UP Exams 2022: सभी छात्र अलर्ट, अब नए पैटर्न से होंगी बोर्ड परीक्षाएं, लागू होगा ग्रेडिंग सिस्टम
UP Board 10th-12th Examinations: अब मार्कशीट में प्राप्त अंक और प्रतिशत की जगह ग्रेड आवंटित किए जाएंगे। यानी स्नातक परीक्षा का रिजल्ट सीजीपीए (Cumulative Grade Point Average) के तहत जारी किया जाएगा।
UP Board 10th-12th Examinations: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ राज्य विश्वविद्यालयों द्वारा संचालित स्नातक पाठ्यक्रमों के परीक्षा परिणाम में बड़ा बदलाव करते हुए आदेश जारी कर दिया है। इस बदलाव के चलते अब मार्कशीट में प्राप्त अंक और प्रतिशत की जगह ग्रेड आवंटित किए जाएंगे। यानी स्नातक परीक्षा का रिजल्ट सीजीपीए (Cumulative Grade Point Average) के तहत जारी किया जाएगा। हालांकि इसके विपरीत लिखित और प्रायोगिक परीक्षा दोनों का पास मानदंड अलग-अलग रूप से 33 प्रतिशत ही रहेगा। सीएम के आदेशानुसार यह प्रणाली साल 2022-23 से लागू होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित हुई बैठक में चर्चा के बाद यह आदेश पारित किया है। इस आदेश के चलते अब राज्य के सभी सरकारी व गैर सरकारी विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से यह ग्रेडिंग प्रणाली लागू की जाएगी जिसमें बीएससी, बीए, बीकॉम सहित अन्य स्नातक पाठ्यक्रम शामिल रहेंगे।
इस नए ग्रेडिंग प्रणाली के तहत स्नातक परीक्षा में छात्रों का आंकलन 10 ग्रेड पॉइंट के आधार पर किया जाना है। इसी के साथ लिखित परीक्षा 75 अंकों की और इंटरनल अथवा प्रायोगिक परीक्षा 25 अंकों की पूर्व के समान ही आयोजित होगी, जिसमें दोनों में पास होने के लिए समान रूप से न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
ऐसे होगा ग्रेड का आंकलन
उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में संचालित स्नातक परीक्षा का परिणाम ग्रेडिंग सिस्टम केआधार पर करने के पश्चात अब छात्रों को CGPA आवंटित किया जाएगा तथा इसी के आधार पर ही छात्रों किस श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं यह निर्णधारित किया जाएगा। इस नई प्रणाली के आधार पर 6.5 CGPA से लेकर 10 CGPA ग्रेड प्राप्त करने वाले छात्र प्रथम श्रेणी में होंगे, 5.0 CGPA से लेकर 6.5 CGPA ग्रेड प्राप्त करने वाले छात्र द्वितीय श्रेणी में होंगे तथा अंततः 4.0 CGPA से लेकर 5.0 CGPA ग्रेड प्राप्त करने वाले छात्र तृतीय श्रेणी में शामिल रहेंगे।
आपको बता दें कि पूर्व में यह आंकलन प्रतिशत अंकों के आधार पर किया जाता था, जिसमें 60 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले छात्र प्रथम श्रेणी, 45 प्रतिशत से 59.99 प्रतिशत पाने वाले छात्र द्वितीय श्रेणी और 33 प्रतिशत से लेकर 44.99 प्रतिशत पाने वाले छात्र तृतीय श्रेणी पास में अंकित किए जाते थे।