UP News: अदालत के अवमानना के आरोप में घिरे यूपी सरकार के दो अफसर, 69 हजार शिक्षक भर्ती का है मामला

UP News:अदालत ने मामले में अगली सुनवाई की तारीख 19 दिसंबर का तय किया है। दोनों अधिकारियों को इस तारीख पर कोर्ट के समक्ष पेश होकर अवमानना के आरोपों का जवाब देने का आदेश दिया गया है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-11-25 12:31 IST

Two up govt officers accused  (photo: social media )

UP News: 69 हजार शिक्षक भर्ती परीक्षा में एक अंक बढ़ाने का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच में चल रहा है। शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने अधिकारियों के ढ़ुलमुल रवैये पर सख्त रूख अपनाया है। बार-बार अवसर दिए जाने के बावजूद आदेश का अनुपालन न करने पर कोर्ट ने बेसिक शिक्षा बोर्ड के सचिव प्रताप सिंह बघेल और परीक्षा नियामक प्राधिकरण के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी पर अवमानना का आरोप तय कर दिया है।

अदालत ने मामले में अगली सुनवाई की तारीख 19 दिसंबर का तय किया है। दोनों अधिकारियों को इस तारीख पर कोर्ट के समक्ष पेश होकर अवमानना के आरोपों का जवाब देने का आदेश दिया गया है। जस्टिस राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने याची सुरंगमा शुक्ला की अवमानना याचिका पर यह फैसला सुनाया है।

दरअसल, पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि दोनों अधिकारी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं, मगर कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं कर रहे हैं। अदालत ने कहा था कि दोनों अधिकारी एक साथ बैठकर इस मामले में कोई ठोस निष्कर्ष निकालें और अगली सुनवाई पर कोई ठोस योजना के साथ कोर्ट के समक्ष उपस्थित हों।

अन्यथा, अपीलीय कोर्ट के आदेश की अवमानना में दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने दोनों अधिकारियों से कहा था कि उन्हें आदेश का अनुपालन न करने का स्पष्टीकरण भी देना होगा कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए।

क्या है पूरा मामला ?

साल 2019 में यूपी सरकार ने 69000 सहायक शिक्षकों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। रिट कोर्ट ने इस परीक्षा में शैक्षिक परिभाषा संबंधी एक प्रश्न पर एक अंक बढ़ाते हुए मेरिट कट ऑफ गुणांक के मुताबिक अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश पारित किया गया था। इस आदेश के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई मगर 9 नवंबर 2022 को अपील खारिज हो गई। इसके बावजूद सरकार की ओर से रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है।

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