UP Election 2022: बुंदेलखंड में वोटों की खड़ी फसल बचाए रखना चाहती है भाजपा

UP Election 2022: बुंदेलखंड के विकास को लेकर मोदी सरकार और योगी सरकार लगातार अपना फोकस बनाए हुए है। भाजपा की कोशिश है कि यहां के लोगों में विश्वास जगाकर इस क्षेत्र में वोटों को अपने पाले में किया जाए।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Chitra Singh
Update: 2021-12-01 06:34 GMT
सीएम योगी-गृहमंत्री अमित शाह-पीएम मोदी (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में फिर से सत्ता हासिल करने की कोशिश में जुटी भाजपा पूर्वांचल के अलावा बुंदेलखण्ड पर भी अपनी पैनी निगाह बनाए हुए है। प्रदेश के इस पिछडे़ क्षेत्र के विकास को लेकर ही मोदी सरकार (Modi Sarkar) और योगी सरकार (Yogi Sarkar) लगातार अपना फोकस बनाए हुए है। डबल इंजन की सरकार ने अपनी इसी जुगलबंदी के तहत बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस वे हर घर नल योजना, डिफेंस कोरीडोर और ललितपुर में मेडिकल कॉलेज का बड़ा तोहफा दिया है। पिछले साढ़े चार सालों में भाजपा की कोशिश यही रही है कि बुंदेलखंड के लोगों में विश्वास जगाकर इस क्षेत्र में वोटों को अपने पाले में किया जाए।

इसके पहले पिछले विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने एक रैली कर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाकर बुंदेलखंड में अपना परचम लहराने का काम किया था और इस बार भी बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे लोकार्पण पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक बड़ी सभा कराए जाने की योजना बनाई गयी है।

कभी कांग्रेस के गढ़ रहे बुंदेलखण्ड क्षेत्र में बोफोर्स कांड, मंडल आयोग और राम मंदिर आंदोलन के बाद पार्टी कमजोर होती गयी। इस पूरे क्षेत्र में बसपा और समाजवादी पार्टी का प्रभाव बढ़ता गया। पर 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद से भाजपा की ताकत में बड़ा इजाफा हुआ है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी बुंदेलखंड के चित्रकूट दौरे (priyanka gandhi chitrakoot) पर आ चुकी हैं । इस दौरान प्रियंका गांधी (priyanka gandhi) महिलाओं से बातचीत करने के साथ ही मंदिर में माथा टेककर बुंदेलखंड के वोटरों को प्रभावित करने की की कोशिश की। जबकि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) भी बुंदेलखंड क्षेत्र का दौरा कर अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं ।

प्रियंका गांधी (फाइल फोटो- न्यूज ट्रैक) 

कभी कांग्रेस का गढ़ रहा बुंदेलखंड अब भाजपा का अभेद्य गढ़ बन चुका है। भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में कानपुर-बुंदेलखंड (Kanpur-Bundelkhand) की 52 में से 47 सीटों पर कमल खिलाया था। पार्टी क्लीन स्वीप से महज पांच सीटें पीछे रह गई थी। कानपुर-बुंदेलखंड की पांच सीटों पर हार का सामना करने के बाद भाजपा ने एक बार फिर 2019 के लोकसभा चुनाव (lok sabha election 2019) में इस क्षेत्र की 10 में से 10 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की थी।

अगर केवल बुंदेलखंड क्षेत्र की ही बात की जाए तो सात जिलों में फैले इस क्षेत्र चार लोकसभा और 19 विधानसभा की सीटें हैं। इसमें जालौन जिले में तीन, झाँसी में चार, ललितपुर में दो, हमीरपुर में दो, महोबा में दो, बांदा में चार और चित्रकूट में दो विधानसभा की सीटें हैं।

2017 में भाजपा ने बुंदेलखंड में अपनी राजनीतिक जड़ें इस कदर मजबूत कर ली थी कि 2019 में सपा और बसपा गठबंधन की चूले हिल गयी। भाजपा की अब यही रणनीति है कि मिशन 2022 मेें भी यही स्थिति बरकरार रहे। संगठन इस बार कानपुर-बुंदेलखंड की सभी विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। इसके लिए विशेष कार्ययोजना के तहत काम किया जा रहा है।

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