UP Ganga Flood: प्रयागराज से बलिया तक गंगा का रौद्र रूप, तटवर्ती इलाके डूबे,चित्रकूट में शव लिए बैठे रहे लोग

UP Ganga flood: बलिया में स्थिति ज्यादा गंभीर देख रही है क्योंकि यहां पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-08-21 05:58 GMT

प्रयागराज से बलिया तक गंगा का रौद्र रूप (photo: social media )

UP Ganga flood: पहाड़ों पर हो रही जोरदार बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण प्रयागराज से बलिया तक गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। प्रयागराज, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया सभी जिलों में तटवर्ती इलाके जलमग्न हो गए हैं। इस कारण तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

बलिया में स्थिति ज्यादा गंभीर देख रही है क्योंकि यहां पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। कई बस्तियों में पानी घुस जाने के कारण लोगों ने सुरक्षित स्थानों की ओर जाना शुरू कर दिया है। गाजीपुर में भी गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है। वाराणसी में गंगा में बाढ़ के कारण वरुणा के तटवर्ती इलाकों में भी पानी भर गया है और लोगों ने घरों को छोड़ना शुरू कर दिया है।

बलिया में जलस्तर लाल निशान के पार

बलिया में गंगा का जलस्तर लाल निशान के पार जा चुका है और अभी भी इसमें दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही है। गंगा में खतरे का निशान 57.615 मीटर पर है जबकि शनिवार शाम को छह बजे बलिया में गंगा का जलस्तर 58.180 मीटर दर्ज किया गया। गंगा के जलस्तर में इस तेज बढ़ोतरी के कारण दुबे छपरा, गोपालपुर और उदयी छपरा में पानी बस्तियों में घुसने लगा है और बस्तियों के लोग लोगों ने सुरक्षित ठिकानों की ओर जाना शुरू कर दिया है।

गाजीपुर में भी गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। यहां खतरे का निशान 63.105 मीटर पर है जबकि शनिवार शाम को यहां जलस्तर 63.390 मीटर दर्ज किया गया। गाजीपुर में गंगा का जलस्तर 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। इस रफ्तार को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि जल्द ही गंगा यहां भी खतरे के निशान को पार कर सकती हैं। गंगा में बाढ़ के कारण ग्रामीण इलाकों में पशुओं के चारे का संकट भी पैदा हो गया है।

चंदौली में भी गंगा का जलस्तर चिंता का विषय बन गया है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शनिवार की शाम यहां गंगा में 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ाव दर्ज किया गया। यहां पर गंगा का जलस्तर अभी खतरे के निशान से एक मीटर नीचे है।

वाराणसी में जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी

वाराणसी में गंगा का जलस्तर तेजी से लाल निशान की ओर बढ़ रहा है। यहां पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 71.262 मीटर से 1.64 मीटर नीचे है। गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी के कारण वरुणा नदी में पलट प्रवाह ने तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के सामने बड़ा संकट पैदा कर दिया है। वरुणा कॉरिडोर पूरी तरह से जलमग्न हो गया है और शास्त्री घाट पर भी पानी ऊपर चढ़ने लगा है। वरुणा पार के कई परिवारों को बाढ़ राहत शिविर में पहुंचाया गया है। वाराणसी में गंगा के जलस्तर में 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

गलियों में हो रहा शवदाह

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने शनिवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। सरकारी सूत्रों का कहना है कि खतरे के निशान पर जलस्तर पहुंचते ही सभी बाढ़ राहत शिविरों में शरणार्थियों के लिए भोजन का प्रबंध शुरू कर दिया जाएगा। डीएम ने सभी सरकारी विभागों के अफसरों को अपनी ड्यूटी पर मुस्तैदी से जुटने का निर्देश दिया है। बाढ़ वाले इलाकों में गश्त तेज करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट के डूब जाने के कारण अंतिम संस्कार करने वाले लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। हरिश्चंद्र घाट पर तो गलियों में शवदाह किया जा रहा है जबकि मणिकर्णिका घाट पर लोग छतों पर शवदाह करने के लिए मजबूर हैं। इन दोनों घाटों पर जगह काफी कम होने के कारण लोगों को अंतिम संस्कार करने के लिए 3 से 4 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है।

प्रयागराज में भी बढ़ी लोगों की मुसीबत

संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना के जलस्तर में तेजी से हो रही बढ़ोतरी ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। दोनों नदियां खतरे के निशान के बेहद करीब पहुंच चुकी हैं और तटीय इलाकों में रहने वाले लोग छतों पर अपना ठिकाना बनाने के लिए मजबूर हो गए हैं। दारागंज के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के घरों में पानी घुस गया है। सूत्रों का कहना है कि करीब तीन दर्जन से अधिक तटवर्ती इलाके डूब चुके हैं और इन इलाकों में रहने वाले बहुत से लोगों को बाढ़ राहत शिविरों में शिफ्ट हो चुके हैं।

हालांकि इस बार प्रयागराज में उम्मीद के मुताबिक बारिश अभी तक नहीं हुई है मगर पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश और बांधों से गंगा और यमुना में पानी छोड़े जाने का असर प्रयागराज में दिख रहा है। गंगा का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है और अगर यही रफ्तार बनी रही तो जलस्तर जल्द ही खतरे के निशान को पार कर जाएगा। दोनों नदियों के बढ़ते हुए जलस्तर को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट हो गया है।

चित्रकूट में शव लेकर आधी रात तक बरदहा नदी के पास बैठे रहे परिजन

चित्रकूट। लगातार दो दिन से धर्मनगरी चित्रकूट में हो रही बारिश की वजह से नदी नाले उफना रहे है। जिसकी वजह से लोगों को आवागमन में काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही है। मानिकपुर के पाठा क्षेत्र की बरदहा नदी में रपटे ऊपर पानी बहने से आधा दर्जन गांवों का संपर्क कटा हुआ है। शनिवार की देर शाम पोस्टमार्टम कराकर गर्भवती बहन व भाई का शव लेकर वापस गांव जा रहे परिजन बरदहा नदी के पास आधी रात तक फंसे रहे। रात करीब एक बजे नदी का जलस्तर कुछ कम होन के बाद प्रशासन ने उनको किसी तरह नदी पार कराया।



शनिवार को सुबह करीब छह बजे कच्ची दीवार गिरने से मानिकपुर थाना क्षेत्र के मऊ गुरदरी निवासी हेतलाल कोल की 21 वर्षीया गर्भवती बेटी बबिता व नौ वर्षीय भाई हेतलाल की मलबे में दब जाने से मौत हो गई थी। दोपहर में पुलिस ने दोनों शव का पंचनामा करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए मुख्यालय भेजा था। देर शाम को पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजन दोनों के शव अंतिम संस्कार के लिए वापस गांव गुरदरी लेकर जा रहे थे, जब वह बरदहा नदी के पास पहुंचे तो पानी रपटा के ऊपर काफी तेज गति से बह रहा था। परिजनों ने पहले तो नदी से निकलने की हिम्मत जुटाई, लेकिन वाहन चालक ने मना कर दिया। नदी का जलस्तर कम होने के इंतजार में परिजन वहीं पर बैठ गए। रात करीब नौ बजे तक उनके भोजन आदि का कोई इंतजाम नहीं था। वह भूखे प्यासे नदी का जलस्तर कम होने का इंतजार करने लगे। कुछ ही देर बाद मानिकपुर कोतवाली प्रभारी गिरेन्द्र सिंह को जानकारी हुई कि मृतकों के परिजन शव लेकर नदी के पास कई घंटे से बैठे हुए है। उन्होंने उनके खाने पीने का इंतजाम किया। इसके बाद खुद फोर्स के साथ खाना लेकर मौके पर पहुंचे। परिजनों को वहीं पर भोजन उपलब्ध कराया। इसके बाद कई घंटे तक थाना प्रभारी खुद बैठे रहे। आधी रात करीब एक बजे नदी का जलस्तर कम होने पर थाना प्रभारी ने परिजनों और उनके शव वाहन को नदी से पार कराया। उधर रात भर गांव के लोग, रिश्तेदार व अन्य परिजन भी शव आने का इंतजार करते रहे। आधी रात के बाद शव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। रविवार को सुबह से ही बारिश होने के कारण फिलहाल अभी तक शव का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है। परिजन अंतिम संस्कार की तैयारी करने में लगे है।

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