UP Lok Adalat : उत्तर प्रदेश में हुआ लोक अदालतों का आयोजन, जानें इन जिलों का हाल
UP Lok Adalat : उत्तर प्रदेश में आज लोक अदालतों का आयोजन किया गया।
UP Lok Adalat : उत्तर प्रदेश में आज यानि 11 सितम्बर को लोक अदालतों (Lok Adalat) का आयोजन किया गया। जिसमें यूपी के कई जिले शामिल हैं। वहीं आज जिला जौनपुर (Jaunpur) में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस लोक अदालत में विभिन्न न्यायालयों में लंबित शमनीय अपराध के 4666 मुकदमे लगाए गए जिनमें ई-चालान के 1550 मुकदमों सहित कुल 3350 मुकदमें निस्तारित किए गए। वहीं एटा में अधिवक्ताओं ने लोक अदालत का बहिष्कार किया। कहा यह लोक अदालत नहीं लूट अदालत है। एटा के चीफ जस्टिस, सर्वोच्च न्यायालय मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय व अध्यक्ष बार काउंसलिंग उत्तर प्रदेश को पत्र भेजा।
राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न वादों का निस्तारण हुआ
Jaunpur News : उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में आज दीवानी न्यायालय परिसर जौनपुर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस लोक अदालत में विभिन्न न्यायालयों में लंबित शमनीय अपराध के 4666 मुकदमें लगाए गए जिनमें ई-चालान के 1550 मुकदमों सहित कुल 3350 मुकदमें निस्तारित किए गए। जिन पर 6 लाख 50 हजार 680 रुपये का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया। दीवानी के कुल 382 वाद लगाये गये जिनमें से 290 वाद निस्तारित किये गये तथा 2 करोड़ 77 लाख 28 हजार 727 रू0 के उत्तराधिकार प्रमाण पत्र निर्गत किये गए। विद्युत अधिनियम के अंतर्गत 133 वाद लगाये गये जिनमें 110 मुकदमों का निस्तारण किया गया तथा 12 हजार 500 रू0 का अर्थदण्ड लगाया गया।
परक्राम्य अधिनियम (एन0आई0 एक्ट) के अंतर्गत 10 वाद लगाये गये जिनमें 10 मुकदमों का निस्तारण किया गया तथा अन्य प्रकार के 96 मुकदमें लगाए गए जिनमें से 87 मुकदमें निस्तारित हुए जिनमें से 2070 रू0 समझौता राशि दिलायी गई। वैवाहिक/ पारिवारिक न्यायालयों से सम्बन्धित कुल 70 वाद लगाये गये जिनमें से कुल 63 वाद निस्तारित कराते हुए 74 लाख 19 हजार रूपये भरण-पोषण की धनराशि सायला को दिलवायी गयी।
पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में उनके द्वारा निस्तारण हेतु एम0ए0सी0टी0 के 45 वाद लगाये गये जिनमें से 32 वादों का निस्तारण कराते हुए 1 करोड़ 67 लाख 20 हजार रूपये की प्रतिकर धनराशि याचीगण को दिलाई गई। इस प्रकार न्यायालयों में लम्बित कुल 5402 मुकदमें लगाए गए जिसमें से 3942 वादों का निस्तारण कराते हुए 5 करोड़ 25 लाख 33 हजार 477 रूपये वसूली की गयी।
जनपद के राजस्व न्यायालयों द्वारा प्री-लिटिगेशन स्तर पर निस्तारण हेतु राजस्व के 464 मुकदमें लगाकर 462 मुकदमों, फौजदारी के 2474 मुकदमें लगाकर 2474 वादों तथा अन्य प्रकार के 5449 मुकदमें लगाकर 4954 तथा सेवा से सम्बन्धित 02 मुकदमें लगाकर 01 वाद का निस्तारण कराया गया। नगर पालिका द्वारा जलकर से सम्बन्धित 26 वाद लगाकर 26 वादों का निस्तारण किया गया। विभिन्न बैंको द्वारा ऋण वसूली के 788 वादों का निस्तारण कराया गया तथा 4 करोड़ 40 लाख 25 हजार 545 रूपये पर समझौता कराया गया। विद्युत विभाग द्वारा विद्युत बकाया वसूली के 72 वाद लगाकर 72 वाद निस्तारित कराया गया। इस प्रकार जनपद में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में सभी प्रकार के कुल 24682 मुकदमें निस्तारण हेतु लगाये गये जिनमें से 12719 वादों का निस्तारण कराया गया।
लोक अदालत के आयोजन का शुभारम्भ जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मदन पाल सिंह द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर न्यायाधीशगण, प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, अध्यक्ष, स्थायी लोक अदालत सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
रिपोर्ट : कपिल देव मौर्य
एटा में अधिवक्ताओं ने किया लोक अदालत का बहिष्कार
Etah News : एटा जनपद (Etah District) के कचहरी सभागार में आज आयोजित की गई लोक अदालत का एटा के अधिवक्ताओ ने जिला जज एटा के अधिवक्ताओं से अमर्यादित व्यवहार व अभद्र शब्दो के प्रयोग से छुब्ध होकर विरोध किया गया और लोक अदालत (Public Court) का बहिष्कार किया। लोक अदालत के बहिष्कार व टकराव को देखते हुए वहां भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया।
बार एसोसिएशन के सचिव राकेश यादव ने कहा कि एटा में जिला जज संदीप जैन जब से आये हैं तब से डायस पर बैठकर अधिवक्ताओं से अभद्र व अमर्यादित भाषा का प्रयोग करके उन्हें अपमानित करते हैं। जब इसकी शिकायत करने बार एसोसिएशन के पदाधिकारी उनसे मिलने गए तो उन्होंने अधिवक्ताओं के साथ अशिष्ट व धमकी भरे लहजे का प्रयोग किया गया जिसको लेकर सभी पदाधिकारियों एवं अधिवक्ताओं में भारी आक्रोश है।
7 अगस्त को आम सदन की बैठक में जिला जज संदीप जैन के आचरण एवं व्यवहार की एक स्वर से निंदा एवं भर्त्सना प्रस्ताव पारित किया गया। उन्होंने अपने शिकायती पत्र में यह भी कहा कि ऐसी स्थिति में कभी भी विषम स्थिति उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने बताया कि उक्त प्रकरण की शिकायत मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय इलाहाबाद व मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय को स्वतः संज्ञान लेने के लिए भेजा गया है। साथ ही अधिवक्ताओं ने लोक अदालत मे 500 के चालान के दो हजार से लेकर चार हजार रुपये तक बसूलने का आरोप लगाया है।
रिपोर्ट : सुनील मिश्रा