UP: अयोध्या के मठ-मंदिरों का टैक्स माफ, बकाया कर भी नहीं होगा चुकाना

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अयोध्या के मठ और मंदिरों को कर मुक्त (Tax Free) किए जाने की घोषणा की थी। जिसे अब अमलीजामा पहना दिया गया है।

Written By :  aman
Update:2022-05-12 13:38 IST

प्रतीकात्मक चित्र 

Ayodhya : उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले के नगर निगम की बैठक में मंदिरों और मठों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया। निगम बोर्ड की बुधवार हुई बैठक में अयोध्या के मठ और मंदिरों का टैक्स माफ कर दिया गया। इसके अलावा, जिले के मंदिर व धर्मशाला को अब टैक्स नहीं देना होगा। इसके बदले उनसे टोकन मनी ली जाएगी। टोकन मनी 1000 हजार रुपए से 5000 हजार रुपए तक होगी।नगर निगम की बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए। 

नगर निगम की बैठक के बारे में मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, इस दायरे में सिर्फ वही मठ, मंदिर और धर्मशालाएं आएंगी, जो अपने परिसर का व्यावसायिक उपयोग (Commercial Use) नहीं कर रहे। बोर्ड बैठक (Board Meeting) में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है।

सीएम योगी की घोषणा को अमलीजामा पहनाया 

उल्लेखनीय है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अयोध्या के मठ और मंदिरों को कर मुक्त (Tax Free) किए जाने की घोषणा की थी। जिसे अब अमलीजामा पहना दिया गया है। नगर निगम बोर्ड की बैठक में मठ-मंदिरों को टैक्स फ्री किए जाने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया है।

जालपा चौराहा का नाम लता मंगेशकर के नाम पर

नगर निगम की बैठक में लिए फैसले के बाद अब मठ और मंदिरों को केवल 'टोकन मनी' ही देना होगा। साथ ही, मंदिरों का बकाया टैक्स माफ करने का भी फैसला लिया गया है। इस बैठक में सीएम योगी के उस फैसले पर भी अमल किया गया जिसमें उन्होंने कहा था कि शहर के एक चौराहे का नाम स्वर कोकिला लता मंगेशकर के नाम पर किया जाए। अयोध्या शहर के जालपा चौराहा का नाम लता मंगेशकर के नाम पर और टेढ़ी बाजार चौराहे का नाम निषादराज के नाम पर किए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया।

जलभराव समस्या से निजात पर खर्च होंगे 182 करोड़ 

वहीं, शहर में जलभराव समस्या से निजात दिलाने के लिए 182 करोड़ रुपए की लागत से नालों का निर्माण किया जाएगा। बैठक में पार्षदों ने नगर निगम क्षेत्र में सीवर के लिए खोदे मार्गों को दुरुस्त न किए जाने का मुद्दा भी उठाया। इस पर मेयर ने परियोजना प्रबंधक, नगर कार्य इकाई जल निगम को निर्देश दिया। उन्होंने कहा, कि 'जिन इलाकों में सीवर लाइन का काम करा दिया गया है। पहले वहां की सड़कों की मरम्मत और गड्ढों की भराई की जाए, जिसके बाद ही अन्य जगहों पर काम शुरू किया जाए।

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