UP Election 2022: मोदी और शाह की नजर अब पूर्वांचल की सीटों पर, प्रचार का शोर थमने तक डेरा डालने की तैयारी
प्रधानमंत्री मोदी के साथ ही गृह मंत्री अमित शाह भी काशी को केंद्र बनाकर पूर्वांचल की सीटों पर समीकरण साधने की कोशिश करेंगे।
UP Election 2022: पूर्वांचल की सीटों पर भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब खुद बड़ी भूमिका निभाएंगे। प्रधानमंत्री का विशेष जोर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी की विधानसभा सीटों पर है। बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी 27 फरवरी को दो दिवसीय दौरे पर काशी पहुंचेंगे। करीब 20 घंटे के प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री जनसभा को संबोधित करने के साथ ही रोड शो भी कर सकते हैं। इसके बाद पीएम मोदी 3 से 5 मार्च को चुनाव प्रचार का शोर थमने तक वाराणसी में डेरा डालेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी के साथ ही गृह मंत्री अमित शाह भी काशी को केंद्र बनाकर पूर्वांचल की सीटों पर समीकरण साधने की कोशिश करेंगे। वे सोमवार की रात भी काशी में ही रुके थे और 28 फरवरी तक शाह का दो बार काशी दौरा प्रस्तावित है। एक मार्च के बाद गृह मंत्री शाह भी काशी को ही केंद्र बनाकर पूर्वांचल की विधानसभा सीटों पर भाजपा के पक्ष में समीकरण साधने की कोशिश करेंगे। भाजपा के इन दो बड़े नेताओं के कार्यक्रम तय होने के बाद पार्टी कार्यकर्ता तैयारियों में जुट गए हैं।
कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे मोदी
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे का कार्यक्रम तय होने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी पदाधिकारियों को पीएम के दो दिवसीय दौरे की तैयारियों में जुटने का निर्देश दिया है। गृह मंत्री के निर्देश के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की ओर से युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। 27 फरवरी को वाराणसी दौरे के समय प्रधानमंत्री बूथ लेवल के करीब 22 सौ कार्यकर्ताओं के साथ सीधा संवाद करेंगे।
पीएम मोदी कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रबंधन के साथ ही बूथ लेवल के मैनेजमेंट के तौर तरीकों की जानकारी भी देंगे। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में इस कार्यक्रम को आयोजित करने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी के काशी प्रवास के दौरान ग्रामीण इलाके की किसी विधानसभा क्षेत्र में जनसभा के आयोजन की रूपरेखा भी तैयार की जा रही है।
चुनावी शोर थमने तब काशी में डेरा
सातवें चरण के मतदान से पहले पीएम मोदी एक बार फिर काशी में डेरा डालेंगे। इस बार वे 3 से 5 मार्च को चुनावी शोर थमने तक अपने संसदीय क्षेत्र में समय देंगे। इस दौरान वाराणसी और आसपास के जिलों में जनसभाओं के साथ उनके रोड शो का कार्यक्रम भी होगा। 2017 के विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी ने आखिरी दौर में काशी में डट कर पूरी चुनावी फिजां बदल दी थी।
माना जा रहा है कि भाजपा की इस बार भी यही रणनीति है क्योंकि वाराणसी सहित आसपास के 9 जिलों की 54 विधानसभा सीटों पर आखिरी चरण में 7 मार्च को मतदान होना है। पूर्वांचल में मोदी की मौजूदगी से भाजपा बड़ा सियासी संदेश देने में कामयाब हो सकती है।
भाजपा के केंद्रीय पदाधिकारियों के साथ ही प्रदेश भाजपा के पदाधिकारियों और संघ प्रतिनिधियों का पूरा फोकस वाराणसी पर है। प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र के चुनावी नतीजे बड़ा सियासी संदेश देने वाले साबित होंगे और इसी कारण भाजपा वाराणसी समेत पूर्वांचल में पूरी ताकत लगाने की तैयारी में जुटी हुई है।
मतों का बंटवारा रोकने में जुटे शाह
पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह का भी पूर्वांचल पर विशेष फोकस है। काशी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली 71 सीटों पर जीत के लिए वे लगातार मंथन में जुटे हुए हैं। शाह ने सोमवार और मंगलवार को भाजपा की कोर टीम के साथ बैठक करके काशी क्षेत्र की सीटों के लिए विशेष रणनीति पर मंथन किया है। उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों को ऐसी सीटें चिन्हित करने का निर्देश दिया है जहां विपक्ष का प्रत्याशी मजबूत स्थिति में दिख रहा है।
ऐसी सीटों पर पार्टी की ओर से पूरी ताकत झोंकने की तैयारी है। उन्होंने 2017 और 2019 के चुनावों की तरह इस बार भी भाजपा से जुड़े मुद्दों को बूथों तक पहुंचाने और हिंदू मतों का जातियों में बटवारा न होने देने के लिए विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है।
शाह भी काशी को ही बनाएंगे केंद्र
28 फरवरी तक शाह दो बार और काशी आएंगे। भाजपा सूत्रों का कहना है कि एक मार्च के बाद गृहमंत्री काशी को ही केंद्र बनाकर पूर्वांचल में समीकरण साधने की कोशिश करेंगे। पूर्वांचल में निषाद और कुर्मी मतदाताओं को साधने के लिए निषाद पार्टी और अपना दल (एस) के नेताओं की भी सभाएं कराने की तैयारी है। शाह ने पार्टी नेताओं को सहयोगी दलों की मदद लेने और सहयोगी दलों के चुनाव क्षेत्रों में उन्हें मदद देने का भी निर्देश दिया है।