High Court News: यूपी सरकार ने हाईकोर्ट में सरकारी वकीलों की तैनाती पर लगाई रोक, सूची में मिली खामी

High Court News: योगी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ खंडपीठ में सरकार का पक्ष रखने के लिए नियुक्त किए गए 800 से ज्यादा सरकारी वकीलों की तैनाती पर रोक लगा दी है।

Update: 2022-08-06 10:13 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट-लखनऊ खंडपीठ: Photo- Social Media

Lucknow: योगी सरकार (Yogi Sarkar) ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) और लखनऊ खंडपीठ (Lucknow Bench) में सरकार का पक्ष रखने के लिए नियुक्त किए गए 800 से ज्यादा सरकारी वकीलों की तैनाती पर रोक लगा दी है। इसके पीछे वजह यह बताई जा रही है कि स्टैंडिंग काउंसिल (standing council) और ब्रीफ होल्डर (brief holder) की सूची में त्रुटि मिली है। अब इस त्रुटि को सुधार करने के बाद लिस्ट को फिर से जारी किया जाएगा। जिसके बाद नई तैनाती पाए वकीलों की सांसे अटक गई हैं कि अब नई लिस्ट में उनका नाम रहेगा या नहीं?

1 अगस्त को जारी हुई थी लिस्ट

बता दें यूपी सरकार (UP government) ने 1 अगस्त 2022 को एक झटके में 841 से ज्यादा सरकारी वकीलों को हटा दिया था। जो इसी सरकार में नियुक्त किए गए थे। इनकी जगह पर 800 से ज्यादा नए वकीलों की तैनाती की गई थी। लेकिन अब इनकी नियुक्ति भी अधर में फंस गई है। सरकार ने जो नई लिस्ट जारी की थी उसमें 586 वकीलों को नियुक्त किया गया था। जिसमें 366 इलाहाबाद हाईकोर्ट और 220 लखनऊ खंडपीठ के लिए थे।

बर्खास्त वकीलों की लिस्ट

31 जुलाई को राज्य के विधि एवं न्याय विभाग के विशेष सचिव निकुंज मित्तल की तरफ से यह आदेश जारी किया गया था। जिसमें अपर महाधिवक्ता विनोद कांत, प्रधान पीठ प्रयागराज में 26 अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता की छुट्टी कर दी गई थी। इसके साथ ही 179 स्थाई अधिवक्ताओं को हटाया गया था। 111 ब्रीफ होल्डर सिविल की सेवाएं समाप्त की गई थी।

क्रिमिनल साइड के 141 ब्रीफ होल्डर, 47 अपर शासकीय अधिवक्ताओं की छुट्टी की गई थी। लखनऊ बेंच के दो चीफ स्टैंडिंग काउंसिल की सेवाएं भी समाप्त हुई थी। इसके अलावा 33 एडिशनल गवर्नमेंट एडवोकेट भी हटाए गए हैं। क्रिमिनल साइड के 66 ब्रीफ होल्डर भी हटाए गए हैं। 176 सिविल ब्रीफ होल्डर को तत्काल प्रभाव से हटाया गया है। 59 एडिशनल चीफ स्टैंडिंग काउंसिल व स्टैंडिंग काउंसिल को भी हटाया गया है।

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