UP By Election 2024: छह सीटों पर सपा उम्मीदवारों के नाम फाइनल, इस सीट पर कांग्रेस से फंस रहा पेंच

UP By Election 2024: राजनीतिक गलियारों में अब उम्मीदवारों के नाम की चर्चा तेज हो गई है। माना जा रहा है कि सपा जल्द ही उम्मीदवारों का ऐलान कर सकती है।

Update:2024-10-02 09:20 IST

UP By Election 2024 (Pic: Social Media)

UP By Election 2024: उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है। प्रचार से लेकर प्रत्याशियों के चयन की प्रकिया जारी है। किसी भी पार्टी ने अभी आधिकारीक तौर पर उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। न ही चुनाव आयोग ने चुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान किया है। माना जा रहा है कि सभी 10 सीटों पर जल्द ही चुनाव हो सकते हैं। राजनीतिक गलियारों में अब उम्मीदवारों के नाम की चर्चा तेज हो गई है। सभी सीटों पर नामों के कयास लगाए जा रहे हैं। इस बीच माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी ने छह सीटों पर उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर लिए हैं। माना जा रहा है जल्द ही समाजवादी पार्टी अपने उम्मीदवारों का ऐलान करेगी।  

मिल्कीपुर

पार्टी ने जिन सीटों पर नाम फाइनल किए हैं उनमें मिल्कीपुर का नाम सबसे ऊपर है। फैजाबाद लोकसभा सीट से सांसद बने अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद का नाम फाइनल माना जा रहा है। बता दें कि मिल्कीपुर सीट से विधायक रहे अवधेश प्रसाद के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली है। अब इस सीट पर उनके बेटे का नाम लगभग तय माना जा रहा है। हालांकि पिछले दिनों अजीत प्रसाद पर मारपीट और अपहरण करने के आरोप में FIR दर्ज की गई है। जिसके बाद यह भी माना जा रहा है कि पार्टी आखिरी समय में बदलाव भी कर सकती है। 


करहल

मैनपुरी जिले की करहल सीट पर अखिलेश यादव विधायक थे। लोकसभा चुनाव में कन्नौज लोकसभा सीट से सांसद चुने जाने के बाद अब इस सीट पर उपचुनाव होना है। माना जा रहा है कि इस सीट पर अखिलेश यादव अपने परिवार के ही तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार बना सकती है। तेज प्रताप मैनपुरी से सांसद भी रह चुके हैं। उपचुनाव के चलते इन दिनों तेज प्रताप इस क्षेत्र में काफी सक्रीय भी हैं। जल्द ही उनके नाम का औपचारिक ऐलान किया जा सकता है। अखिलेश यादव इस सीट पर हारना नहीं चाहेंगे। वैसे भी मैनपुरी सपा का गढ़ रही है। 


सीसामऊ

सीसामऊ से विधायक रहे इरफान सोलंकी को अदालत से सजा मिलने के बाद यह सीट खाली है। बंग्लादेश नागरिक के फर्जी प्रमाणपत्र बनवाने के मामले में उन्हें सात साल की सजा मिली है। हालांकि कल हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। इस सीट से इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा है। जमानत मिलने के बाद सपा को फायदा हो सकता है। क्षेत्र में इरफान सोलंकी की सक्रियता सपा के लिए जीत का मंत्र बन सकती है। माना जा रहा है कि जल्द ही पार्टी नामों की घोषणा करेगी। 


कटहरी

अंबेडकर नगर जिले की कटहरी सीट पर भी उपचुनाव होना है। यहां से विधायक रहे लालजी वर्मा के सांसद चुन लिए जाने के बाद इस सीट पर उपचुनाव होना है। समाजवादी पार्टी इस सीट से अब लालजी वर्मा की पत्नी को उम्मीदवार बनाने की योजना बना रही है। सुभावती वर्मा कटहरी सीट से उम्मीदवार हो सकती हैं। इसस पहले वह ब्लॉक प्रमुख भी रह चुकी हैं। इस सीट से इनके अलावा भी कई दावेदार हैं। मगर पार्टी सभी की दावेदारी खारिज करने के मूड़ में है। सुभावती वर्मा का नाम तय माना जा रह है। 

मझवां 

मिर्जापुर जिले की मझवां सीट पर भी सपा ने उम्मीदवार चुन लिया है। इस सीट पर विधायक रहे रमेश बिंद लोकसभा चुनाव में भाजपा छोड़ सपा में शामिल हो गए थे। सपा ने उन्हें मिर्जापुर से लोकसभा चुनाव में टिकट दिया था। हालांकि रमेश बिंद चुनाव हार गए। अब इस सीट से उनकी बेटी डॉ.ज्योति बिंद को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। पार्टी जल्द ही इनके नाम की घोषणा कर सकती है। सपा ने अपने उम्मीदवारों को क्षेत्र में काम करने के संकेत दे दिए हैं। 


कुंदरकी 

कुंदरकी सीट से सपा पूर्व विधायक हाजी रिजवान को उम्मीदवार बनाने जा रही है। इस सीट से वह दो बार विधायक रह चुके हैं। जियाउर्रहमान बर्क यहां से विधायक थे। मगर 2024 लोकसभा चुनाव में शफीकुर्रहमान बर्क के निधन के बाद पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ाया। उनके सांसद चुने जाने के बाद यह सीट खाली हो गई है। अब इस पर उपचुनाव होने हैं। हाजी रिजवान का नाम लगभग तय माना जा रहा है। जल्द ही अखिलेश यादव नाम का ऐलान कर सकते हैं। 

इस सीट पर फंस रहा पेंच

उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के दौरान भी सपा और कांग्रेस का गठबंधन बने रहने की उम्मीद है। मगर एक सीट जिसको लेकर दोनों पार्टियों के बीच पेंच फंस रहा है वह है मीरापुर सीट। सपा यहां से मुस्लिम उम्मीदवार उतारना चाहती है मगर कांग्रेस पार्टी इस सीट पर अपना दावा ठोक रही है। 2022 के चुनाव में सपा ने यहां आरएलडी के गठबंधन से जीत हासिल की थी। मगर उपचुनाव में इस सीट को लेकर अब तक दोनों पार्टियों के बीच स्थिति साफ नहीं हो सकी है। सपा कांग्रेस को गाजियाबाद और खैर सीट देना चाहती है। मगर कांग्रेस इन सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारना चाहती। दोनों सीटों पर लंबे समय से भाजपा का कमल खिला है। चुनाव जीत पाना मुश्किल होगा। ऐसे में कांग्रेस मीरापुर सीट से चुनाव लड़कर कम से कम एक सीट जीतना चाहती है। 

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