यूपी की इस जेल में कैदी बोले, नहीं जाना जेल के बाहर, अंदर ही रहने दो सरकार
UP Jail: गाजियाबाद जिला जेल के बन्दी सरकार से उन्हें रिहा न करने कि गुहार लगा रहे हैं। हाल ही में चार बंदियों को पैरोल पर बाहर जाने को अनुमति मिली थी लेकिन चारों ने जेल से बाहर जाने से मना कर दिया।
UP Jail: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की जिला जेल में बन्द कैदी अलग ही डिमांड कर रहे हैं। बन्दी आजादी या जेल से रिहाई नहीं चाहते बल्कि कैद में ही रहना चाहते हैं। अब सवाल कि कैदियों की इस अजीबो गरीब डिमांड के पीछे की वजह क्या है?
दरअसल, गाजियाबाद जिला जेल के बन्दी सरकार से उन्हें रिहा न करने कि गुहार लगा रहे हैं। हाल ही में चार बंदियों को पैरोल पर बाहर जाने को अनुमति मिली थी लेकिन जेल प्रशासन उस समय परेशान हो गया जब चारों बंदियों ने जेल से बाहर जाने से मना कर दिया। बता दें कि चारो बन्दी गाज़ियाबाद, शामली, अलीगढ़ और लुधियाना के हैं।
पैरोल पर जेल से बाहर नही जाना चाहते बन्दी
बंदियों के जेल से बाहर न जाने के पीछे की वजह कोरोना का डर बताया जा रहा है। जेल प्रशासन का कहना है कि जब बंदियों से उनके इनकार की वजह पूछी गयी तो उन्होने तर्क दिया कि बाहर कोरोना फैला हुआ है , जेल में संक्रमण से बचे रहेंगे।
पैरोल पर बाहर जाने से मना करने के बाद इन बंदियों की सूचना जेल प्रशासन ने शासन को भेज दी हैं। मामले में जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि जेल में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सरकार और कोर्ट ने कैदियों की संख्या को कम करने की बात कही थी।
जेल में कैदियों को कम करने का सरकार का फैसला
इसी के तहत सात साल तक की सजा वाले और 65 वर्ष से अधिक उम्र के दोष सिद्ध हो चुके बंदियों को 60 दिन की अंतरिम जमानत/ विशेष पैरोल देने का फैसला लिया गया था।
सरकार और कोर्ट के निर्देशानुसार जेल में बंद कैदियों की एक सूची तैयार की गई, जिसमे गाज़ियाबाद और हापुड़ के 700 से ज्यादा बंदियों के नाम शामिल थे। ये वो कैदी थे, जो पैरोल पर रिहा किये जा सकते थे। सूची जिला जज गाजियाबाद और हापुड़ को भेजी गई थी।
700 बन्दी अंतरिम जमानत पर रिहा
बाद में गाजियाबाद और हापुड़ के साढ़े सात सौ विचाराधीन बंदी दो माह की अंतरिम जमानत पर रिहा किए गए। साथ ही 54 सिद्धदोष बंदी भी दो माह की पैरोल पर जेल से बाहर भेजे गए।
हालांकि चार कैदियों ने पैरोल लेने से इनकार करते हुए खुद को कोरोना से महफूज रखने की वजह दी। उन्होंने कहा कि कि जेल से बाहर कोरोना संक्रमण खतरनाक स्तर पर है। सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। इसलिए वे बाहर नहीं जाना चाहते। इसके अलावा तीन अन्य बंदियों की पैरोल का प्रस्ताव शासन में लंबित है।