अब हर हुनर को मिलेगी आवाज, योगी सरकार की इस नई योजना के साथ..
यूपी के हर जिले में कोई न कोई पारम्परिक उद्योग हैं। जैसे—पीलीभीत की बांसुरी, एटा की घंटी, ललितपुर की कृष्ण की मूर्ति, बहराइच में गेहूं के डंठल से निर्मित कलाकृतियों की स्थानीय स्तर पर पहचान है। पर आम जनता इस हुनर से परिचित नहीं है।
लखनऊ: यूपी के हर जिले में कोई न कोई पारम्परिक उद्योग हैं। जैसे- पीलीभीत की बांसुरी, एटा की घंटी, ललितपुर की कृष्ण की मूर्ति, बहराइच में गेहूं के डंठल से निर्मित कलाकृतियों की स्थानीय स्तर पर पहचान है। पर आम जनता इस हुनर से परिचित नहीं है। अब योगी सरकार छोटे—छोटे शहरों में प्रतिष्ठित इसी स्किल को दुनिया भर में पहचान दिलाने की तैयारी में है। इसीलिए ‘एक जनपद एक उत्पाद’ (ODOP) योजना शुरू होने जा रही है। यूपी के पहले स्थापना दिवस समारोह (24 जनवरी) के मौके पर यह योजना लांच की जाएगी।
भदोही के कालीन, नवाबों की नगरी के नाम से विख्यात लखनऊ का एंब्राइडरी वर्क दूर-दूर तक मशहूर है, पर अम्बेडकरनगर का पावरलूम और अमेठी के बिस्कुट उदयोग के बारे में कम ही लोग जानते होंगे जो पारम्परिक तौर पर यहां पीढी दर पीढी चलता रहा है।
जिलों के इसी उदयोग को पहचान दिलाने के लिए सरकार अगले पांच वर्ष में 25 हजार करोड़ का निवेश करने जा रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि इससे करीबन 25 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। इतना ही नहीं ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ की अवधारणा को विकसित करने के लिए ODOP सेल का गठन होगा। इसके संचालन के लिए जिला स्तर और शासन स्तर पर समिति बनेगी।