Mission 2022: गैर यादवों को साधने में जुटे अखिलेश, BJP के वोट बैंक पर नजर, जानें- क्या है सपा की रणनीति
Mission 2022: अखिलेश यादव ने गैर यादव ओबीसी जातियों को साधने के लिए प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल और अन्य पिछड़ा वर्ग के नेताओं को मैदान में उतारा है।
Mission 2022: देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में हमेशा से जाति की राजनीति होती आई है । अब एक बार फिर जब मिशन 2022 की तैयारियां चल रही हैं, तब राजनीतिक दल जातीय समीकरण (caste equation) को साधने में जुट गए हैं। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने चुनाव से पहले ओबीसी जातियों (OBC cast) की गोलबंदी का कार्य शुरू कर दिया है, जिसके लिए उन्होंने अपने गैर यादव (gair yadav) पिछड़े नेताओं को आगे कर दिया है। पिछले दो चुनावों में मिली करारी हार के बाद अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) 2022 में फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं। अखिलेश यादव सपा पर लगे 'यादव समुदाय की पार्टी' (yadav samudaye ki party) के ठप्पे को मिटाकर अन्य ओबीसी जातियों का भरोसा जीतने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
जाहिर 2014, 2017 और 2019 के चुनाव में गैर यादव ओबीसी मतदाता ज्यादातर भारतीय जनता पार्टी के पाले में चला गया। यही उसकी सबसे बड़ी जीत का कारण बना।अब 2022 के लिए अखिलेश यादव की गैर यादव जातियों पर नजर है। जिसके जरिए वह कुर्मी, मौर्य, निषाद, कुशवाहा, प्रजापति, सैनी, वर्मा, काछी, सहित तमाम अन्य पिछड़ी जातियों में पैठ बनाने के लिए पार्टी के पिछड़े नेताओं द्वारा विशेष अभियान चलवा रहे हैं।
सपा का पिछड़ा वर्ग सम्मेलन
अखिलेश यादव ने गैर यादव ओबीसी जातियों को साधने के लिए प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल और अन्य पिछड़ा वर्ग के नेताओं को मैदान में उतारा है। इसके अलग-अलग हिस्सों में यात्राएं निकालकर उन्हें सपा से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। पिछड़ा वर्ग सम्मेलन के पहले चरण की सफलता के बाद अब अखिलेश यादव ने दूसरे चरण की शुरुआत करने के लिए कहा है । जिसमें निषादों, मल्लाहों, कश्यप समेत अन्य समुदायों को सपा के करीब लाने की कोशिश पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजपाल कश्यप कर रहे है।राजपाल कश्यप पिछले दिनों यूपी के तमाम जिलों का दौरा कर इन जातियों को सपा से जोड़ने का कार्य करते दिखे, जिसके जरिए वह बीजेपी पर हमलावर भी दिखाई दिए।
जातिगत जनगणना की मांग उठाने पर
सपा की महिला प्रदेश अध्यक्ष लीलावती कुशवाहा को महिलाओं के साथ-साथ कुशवाहा समाज को जोड़ने की जिम्मेदारी दी गई है। सपा का सबसे ज्यादा जोर जातिगत जनगणना की मांग उठाने पर है। इस मुद्दे को पिछड़ों के बीच मथा जा रहा है। अखिलेश यादव ने यहां तक कहा है कि सरकार जातिगत जनगणना नहीं कराती है तो उनकी सरकार बनने पर वह यूपी में जातिगत जनगणना कराएंगे। उसी हिसाब से आरक्षण का लाभ दिलाया जाएगा। पिछड़ों के अलावा दलितों को भी पाले में करने की कवायद समाजवादी खेमे में हो रही है। समाजवादी अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष व्यास जी गोंड संविधान बचाओ यात्रा निकाल रहे हैं।
सपा के सहयोगी छोटे दल भी चला रहे अभियान
समाजवादी पार्टी 2022 में अभी तक किसी बड़े दल के साथ गठबंधन के संकेत नहीं दिए हैं। उनका छोटे-छोटे दलों के साथ तालमेल बैठ रहा है, सपा के साथ अभी आरएलडी, महान दल, जनवादी पार्टी सोशलिस्ट के साथ ही कुछ दलों का सपा में विलय भी हुआ है। ये सभी दल बीजेपी के मुखर विरोधी हैं । अखिलेश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर 2022 में साइकिल को जिताने के लिए मेहनत कर रहे हैं। सपा की सहयोगी जनवादी पार्टी सोशलिस्ट के अध्यक्ष संजय चौहान कई दिनों से भाजपा हटाओ प्रदेश बचाओ जनक्रांति यात्रा निकाल रहे हैं। दूसरी सहयोगी पार्टी महान दल प्रदेश भर में अखिलेश यादव के समर्थन में यात्रा निकाल चुका है। महान दल का असर पश्चिमी यूपी के कुछ जिलो मे माना जाता है।