UP: भाजपा की प्रचंड जीत में इस नेता की बड़ी भूमिका, जाने हैं कौन ?
UP: यूपी में भाजपा को मिली प्रचंड जीत भले ही राज्य सरकार की उपलब्धियों और संगठन की नीतियों के कारण मिली हो पर इन सबके बीच पार्टी के एक नेता की बड़ी भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है।
UP: यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली प्रचंड जीत भले ही राज्य सरकार की उपलब्धियों और संगठन की नीतियों के कारण मिली हो पर इन सबके बीच पार्टी के एक नेता की बड़ी भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है। जिन्होंने दूसरे दलों के नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कराके चुनाव के पहले ही विपक्ष को मनोवैज्ञानिक तरीके बेहद कमजोर करने का काम किया।
यहां बात हो रही भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और भाजपा ज्वाइंनिग कमेटी के अध्यक्ष डा लक्ष्मीकांत वाजपेयी की। विधानसभा चुनाव के पहले चार नवम्बर को गठित इस कमेटी ने अपने सहयोगियों केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा और दयाशंकर सिंह के साथ मिलकर दूसरे दलों के नेताओं को अपनी पार्टी में लगातार जोडने का काम किया। जिसमें दूसरे दलों के एक से एक दिग्गज नेता शामिल थें।
इस दौरान उन्होंने पांच पूर्व सांसदों, 15 विधानसभा और विधानपरिषद सदस्यों, 26 पूर्व विधायकों, 24 पूर्व मंत्रियों के अलावा केन्द्र सरकार के एक पूर्व मंत्री ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इसके अलावा नगर पालिका, जिला पंचायत अध्यक्षों के अलावा 12 लोकसभा प्रत्याशियों,42 विधानसभा प्रत्याशियों, एक जिला पंचायत अध्यक्ष शामिल हुए।
यह भाजपा के अनुभवी नेता डा लक्ष्मीकांत वाजपेयी के रणनीतिक कौशल का ही नतीजा रहा कि उन्होंने विपक्ष के दो ऐसे नेताओं को शामिल किया जो अपना नामांकन कर चुके थें पर इसके बाद भी वह भाजपा में आ गए।
इस दौरान भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा लक्ष्मीकांत वाजपेयी के निशाने पर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ही रही। इसलिए उन्होंने समाजवादी पार्टी के अलग अलग क्षेत्रों के ताकतवर नेताओं को भाजपा में शामिल किया। जिसमें सबसे अधिक 101 नेता समाजवादी पार्टी के रहे। इसके अलावा बसपा के 64 तथा कांग्रेस के 52 नेता शामिल थें। खास बात यह रही कि जो कांग्रेस 'लडकी हूं लड़ सकती हूं' स्लोगन को लेेकर महिलाओं पर फोकस करते हुए चुनाव मैदान में उतरी थी। डा लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने एक-एक करके कांग्रेस की तीनो पोस्टर गर्ल प्रियंका मौर्य, वंदना सिंह और पल्लवी को ही अपनी पार्टी में शाामिल कर लिया।
यहीं नहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ताकतवर पार्टी रालोद को भी कमजोर करने में भाजपा की ज्वांइनिग कमेटी ने बडा काम करते हुए उसके 12 नेताओं को तोड़कर अपनी पार्टी में शामिल कर लिया। इसके अलावा शिवपाल सिंह यादव की पार्टी से 12 सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के 10 आम आदमी पार्टी के तीन तथा अन्य दलों तीन दर्जन नेताओं को शामिल किया।
यही नहीं, डा लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने भाजपा को बडी ताकत देते हुए इस चुनाव में विभिन्न संगठनों और मान्यता प्राप्त 63 दलों को भी भाजपा में शामिल कर पार्टी को मजबूती देने का काम किया।
कुशल संगठनकर्ता डा लक्ष्मीकांत वाजपेयी की विलक्षण कार्यशैली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान ही स्थानीय निकाय के चुनाव में 12 में 10 मेयर भाजपा के जिताए थें। इसके बाद 2014 के लोकसभा में 80 लोकसभा सीटों में भाजपा को 71 सीटें जिताने में बडी भूमिका निभाई।