यूपी में बिजलीकर्मियों का कार्य बहिष्कारः इस दिन होगा आंदोलन, ये है मांग

सरकार और प्रबंधन को नोटिस भी भेजी है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि अगर  निजीकरण का प्रस्ताव निरस्त न किया गया तो आगामी 05 अक्टूबर से बिजलीकर्मी पूरे दिन का कार्य बहिष्कार करेंगे।

Update: 2020-09-25 13:32 GMT
निजीकरण के विरोध में आंदोलन को तेज करेगी विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति

लखनऊ पूर्वांचल विद्युत् वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन को और तेज करते हुए विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने एलान किया है कि प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर व् अभियंता आगामी 29 सितंबर से 03 घंटे का कार्य बहिष्कार करेंगे। संघर्ष समिति ने इस संबंध में सरकार और प्रबंधन को नोटिस भी भेजी है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि अगर निजीकरण का प्रस्ताव निरस्त न किया गया तो आगामी 05 अक्टूबर से बिजलीकर्मी पूरे दिन का कार्य बहिष्कार करेंगे।

 

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कार्य बहिष्कार आंदोलन

संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने शुक्रवार को बताया कि कार्य बहिष्कार आंदोलन के पहले शहीद ए आजम भगत सिंह के जन्मदिन पर 28 सितंबर को राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के सभी जनपदों व परियोजनाओं पर मशाल जुलूस निकाले जाएंगे। उन्होंने बताया कि पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म जयंती के मौके पर शुक्रवार को निजीकरण के विरोध में प्रदेश भर में सांसदों व विधायकों को बड़े पैमाने पर ज्ञापन दिए।

 

इसी क्रम में राजधानी लखनऊ में सांसद कौशल किशोर व विधायकों जया देवी, अवनीश त्रिवेदी को ज्ञापन दिया गया। मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर ने संघर्ष समिति की मांग का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर निजीकरण निरस्त करने की मांग की है।

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सोशल मीडिया से

निर्बाध बिजली आपूर्ति

संघर्ष समिति द्वारा सांसदों व् विधायकों को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि पूर्वांचल विद्युत् वितरण निगम का निजीकरण किसी भी प्रकार से प्रदेश व आम जनता के हित में नहीं है। निजी कंपनी मुनाफे के लिए काम करती है जबकि पूर्वांचल विद्युत् वितरण निगम बिना भेदभाव के किसानों और गरीब उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति कर रहा है। निजी कंपनी अधिक राजस्व वाले वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को प्राथमिकता पर बिजली देगी।

 

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जो ग्रेटर नोएडा और आगरा में हो रहा है। उत्तर प्रदेश में बिजली की लागत का औसत 07.90 रुपये प्रति यूनिट है और निजी कंपनी द्वारा एक्ट के अनुसार कम से कम 16 प्रतिशत मुनाफा लेने के बाद 09.50 रुपये प्रति यूनिट से कम दर पर बिजली किसी को नहीं मिलेगी। इस प्रकार एक किसान को लगभग 8000 रुपये प्रति माह और घरेलू उपभोक्ताओं को 8000 से 10000 रुपये प्रति माह तक बिजली बिल देना होगा।

 

रिपोर्टर मनीष श्रीवास्तव

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