फैशन बनता जा रहा है यूपी की ब्यूरोक्रेसी में गुस्सा दिखाना

लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश और सिटी मजिस्ट्रेट शशि भूषण राय के बीच हुआ जबर्रदस्त विवाद और गाली गलौज शासन में चर्चा का विषय बना हुआ है।

Reporter :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2021-06-03 22:05 IST

यूपी की ब्यूरोक्रेसी में गुस्सा: कांसेप्ट इमेज- सोशल मीडिया  

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश और सिटी मजिस्ट्रेट शशि भूषण राय के बीच हुआ जबर्रदस्त विवाद और गाली गलौज शासन में चर्चा का विषय बना हुआ है। अब दोनों अधिकारी इस बात को दबाना चाह रहे हैं। पर मौके पर मौजूद कर्मचारी तथा अन्य लोग इस विवाद से अनभिज्ञ नहीं हैं। उनका तो यहां तक कहना है बात मारपीट तक पहुंच चुकी थी।

अब सवाल इस बात का है कि आखिर यूपी में प्रशासनिक अधिकारियों का गुस्सा लगातार क्यों बढता जा रहा है। इधर दो चार वर्षो में प्रशासनिक अधिकारियों की सार्वजनिक रूप से गुस्से के कई मामले सामने आ चुके हैं। कुछ महीनों पहले अमेठी के डीएम प्रशांत शर्मा के सार्वजनिक गुस्से के बाद उनपर कार्रवाई करते हुए अधिकारियों को यह संदेश देने की कोशिश की कि वह जनता के सेवक हैं, बावजूद इसके अधिकारियों के रवैये में बदलाव नहीं आ रहा है।

मुजफ्फरनगर के सौरम गांव में जनचौपाल में किसान सम्मान निधि के किसानों की सूची उपलब्ध नहीं होने से गुस्साई डीएम सेल्वा कुमारी जे ने एसडीएम दीपक कुमार को हड़काया ही नहीं पैदल भी कर दिया। एसडीएम से सरकारी गाड़ी और फाइलें वहीं छोड़कर बस से जिला मुख्यालय जाकर आमद करने के लिए कहा।

लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश: फोटो-सोशल मीडिया 

बाराबंकी के जिलाधिकारी रहे डॉ. आदर्श सिंह रहे चर्चा में 

बाराबंकी के जिलाधिकारी रहे डॉ. आदर्श सिंह का मामला भी खूब चर्चा में रह चुका है। उन्होंने भरी मीटिंग में अधिकारियों की जमकर लताड़ लगाई और कहा कि प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार है जिसकी भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति है।

यूपी की ब्यूरोक्रेसी का एक और मामला सामने आ चुका है। दो साल पहले जब मुख्यमंत्री कार्यालय (एनेक्सी) स्थित आईटी इलेक्ट्रानिक विभाग के अनुभाग अधिकारी विमल चंद्र को दिल का दौरा पड़ा था। कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया कि कि आईटी विभाग के विशेष सचिव आंद्रा वामसी की फटकार से विमल चंद्र को दिल का दौरा पड़ा था।

इसी तरह जनता के बीच ही अमेठी के जिलाधिकारी रहे प्रशांत शर्मा की नाराजगी भरे व्यवहार के कारण सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। जिले ही के एक ईंट व्यवसायी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पोस्टमार्टम हाउस के बाहर ही मृतक के परिजन एकत्र थें तभी बातचीत के दौरान जिले के डीएम प्रशांत शर्मा अपना आपा खो बैठे और परिजनों से अभद्रता कर बैठे। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

आईएएस अधिकारी प्रशांत शर्मा इसके पहले भी अपने व्यवहार के कारण कोर्ट की अवमानना के चलते चर्चा में आ चुके हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अमेठी के जिलाधिकारी प्रशांत शर्मा को एक अवमानना मामले में कड़ी फटकार लगायी।

आईएएस अधिकारी बी चन्द्रकला का सेल्फी मामला 

इसी तरह इस समय खनन मामले में विवादों में फंसी आईएएस अधिकारी बी चन्द्रकला जब कुछ साल पहले जब बुलन्दशहर की डीएम थी तो उन्होंने एक पत्रकार पर अपना गुस्सा निकालते हुए उसे जमकर खरी खोटी सुनाई। मामला ये था कि बी. चंद्रकला ने अपने साथ सेल्फी खिंचवाने की कोशिश करते एक युवक के खिलाफ केस कर उसे जेल भिजवा दिया था।

प्रयागराज में कुछ साल पहले एक महिला आईएएस और एसडीएम सदर हर्षिता माथुर को इस कदर गुस्सा आया कि उन्होंने ज्ञापन देने आए एक आप नेता सुनील चैधरी को पुलिस को सौंप दिया। जेल भेजने से पहले पुलिस ने थाने पर आप नेता की जमकर पिटाई भी की और उनके समर्थन में आए आप के दूसरे कार्यकर्ताओं के साथ धक्का-मुक्की कर उन्हें वहां से जबरन भगा दिया। इस नेता का बस इतना कुसूर था कि वह नेता ज्ञापन देते समय एसडीएम के साथ अपनी फोटों खिचवाने लगा था।

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