UP Election 2022: यूपी में भाजपा के जीतने या हारने के ये बड़े कारण, देखें ये रिपोर्ट
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 10 फरवरी से शुरू हो रहा है पिछले 5 सालों के कामों बीजेपी के कुछ फैसले बन सकते हैं उसके जीत की राह में रोड़ा।
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग द्वारा कर दिया गया है। जिसके बाद से ही सभी राजनीतिक पार्टियां अपना समीकरण साधने में लग गई। पार्टियों के साथ हर दल के नेता भी अपना-अपना राजनीतिक भविष्य संवारने के लिए सियासी चाल चलने लगे हैं। हालांकि किस की सत्ता आएगी और कौन सत्ता से बेदखल रह जाएगा यह फैसला जनता वोट देकर करेगी। एक नजर इस तरफ भी जानते हैं कि पिछले 5 सालों में सरकार की किन योजनाओं तथा कदमों से उसे इस चुनाव में लाभ और हानि होने की संभावना है।
देश में पिछले 5 सालों में बेरोजगारी और किसान आंदोलन जैसे मुद्दे सरकार के खिलाफ में बहुत ज्यादा उग्र रहे हैं। जिसके वजह से सरकार को विधानसभा चुनाव में नुकसान होने की संभावना है।
यूपी में किसान आंदोलन
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का चला आंदोलन 9 अगस्त 2020 से 11 दिसंबर 2021 तक चला। किसानों का आरोप था कि सरकार ने किसी कानूनों के जरिए खेती को प्राइवेट कंपनियों के हाथों में दे रही है वही किसान लगातार एमएससी को लेकर भी कानून बनाए जाने की मांग कर रहे थे। 1 साल से भी अधिक वक्त तक चला किसानों का आंदोलन 2021 के दिसंबर में तब खत्म हुआ जब केंद्र सरकार ने किसी कानूनों को वापस लेने का फैसला किया। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव पर किसान आंदोलन का असर देखने को मिलेगा इस आंदोलन के वजह से भारतीय जनता पार्टी को पश्चिमी यूपी में बड़ी घार का सामना करना पड़ सकता है।
यूपी में रोजगार
पिछले 5 सालों में उत्तर प्रदेश सरकार पर रोजगार ना देने की आरोप विपक्षी दलों द्वारा लगाया जाता रहा है। इसके उदाहरण कुछ इस तरीके से भी मिलते हैं कि बीते कुछ वर्षों में बहुत सी वैकेंसी आईं लेकिन उनमें से किसी भी वैकेंसी को पूर्ण रूप से सरकार नहीं भर पाई। कई मामलों में पेपर लीक के वजह से परीक्षाएं रद्द हो गई तो कई मामलों में वैकेंसी कोर्ट में जाकर अटक गई। हालांकि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार यह दावा करती है कि उसने पिछले 5 सालों में 4 लाख से अधिक नौकरियां दी है। बेरोजगारी भारतीय जनता पार्टी के लिए उत्तर प्रदेश के चुनाव में बहुत नुकसान पहुंचा सकती है।
यूपी में जातिवादी फैक्टर
उत्तर प्रदेश सरकार पर पिछले 5 सालों में सबसे ज्यादा आरोप इस सरकार ब्राह्मण विरोधी होने का भी लगा है। विपक्ष द्वारा ही आरोप तब से और ज्यादा लगाए जाने लगा जब गैंगस्टर विकास दुबे की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई। तभी से विपक्षी दल उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को ब्राह्मण विरोधी और ठाकुरवाद वाली सरकार कहना शुरू कर दिया। हाल ही में अखिलेश यादव ने एक बयान में कहा भी था कि उत्तर प्रदेश के थानों और किसी भी विभाग में अधिकारियों के लिस्ट को देख लीजिए वहां सबसे ज्यादा एक विशेष जाति के लोग ही मिलेंगे। इस बयान में अखिलेश यादव का निशाना ठाकुरों पर था भारतीय जनता पार्टी को ब्राम्हण वोटरों से नुकसान होने की संभावना। समाजवादी पार्टी ने प्रदेश में ब्राह्मण वोटरों को साधने के लिए हाल ही में परशुराम की मूर्ति और पर से भी लगवाएं हैं।
इन सब के साथ भारतीय जनता पार्टी को कुछ सरकारी योजनाएं विधानसभा चुनाव में लाभ भी पहुंचा सकती है जो इस प्रकार हैं-
यूपी में प्रधानमंत्री आवास योजना
प्रधानमंत्री आवास योजना उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की जीत का एक बहुत बड़ा फैक्टर हो सकता है। क्योंकि इस योजना के लाभ धरातल पर भी देखा गया है। इस योजना के तहत राज्य में लाखों परिवारों को आवास बनवाने के लिए सरकार द्वारा आर्थिक मदद। हालांकि सरकार की इस योजना पर रुचि पार्टियों द्वारा धांधली का आरोप लगाया जा चुका है। मगर सरकार की इस योजना का असर ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिलता है। इसका लाभ भारतीय जनता पार्टी को चुनाव में मिलने की पूरी संभावना है।
यूपी में मुफ्त राशन योजना
भारत में जब कोरोना वायरस का संक्रमण चरम पर था उस वक्त केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए मुक्त राशन की योजना का घोषणा किया था। जिसके बाद गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को मुफ्त राशन दिया। यह योजना आज भी चालू है, शहरी तथा खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना काल में जब लोगों को आर्थिक तंगी से गुजारना पड़ रहा था। उस वक्त यह सरकारी योजना लोगों के जीवन यापन में काफी मददगार रहा। यही कारण है की इसका लाभ भारतीय जनता पार्टी को विधानसभा चुनाव में मिलने की पूरी संभावना है।
UP में किसान निधि
एक तरफ तो नए किसी कानूनों के वजह से किसान आंदोलन जैसा मुद्दा सरकार के खिलाफ है तो वहीं बीजेपी सरकार द्वारा शुरू किया गया। किसान निधि योजना सरकार को विधानसभा चुनाव में बड़ा लाभ पहुंचा सकता है।