नोट से फैल सकता है कोरोना, लेनदेन के लिए अपनाएं ये तरीके
नोट और सिक्कों से भी कोरोना का प्रसार हो सकत है, ऐसे में महामारी विशेषज्ञ ने सलाह दी है कि डिजिटल पेमेंट का यूज करें।
मऊ: कोविड-19 संक्रमण की सेकेंड वेव से पूरे देश में हलचल मची हुई है। इससे बचने का एक मात्र उपाय इसके संचार को अपने-अपने उपायों से रोका जाए। सामाजिक दूरी, मास्क, सेनेटाइजर प्रयोग करने के साथ ही इससे बचाव के लिये हर प्रयास जैसे कर्फ्यू, वीकेंड लाकडाउन, सम्पूर्ण बंदी आदि किए जा रहे हैं। इसके पीछे कारण यह है कि कोरोना एक संचारी रोग का वायरस है। यह एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संचार के माध्यम से गुणात्मक रुप से फैल रहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीशचन्द्र सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों को यह जानकारी दी जा रही है कि जहां तक हो सके ज्यादा से ज्यादा जन सामान्य तक जागरुकता वाली जानकारियों को पहुंचाया जाये। कोरोना के वायरस से किन-किन तरीकों से स्वयं को सुरक्षित रख सकते हैं, इस बारे में बताया जाए। जैसे कि सभी को रोजमर्रा के कार्यों के दौरान में भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थान बाजार धार्मिक स्थलों पर जाने से बचना चाहिए। किसी जरुरी कारण आप वहां पहुंच गए हों तो इधर-उधर की वस्तुओं को छूने से परहेज करना चाहिए।
उन्होंने आगे बताया कि वर्तमान समय में हर आदमी की जिंदगी बाजार से जुड़ी हुई है। हम सभी को बाजार जाने के बाद वहां पर केवल अपनी जरूरत की वस्तुओं को छूना या उठाना चाहिए। उसे अपने झोले में रखना चाहिए सामानों को छूने के बाद हाथों से चेहरे और आंख व नाक नहीं छूना चाहिये।
संक्रमण से बचने के लिए करें डिजिटल पेमेंट
महामारी विशेषज्ञ रविशंकर ओझा ने बताया कि नोट और सिक्कों पर सबसे ज्यादा वायरस और गंदगी के संवाहक होते हैं। इनसे वायरस बड़ी ही आसानी से एक जगह से दूसरे जगह संचारित हो जाते हैं। वहीं एटीएम मशीन उनके बटन, दरवाजे, हेंडल, शीशा आदि किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुए जाने के बाद दूसरे स्वस्थ व्यक्ति में कोरोना का वायरस संचारित हो सकता है। जहां तक हो सके डिजिटल पेमेंट ही करने का प्रयास करें। उसमें भी सबसे सुरक्षित क्यूआर या बारकोड है।
दूसरा सुरक्षित तरीका यूपीआई द्वारा संबंधित दुकानदार के खाते में डिजिटल ट्रांसफर करके अपने आपको कोरोना के संकट से अपने आपको बचाने का प्रयास किया जा सकता है। इसके अलावा अन्य सभी विकल्प में अपनाए जाने के बाद भी हाथों को तुरंत सैनिटाइज करते रहना चाहिए। अगले सात दिनों तक इसके फैलाव को कम करने के लिए केवल डिजिटल पेमेंट का आदत डालें।
रविशंकर ओझा ने आगे बताया कि तीसरा बढ़िया तरीका है, ऑनलाइन ट्रांसफर, लेकिन इसमें थोड़े दिक्कत के साथ समय लेने वाला है। बैंक अकाउंट नंबर के साथ आईएफएससी नंबर आदि देना होता है, जो कि समय का नुकसान करते हैं। ऐसे में डिजिटल ट्रांजैक्शन हम सभी के साथ समाज को बहुत हद तक कोरोना के संक्रमण से सुरक्षित रख सकता है। इसलिए हम सभी को आज से ही इन विकल्पों पर कार्य शुरू कर देना चाहिए।
इतने के बाद बाहर से लौटने पर अपने हाथ को साबुन से 40 सेकंड तक कम से कम धोएं। उसके बाद सैनिटाइजर का प्रयोग करें, अपने मोबाइल, स्वैपकार्ड को भी सैनिटाइज करना चाहिये।