नजर विधानसभा अध्यक्ष पर आकर टिक गयी है। रिपोर्ट के मुताबिक, सतीश महाना होंगे नई विधानसभा के अध्यक्ष। वरिष्ठता में जयप्रताप सिंह और सतीश महाना सबसे आगे हैं। इन दोनो नेताओं को इस पद पर बैठाए जाने की बात कही जा रही है। लेकिन इममें सतीश महाना का नाम आगे चल रहा है।
जय प्रताप सिंह अब तक आठ बार विधायक रह चुके हैं। 1989 से 2002 तक लगातार वह 5 बार विधायक बने। हालांकि, 2007 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। जय प्रताप सिंह ने ग्रेजुएशन किया हुआ है। इस बार भी उन्होंने जीत हासिल की है। बांसी राजघराने के पास इस विधानसभा की सीट है।
बांसी राजघराने के राजा जय प्रताप सिंह 1989 में इस सीट पर निर्दल विधायक चुने गए। जिसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गए। राजघराने का नाम और जय प्रताप सिंह की सियासी पैठ अपने क्षेत्र में इतनी मजबूत थी कि 1989 से लेकर 2017 तक के विधानसभा चुनाव में 7 बार विधायक चुनकर हैं। वहीं सतीश महाना 1991 में संघ-भाजपा नेतृत्व ने छावनी विधानसभा से पार्टी का टिकट दे दिया। यह टिकट एक प्रयोग के तौर पर दिया गया था क्योंकि यह सीट जनसंघ काल से भाजपा तक के नए सफर में एक रेगिस्तान से कम नहीं थी। पर अपने पहले ही चुनाव में सतीश महाना ने चुनाव जीतकर भाजपा को बड़ा तोहफा दिया। इसके बाद 1993 के विधानसभा चुनाव में जब प्रदेश में भाजपा की सीटे 221 से घटकर 177 हो गयी।
1996 में सतीश महाना ने तीसरी जीत दर्ज की
1996 में सतीश महाना ने तीसरी जीत दर्ज की। इसका उन्हे भाजपा में ईनाम मिला और भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री लाल जी टंडन के साथ नगर विकास राज्यमंत्री बनाया गया। उन्होंने 27 अक्टूबर 1997 से 8 मार्च 2002 तक आवास और शहरी विकास राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया लेकिन उनके अच्छे काम के कारण उन्हें फिर से आवास राज्य मंत्री का पद दिया गया।।फिर 2002 में जब विधानसभा के चुनाव हुए। तो इस चुनाव मे भाजपा को मात्र 87 सीटे मिली। तब भी सतीश महाना पर छावनी की जनता ने विश्वास व्यक्त करते हुए लगातार चौथी बार चुनाव जिताकर विधानसभा भेजने का काम किया। फिर बसपा लहर के बीच 2007 मे उन्होंने पांचवी बार छावनी विधानसभा से चुनाव जीता।
बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार मनोज कुमार को हराया इस बीच जब 2009 में विधानसभा सीटों का परिसीमन हुआ तो छावनी विधानसभा सीट का अधिकतर क्षेत्र बदल गया लेकिन उन्होंने इस चुनौती का भी सामना किया और गठित हुई नई विधानसभा महाराजपुर से चुनाव लडा। इसमे पुरानी विधानसभा सरसौल का अधिकतर हिस्सा था जो देहात क्षेत्र में आता है और हमेशा से समाजवादी पार्टी का गढ रहा। काफी आशंकाओं के बीच 2012 के चुनाव में सतीश महाना ने बसपा की प्रत्याशी और मायावती सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे अंटू मिश्रा की पत्नी शिखा मिश्रा 30 हजार वोटों से हराने का काम किया।
महाराजपुर विधानसभा का अधिकतर क्षेत्र सोसाइटी की जमीनों पर बने अनियोजित आवासों के चलते यहां समस्याओं का अंबार हुआ करता था लेकिन सतीश महाना ने समाजवादी पार्टी सरकार होने और विपक्ष में भाजपा की केवल 47 विधायकों के बावजूद विकास कार्याे को कराने का काम किया। इसके बाद 2017 के चुनावों में, उन्होंने अपने बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार मनोज कुमार शुक्ला को 91,826 मतों के रिकॉर्ड अंतर से हराया। इसके बाद प्रदेश मे बनी भाजपा सरकार मे उन्हे औद्योगिक विकास मंत्री बनाया गया। इस बार प्रदेश में जब योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में फिर सरकार बनी लेकिन इस बार उन्हे मंत्री पद नहीं दिया गया और अब उनके विधानसभा अध्यक्ष बनने की बात कही जा रही है।