Ramcharitmanas Controversy: सरकार ने कहा रामचरितमानस जलाना राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला, दो आरोपियों के खिलाफ NSA लगा
Ramcharitmanas Controversy: शासन के निर्देश पर पुलिस रविवार को रामचरित मानस की प्रतियां जलाने वाले दो आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत करवाई की है।
UP News: रामचरितमानस की प्रतियां जलाने को सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बताया है। शासन के निर्देश पर पुलिस रविवार को रामचरित मानस की प्रतियां जलाने वाले दो आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत करवाई की है। एडीसीपी पूर्वी सैय्यद अब्बास के मुताबिक, जेल में बंद पीजीआई निवासी सलीम और सैनिक नगर निवासी सत्येंद्र के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की गई है। उन्हें इसका आदेश जेल में तामील करा दिया गया है।
एडीसीपी पूर्वी सैय्यद अब्बास के मुताबिक, 29 जनवरी को थाना पीजीआई क्षेत्र में रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इसी मामले में दो आरोपी सलीम और सत्येंद्र कुशवाहा को लोक व्यवस्था को कायम रखने में बाधा डालने के लिए जिलाधिकारी लखनऊ द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) की धारा 3 के उपधारा 2 के अंतर्गत निरुद्ध किए जाने का आदेश आज रविवार को जिला कारागार लखनऊ में तामील कराया गया है।
एडीसीपी पूर्वी सय्यद अब्बास के मुताबिक ऐशबाग निवासी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला कार्य समिति के सदस्य सतनाम सिंह उर्फ लवी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था। सतनाम का आरोप था कि इन लोगों ने रामचरितमानस की प्रतियां जलाकर एक समुदाय की भावना को आहत करने, सांप्रदायिक दंगा, विद्वेष फैलाने, हिंसा के लिए लोगों को उकसाने, कानून व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास किया। इसके बाद तत्काल सैनिक नगर के सत्येंद्र कुशवाहा, आलमबाग के यशपाल सिंह लोधी, साउथ सिटी के देवेंद्र प्रताप यादव, बलदेव विहार तेलीबाग के नरेश सिंह और उतरेटिया के सलीम को गिरफ्तार किया गया।
यह था मामला
रामचरितमानस पर पूर्व मंत्री व सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान को समर्थन देने के लिए अखिल भारतीय ओबीसी महासभा ने 29 जनवरी को सुबह पीजीआई थानांतर्गत वृंदावन योजना तिराहे पर प्रदर्शन किया था। इस दौरान कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने रामचरित मानस की प्रतियां जलाते हुए नारेबाजी की थी। महासभा के पदाधिकारी देवेंद्र यादव ने कहा था कि श्रीरामचरित मानस में कई चौपाइयों में जातियों के विषय में गलत बातें लिखी हैं। प्रदेश सरकार से श्रीरामचरित मानस में लिखित चौपाइयों को हटाने और संशोधित करने का बयान जारी किया था।