UP BJP News : यूपी बीजेपी ने केंद्रीय नेतृत्व को सौंपी रिपोर्ट, हार के बताए ये मुख्य कारण, आतंरिक कलह का भी खुलासा

UP BJP News : लोकसभा चुनाव 2014 में बीजेपी गठबंधन को 73 और 2019 में 64 सीटों पर जीत मिली थी। चुनाव में मिली हार को लेकर यूपी बीजेपी ने 15 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंपी है।

Report :  Rajnish Verma
Update: 2024-07-18 13:20 GMT

UP BJP News : उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मिली करारी शिकस्त के बाद रार थमने का नाम नहीं ले रही है। अब चुनावी हार एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कई कारणों का जिक्र किया गया है। इस रिपोर्ट में सरकारी नौकरी, संविदात्मक भर्ती, पेपर लीक, प्रशासन की कठोरता और कार्यकर्ताओं के बीच फैला असंतोष सहित कई कारणों का जिक्र किया गया है। 

बता दें कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीटों में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन को इस बार महज 36 सीटें मिलीं हैं, जबकि समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन ने 43 सीटों पर जीत दर्ज की है। जबकि लोकसभा चुनाव 2014 में बीजेपी गठबंधन को 73 और 2019 में 64 सीटों पर जीत मिली थी। चुनाव में मिली हार को लेकर यूपी बीजेपी ने 15 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंपी है। इन निम्न बिन्दुओं के माध्यम से समझें पूरी रिपोर्ट -

रिपोर्ट के महत्वपूर्ण बिन्दु 

- उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के वोट शेयर में 8 फीसदी कमी है। यह रिपोर्ट 40,000 लोगों से फीडबैक के आधार पर तैयार की है। अयोध्या और अमेठी जैसे निर्वाचन क्षेत्रों के लोगों को भी शामिल किया गया है।

-  रिपोर्ट में कहा गया कि प्रशासन की मनमानी के के कारण पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष की स्थिति पनपी है, ये भी हार का बड़ा कारण है।

- टिकट विटरण में जल्दबाजी की गई, जिससे छठे और सातवें चरण तक कार्यकर्ता थक गए।

- बीते तीन सालों में पेपर लीक की 15 घटनाएं हुई, जिसका उल्लेख किया गया है। विरोधी दलों ने आरक्षण और सरकारी नौकरियों के मुद्दे को उठाया, जो भारी पड़ गया।

- रिपोर्ट में बताया गया कि पिछड़ी जातियों में मुख्य रूप से कुर्मी और मौर्य समाज ने दूरी बना ली है। इसके साथ ही दलित वोटों में भी कमी आई है। बसपा के वोट शेयर में भी 10 फीसदी की गिरावट आई है। कुछ क्षेत्रों में कांग्रेस का प्रदर्शन सुधारा है, जिससे चुनाव परिणाम प्रभावित हुए।

- रिपोर्ट में कहा गया कि पार्टी के अंदरूनी मतभेद को जल्द से जल्द सुलझाया जाए। पार्टी के अंदर अगड़ा बनाम पिछड़ा संघर्ष न बढ़े, इसके लिए जमीनी स्तर का काम किया जाए। 

-  पार्टी नेताओं ने स्थानीय मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया, जिससे नुकसान हुआ।

- रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भविष्य में चुनावों को वर्गों के बीच के संघर्ष तक सीमित होने से रोकने के लिए केंद्रीय नेतृत्व कोई निर्णायक कदम उठाए।

- रिपोर्ट में ये भी जिक्र है कि मुख्यमंत्री योगी ने चुनावी हार का कारण 'अति आत्मविश्वास' बताया था, जिसे केशव मौर्य ने खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि पार्टी और संगठन व्यक्ति से बड़े हैं।

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