सत्ता पक्ष के विधायकों के विवाद, सरकार की खूब करवा चुके किरकिरी
बलिया के विधायक सुरेन्द्र सिंह तो पिछले चार साल में न जाने कितनी बार अपने विवादास्पद बयानों से चर्चा में आ चुके हैं।
लखनऊ। अपनी उपेक्षा से आहत होकर डीएम ऑफिस पर धरने पर बैठने वाले प्रतापगढ़ के विधायक धीरज ओझा को लेकर भाजपा संगठन के अंदर इस बात को लेकर एक बार फिर चिंतन मंथन शुरू हो गया है कि पार्टी विधायकों की बढ़ती नाराजगी कही अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में नुकसान न पहुंचा दें। यही कारण कि सत्ता और संगठन में इस डैमेज कंट्रोल करने लिए जल्द ही दोषी अधिकारियो के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जहां तक अनुशासनहीनता की बात है तो भाजपा में यह कोई पहला मामला नहीं है जिसमें पार्टी विधायक की तरफ से अनुशासनहीनता की बात सामने आयी हो, इसके पहले भी पिछले साल अप्रैल महीने में सीतापुर सदर सीट से पार्टी विधायक राकेश राठौर के अपनी ही सरकार के खिलाफ एक ऑडियो वायरल किया था जिसका का संज्ञान लेते हुए भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें नोटिस भी जारी किया था।
सरकार के खिलाफ टिप्पणी करने विधायक
इसके अलावा पिछले साल ही सोशल मीडिया पर संगठन व सरकार के खिलाफ टिप्पणी करने वाले दो विधायकों गोपामऊ (हरदोई) के श्याम प्रकाश और बरहज( देवरिया) के विधायक सुरेश तिवारी ने भी अपने बयानों से योगी सरकार को कटघरे में खड़ा करने का काम किया है। जबकि बलिया के विधायक सुरेन्द्र सिंह तो पिछले चार साल में न जाने कितनी बार अपने विवादास्पद बयानों से चर्चा में आ चुके हैं।
विधायकों को नोटिस
इसी तरह भाजपा विधायक डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल का एक ऑडियो वायरल हो चुका है जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने उन्हे नोटिस भी दिया। दिलचस्प बात यह है कि ये वही डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल हैं जो कभी भाजपा विधानमंडल दल के मुख्य सचेतक हुआ करते थें। पर सरकार में अपनी उपेक्षा को लेकर वह अपना दर्द कई बार बयान कर चुके हैं। भाजपा के अंदर ऐसे विधायकों को कई बार नोटिस भी जारी किया जा चुका है। पर विधायकों ने अपनी शैली में कोई बदलाव नहीं किया और लगताार भाजपा हाईकमान के लिए जरूर दिक्कते पैदा कर की है।