UP Assembly: तकनीक ही नहीं बड़े नेताओं के आने से भी समृद्ध हुई विधान सभा, दिखती रहेगी तीखी नोक-झोंक
UP Assembly: आगामी 26 मई को योगी आदित्यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेगी। जिसे संसदीय कार्य और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना (Suresh Kumar Khanna) प्रस्तुत करेंगे।
Lucknow: देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh News) में 18वीं विधान सभा के गठन के बाद पहला सत्र-बजट सत्र (budget session)-23 मई से शुरू हो चुका है। आगामी 26 मई को योगी आदित्यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेगी। जिसे संसदीय कार्य और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना (Suresh Kumar Khanna) प्रस्तुत करेंगे।
बता दें कि उत्तर प्रदेश विधान सभा इस बार बदली-बदली नजर आ रही है। तकनीक से समृद्ध इस बार की विधान सभा में कई परिवर्तन नजर आ रहे हैं। अब सदन के सदस्य अपनी सीटों के सामने लगे टैबलेट पर सदन में रखे जा रहे दस्तावेजों तक पहुंच सकेंगे। पेपरलेस होने के अपने प्रयासों के तहत, राज्य सरकार ने नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन प्रोजेक्ट के तहत विधानसभा की 416 सीटों पर टैबलेट लगाए हैं। उत्तर प्रदेश विधान सभा में इस डिजिटल पहल का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने किया। उन्होंने विधानसभा के लिए एक नया ऐप भी लॉन्च किया।
जबकि 403 सीटों वाले सदन में प्रत्येक सदस्य की एक निश्चित सीट होगी, कुछ एमएलसी जो कभी-कभी विधान सभा की कार्यवाही में भी भाग लेते हैं, को समायोजित करने के लिए 416 सीटों पर टैबलेट लगाए गए हैं। ये टैबलेट विधायकों को 23 मई से शुरू हुए बजट सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही, किए गए प्रश्नों और उनके उत्तरों, दिन के एजेंडे और अन्य सूचनाओं के बारे में अद्यतन रहने में सक्षम बनाएगी।
आप को बता दें कि नागालैंड विधानसभा (Nagaland Assembly) ने भी इसी तरह की पेपरलेस प्रणाली (paperless system) स्थापित की है, लेकिन यह पहली बार है कि किसी विधानसभा में इतने बड़े पैमाने पर टैबलेट लगाए गए हैं। टैबलेट को इस तरह से स्थापित किया गया है कि सदस्य बैठकर या खड़े होकर पढ़ सकते हैं।
घर बैठे भी होगा काम
बता दें कि विधायक अब घर बैठे भी विधायी कार्यों को निपटा सकेंगे। इसके लिए उन्हें एक एप्लीकेशन अपने टैबलेट पर अपलोड करनी पड़ेगी। जिससे वह घर पर बैठकर अपनी टिप्पणियों और सवालों को लगा सकते हैं। इसके अलावा, इसी टैबलेट से वह 'ई वोटिंग' भी कर सकेंगे। इसके अलावा किस मंत्री ने किस सदस्य के सवाल का जवाब कितनी देर तक दिया, यह सब कुछ टैबलेट पर और विधानसभा मंडप में लगी एलइडी स्क्रीन पर आ जाएगा।
रंग-बिरंगी नजर आ रही है विधान सभा
इस बार विधान सभा ना सिर्फ तकनीक से युक्त बल्कि रंग-बिरंगा भी नजर आ रहा है। विधान सभा के सदस्य विधायक भगवा, लाल, नीले, हरे और पीले रंग की टोपी और स्कार्फ में अपने-अपने राजनीतिक दल के रंगों से मेल खाते हुए दिखाई दे रहे हैं। जहां विपक्ष के नेता (Leader of Opposition) अखिलेश यादव सहित समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने लाल टोपी पहनी थी, वहीं भाजपा विधायक सत्र शुरू होने से ठीक पहले एक विधायक द्वारा वितरित की गई भगवा रंग की टोपी पहने हुए दिखाई दिए।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के एकमात्र सदस्य ने अपने गले में जहां नीला दुपट्टा लपेटा, वहीं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के विधायकों पीले रंग में रंगे नजर आये। यूपी विधानसभा के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र के दौरान राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के सदस्यों के गले में हरे रंग का स्कार्फ बंधा हुआ था।
नोक-झोंक से हुई विधान सभा सत्र की शुरुआत
परंपरा का पालन करते हुए विधान सभा के पहले सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से हुई।राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण के साथ विधानसभा की कार्यवाही हंगामेदार रही, इस दौरान सपा सदस्य वेल में उतर आए और भाजपा नीत राज्य सरकार के के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
दूसरा दिन कैसा रहा
असल में बजट सत्र का दूसरा दिन राजनीति और अच्छी बहस देखने वाले लोगों के लिए बहुत ही बेहतर रहा। जहाँ इस दिन सदन के नेता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार की बात को पुरजोर तरीके से रखा वहीँ सदन में नेता प्रतिपक्ष ने अपने धारदार प्रश्नों से सरकार को कटघरे में खड़ा किया। राजयपाल के अभिभाषण पर अब तक हुई चर्चा काफी सार्थक रही। पक्ष-विपक्ष दोनों तरफ के नेताओं ने शब्दों के तीर खूब चलाये। अब तक के चले सत्र से यह बात निकल कर सामने आयी कि इस बार उत्तर प्रदेश के विधान सभा में बेवजह का हंगामा बहुत कम देखने को मिलेगा और राजनीतिक बहस की एक स्वस्थ परंपरा आगे बढ़ेगी।
भाजपा के लिए आसान नहीं होगी विधान सभा में डगर
2017 के विधान सभा में विपक्ष के पास संख्या बल नहीं था। उस चुनाव में भाजपा और उसके समर्थित दलों ने 325 सीटें जीत कर एक तरह से क्लीन स्वीप कर दिया था। तब की विधान सभा में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के पास केवल 47 विधायक थे तो वहीँ बहुजन समाज पार्टी के मात्र 19 विधायक थे। इस हिसाब से तब विपक्ष बहुत कमजोर और बिखरा हुआ था। सदन के नेता तो तब आदित्यनाथ ही थे, लेकिन नेता प्रतिपक्ष के रूप में सपा के पास कोई बहुत अच्छा वक्ता नहीं था। इस बार भाजपा की सीटें जहाँ कम हुई हैं वहीं सपा ने बड़ी बढ़त हासिल की है।
सपा के पास अकेले 111 विधायक हैं। उनके समर्थित दलों राष्ट्रीय लोक दल के आठ और SBSP के 6 विधायकों को जोड़ दिया जाये तो यह संख्या 125 हो जाती है। ऐसे में विधान सभा में एक मजबूत विपक्ष दिखेगा। विपक्ष के नेता के रूप में खुद इस बार अखिलेश यादव ने कमान संभाल रखी है। सदन में विपक्ष की बहस को और धार देने के लिए आज़म खान, शिवपाल यादव, ओम प्रकाश राजभर जैसे नेता भी अखिलेश यादव का भरपुर साथ देंगे और भाजपा को बैकफुट पर धकलने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।
भाजपा के पास भी है अच्छे वक्ताओं की फ़ौज
भाजपा (BJP) के पास तो पहले ही अच्छे वक्ताओं की एक लम्बी फ़ौज थी। इस बार भी सत्ताधारी दल कहीं से कम नहीं पड़ेगा। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के अलावा दोनों उप मुख्य मंत्री बृजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brijesh Pathak) और केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya), वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, मथुरा से विधायक पूर्व मंत्री श्रीकांत शर्मा सहित कई ऐसी नेता हैं जिन्हे एक कार्यकाल का अनुभव भी है और अपनी बात को जोरदार तरीके से रखने का माद्दा भी।
कुल मिला कर यह उम्मीद की जा सकती है कि इस बार की विधान सभा में लोगों को पक्ष-विपक्ष में तीखी नोक-झोंक के साथ-साथ एक स्वस्थ बहस भी देखने को मिलेगा।