UP Election 2022: अयोध्या के सभी विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने उतारे अपने उम्मीदवार, जानिए किसकी-किससे होगी टक्कर
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए भारतीय जनता पार्टी में अयोध्या जनपद के सभी पांचों विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया।
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले की सभी पांचों विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। पार्टी ने मैदान में सभी पुराने प्रत्याशियों को एक बार फिर मौका देकर अपने गढ़ में अपनी विजय के पत्ते खोल दिए हैं। दो विधानसभा क्षेत्रों गोसाईगंज और बीकापुर में बस नाम ही बदले हैं। यहां भी चुनाव यहां पार्टी के पुराने चेहरों पर ही लड़ा जाना है। इस तरह अब जिले का चुनावी परिदृश्य स्पष्ट दिखने लगा है। कुछ सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय बनता बन रहा है।
वहीं अयोध्या सदर विधानसभा सीट (Ayodhya Sadar Assembly seat) पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय (Tej Narayan Pandey) पवन के सामने पुराने प्रतिद्वंद्वी वर्तमान विधायक वेद प्रकाश गुप्ता (Ved Prakash Gupta) हैं। कांग्रेस, बसपा और आप ने अभी यहां पत्ते नहीं खोले हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से सूर्यकान्त पाण्डेय (Suryakant Pandey) चुनाव लड़ेंगे। यहां सीधा मुकाबला सपा और भाजपा का ही होगा।
भाजपा को जहां वैश्यों, कायस्थ, क्षत्रिय और निषाद मतों के साथ ब्राह्मण वोटों का भरोसा है, वहीं सपा मुस्लिम, यादव के साथ अन्य पिछड़ी जाति और प्रत्याशी के सजातीय समीकरण के बल पर मैदान मारने के प्रयास में है। सरयू अयोध्या की पल-पल की गवाह है और एक बार फिर विधानसभा चुनाव की गवाह रहेगी और सरयू अयोध्या की पल-पल की गवाह है और एक बार फिर विधानसभा चुनाव की गवाह रहेगी। गोशाईगंज में आरती व अभय में सीधी टक्कर होगी।
गोसाईगंज सीट पर आरती तिवारी को टिकट
वहीं गोसाईगंज विधानसभा सीट (Gosaiganj assembly seat) पर भाजपा ने यहां से विधानसभा चुनाव जीतने वाले इंद्र प्रताप तिवारी (Indra Pratap Tiwari) खब्बू की पत्नी आरती तिवारी को टिकट दिया है। और एक दिन पहले ही खब्बू के पूर्व प्रतिद्वंद्वी पूर्व विधायक अभय सिंह ही मैदान में हैं। दोनों ही बाहुबली हैं और इन्हीं दोनों में सीधी टक्कर है। अभय सिंह के सामने सजातीय मतों को सजोने की चुनौती है। वही बसपा और कांग्रेस ने अभी इस सीट पर अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं, बीकापुर में त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति पैदा हो गयी है।
बीकापुर सीट पर समाजवादी पार्टी ऊहापोह में है।सपा पैतृक विरासत पर राजनीति कर रहे आनंदसेन के पीछे हटने और चुनाव क्षेत्र बदलने के दबाव से उलझन में है। नए परिसीमन ने आनंदसेन यादव का ही नहीं पूरे सेन परिवार का चुनावी गणित बिगाड़ दिया है। यहां उनका मुकाबला पैतृक विरासत वाले भाजपा प्रत्याशी पूर्व मंत्री स्व. मुन्ना सिंह चौहान के पुत्र डा. अमित सिंह से है जो सोहावल क्षेत्र के जुड़ने से और अधिक प्रभावी हैं, वहीं बसपा से ब्राह्मण प्रत्याशी आने की संभावना ने स्थिति उनके प्रतिकूल कर दी है।
रही सही कसर कांग्रेस ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को यहां से टिकट दे कर पूरी कर दी है। सपा के लिए यहां की राह आसान नहीं रह गई है क्योंकि बीकापुर के पूर्व विधायक परशुराम यादव (Parshuram Yadav) की पुत्री रोली भी टिकट की दावेदार है और एक मुस्लिम व्यापारी भी टिकट की लाइन में है। मिल्कीपुर सुरक्षित से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी पूर्व मंत्री अवधेश प्रसाद (Awadhesh Prasad) मैदान में हैं।
भाजपा ने वर्तमान विधायक गोरखनाथ पर ही भरोसा जताया है, जबकि बसपा ने नये चेहरे संतोष कुमार उर्फ सूरज चौधरी को मुकाबले में खड़ा किया है। यहां लड़ाई किसी के लिए आसान नहीं है। रुदौली में सीधी नहीं है संघर्ष, सबको तंग करेगी बसपा रुदौली में सपा से पिछले चुनाव के चिर परिचित चेहरे अब्बास अली जैदी रुश्दी मियां हाल ही में अस्वस्थ हो गए थे। उन्हें बदले जाने की मुहिम सपाई ही चला रहे हैं और बीकापुर छोड़ आनंदसेन रुदौली से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं, जबकि भाजपा ने दो बार लगातार यह सीट जीतने वाले रामचंद्र यादव का टिकट बरकरार रखा है।
बसपा ने यहां से रसूखदार चौधरी परिवार के चौधरी शहरयार को टिकट दिया है। इसके पहले भी बसपा यहां अन्य दलों को कड़ी चुनौती देती रही है। चौधरी शहरयार सपा और बसपा दोनों ही दलों की चुनावी राह में बड़ी अड़चन रहेंगे। यहां सीधा संघर्ष नहीं रहेगा।